कांग्रेस ने धमाकेदार अंदाज में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है

कांग्रेस नेता अपने बयानों के माध्यम से भाजपा को लाभ पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं।

दिग्विजय सिंह बयान

Source- TFI

दिग्विजय सिंह का बयान: कांग्रेस पार्टी अपनी नई छवि के साथ जनता को चकित करने में अपना दिल और आत्मा लगा रही हैं। 2024 लोकसभा चुनावों से पूर्व लोगों के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस के राजकुमार भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। कांग्रेस को इस यात्रा से बहुत उम्मीदें हैं कि इसके माध्यम से वो आम जनता को अपने साथ जोड़ पाएगी। परंतु इस बीच कांग्रेस के नेता स्वयं ही अपनी पार्टी की फजीहत कराने में जुटे हुए हैं, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो कांग्रेस ने चुनाव में अपने लिए कम और भाजपा के लिए अधिक प्रचार करना शुरू कर दिया है।

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दिग्विजय सिंह का बयान

बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बयान देकर फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने “सर्जिकल स्ट्राइक” पर एक बार फिर से प्रश्न उठा दिए जिसके बाद उनके बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा है कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदें पर ही चल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आज तक संसद के सामने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक या 2019 के पुलवामा आतंकी हमले पर रिपोर्ट पेश नहीं की है। सरकार लगातार झूठ बोलती रही है।

जहां एक तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के इस बयान से कांग्रेस पार्टी ने तो किनारा कर लिया है और दिग्गी राजा के बयान को उनका निजी बयान करार दे दिया है। साथ ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के इस बयान पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं भाजपा भी दिग्विजय के इस बयान पर खुलकर कांग्रेस पर हमले कर रही है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दिग्विजय सिंह के इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुआ कहा- “भारत जोड़ो यात्रा तो नाम की है, भारत को तोड़ने का काम स्वयं राहुल गांधी और तमाम कांग्रेस के नेता उनके इशारे पर कर रहे हैं। सुर्खियों में बने रहने के लिए गैर जिम्मेदाराना बयान देना कांग्रेस का चरित्र है, लेकिन आप भारतीय सेना के विरुद्ध कुछ बोलेंगे तो ये भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि “ये भी सब जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी से राहुल गांधी और कांग्रेस को घृणा है लेकिन उनसे नफरत करते करते ऐसा लगता है कि राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह अंधे हो गए हैं। उनको अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है। देश के लिए भक्तिभाव भी समाप्त हो गया है।”

कांग्रेस ने बयान से किया किनारा

वहीं राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निजी बयान बताया और कहा कि उनके बयान से कांग्रेस सहमत नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि हमें सेना पर पूरा भरोसा है। सेना के शौर्य पर कोई सवाल नहीं है। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि सेना कुछ भी करें सबूत की आवश्यकता नहीं। इसके अतिरिक्त जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, “वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की ओर से व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और कांग्रेस की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। UPA सरकार की ओर से 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक किए गए थे। कांग्रेस ने सभी सैन्य कार्रवाई जो राष्ट्रीय हित में हैं उनका समर्थन किया है और आगे भी करती रहेगी।”

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भाजपा को होगा लाभ? 

आप देखेंगे कि शुरू से ही राहुल की यह भारत जोड़ो यात्रा विवादों का हिस्सा रही है। यह भारत जोड़ने की कम और हिंदुओं को तोड़ने की यात्रा अधिक नजर आ रही है। क्योंकि स्वयं राहुल गांधी ही इस बीच ऐसे ऐसे बयान दे रहे हैं, जिन्हें देखकर तो ऐसा ही लगता है। भारत जोड़ो यात्रा की तो शुरुआत ही हिंदू विरोध से हुई थी, क्योंकि तब राहुल गांधी विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मिले थे, जिन्होंने भारत माता का अपमान किया था। इसके अलावा राहुल ने इस यात्रा के दौरान ही गौ हत्यारे रिजिल मकुट्टी नाम के व्यक्ति से भी मुलाकात करते नजर आये। साथ ही बीते दिनों उनका “भारत तपस्वियों का देश है, पुजारियों का नहीं” पर भी बड़ा विवाद खड़ा हुआ था।

ऐसा पहली बार तो नहीं हुआ है जब कांग्रेस ने भारतीय सेना के शौर्य पर सवाल उठाया हो। इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी कई बार सेना के जवानों का अपमान कर चुकी है। ऐसा करने की उसकी आदत बहुत पुरानी रही है। आपको अवश्य याद होगा कि कैसे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही राहुल गांधी ने तवांग में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर कहा था कि चीन ने भारतीय सैनिकों की पिटाई की है। इस बयान के बाद राहुल गांधी की जमकर फजीहत हुई थी। इसके अलावा भी कांग्रेस नेताओं द्वारा हर थोड़े समय में ऐसे बयान दे दिए जाते हैं, जिन्हें सेना का अपमान माना जाता है।

चुनावों के पहले अक्सर ही कांग्रेस के किसी न किसी नेता के द्वारा ऐसा बयान दे दिए जाते हैं, जिनसे लाभ भाजपा को मिलने लगता है और तमाम चीजें उनके पक्ष में जाती हुई दिखने लगती है। एक बार फिर ऐसा ही कुछ होता दिख रहा है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से उसे तो कोई विशेष लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी बयानबाजी से भाजपा के पक्ष में माहौल अवश्य बना रहे हैं। ऐसे में यदि हम ये कहें कि एक बार फिर कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है, तो वो गलत नहीं होगा। इस बार भाजपा पिछली बार से भी अधिक सीटें जीतकर आये तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।

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