Darjeeling Kahan Hai : दार्जीलिंग कहाँ है : इतिहास एवं रोचक तथ्य
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Darjeeling Kahan Hai में साथ ही इससे जुड़े इतिहास एवं रोचक तथ्य के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
दार्जीलिंग कहाँ है –
भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है।
दार्जिलिंग का इतिहास –
प्राकृतिक सुन्दरता से लबालेब भारत का यह शहर पहले सिक्किम का हिस्सा हुआ करता था, बाद में वह भूटान के अधीन आ गया है, 18वीं शताब्दी में नेपाल ने इस पर फिर कब्जा कर लिया। ईस्ट इण्डिया कंपनी के अधीन भी रहा। इतने राजनीतिक परिवर्तन के बाद दार्जिलिंग एक युद्ध भूमि सा बन गया था।दार्जिलिंग शब्द की उत्पत्ति दो तिब्बती शब्द दोर्ज (ब्रज) लिंग (स्थान) से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ हुई ब्रज भूमि। 1856 के आस-पास दार्जिलिंग में चाय की खेती शुरू हुई। स्वतंत्रता के बाद यह भारत के अधीन हो गया और अब यह यहाँ का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।
दार्जिलिंग में खाने के लिए फेमस –
- नागा व्यंजन
- ट्रेडिशनल नेपाली थाली
- सेल रोटी
- चुरपी
- कवती
- चेज
- गुन्द्रक
- आलू दम
- थुकपा
- शाफले
रोचक तथ्य –
- यहां का मौसम साफ रहने पर माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी दार्जिलिंग से दिखाई पड़ती है।
- यहां पर देश का पहला यात्री रोपवे स्थित है, जिसे रंगीन वैली पैसेंजर रोपवे कहते हैं।
- दार्जिलिंग अपने चाय के बागानों के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध है।
- सुंदर हिल स्टेशन होने के कारण यह क्वीन ऑफ हिल्स के नाम से जाना जाता है।
- यहां के संजय गांधी जैविक पार्क में लाल पांडा और ब्लैक बियर जैसे अनेक दुर्लभ प्रजाति के जंतु पाए जाते हैं।
दार्जिलिंग में घूमने की जगह
टाइगर हिल –
टाइगर हिल 2590 मीटर की ऊँचाई पर और दार्जिलिंग से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। टाइगर हिल सनसेट पॉइंट के लिए सबसे अधिक लौक प्रिय पर्यटन स्थल हैं। टाइगर हिल से कंचन जंगा का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता हैं। टाइगर हिल की सबसे दिलचस्प बात घूम का शिखर और बर्फ से ढंकी हुई पहाड़ियां हैं पर्यटकों को बहुत अधिक लुभाती हैं।
बतासिया लूप –
बतासिया लूप प्राकृतिक रूप से हरा-भरा ट्रेन मार्ग हैं जोकि दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की ऊंचाई को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया हैं। बतासिया लूप की सबसे करामाती पहलुओं में शामिल इसकी बेजोड़ प्राकृतिक सुंदरता है, जोकि अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है। यहां से कंचन जंगा की बर्फीली पहाड़ियों का नजारा भी देखा जा सकता हैं।
रोपवे –
पर्वतों से लेकर शानदार चाय के साथ-साथ बरामदे की खूबसूरत वादियों का नजारा आपकी नजरो के सामने होता हैं और पर्यटक इसका लुत्फ़ उठाते हुए नजर आते हैं। रोपवे से घूमते हुए यहा के शानदार नाजारो को देखना बहुत सुखद होता हैं।
रॉक गार्डन –
रॉक गार्डन एक उत्कृष्ट पिकनिक स्थल है और इसे प्राकृतिक रूप से चुन्नु ग्रीष्म ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। जोकि दार्जिलिंग से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गार्डन बारबोटे रॉक गार्डन के रूप में भी प्रसिद्ध हैं और खूबसूरत पहाड़ी धारा से घिरा हुआ स्थान है।
दार्जिलिंग घूमने के लिए सबसे अच्छा समय –
सबसे अच्छा समय अप्रैल से लेकर अक्टूबर के बीच का माना जाता है। इस समय यहां का मौसम सुहावना होता है
दार्जिलिंग कैसे पहुँचे? –
सड़क मार्ग– दार्जिलिंग मिरिक और कलिंगपोंग पहुंचने के लिए तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनल सिलीगुड़ी से बस सेवाएं आपको मिल जाएंगी।दार्जिलिंग तक का सफर बस से करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सिलीगुड़ी पहुंचना होगा। यहां से आप सीट शेयरिंग बसों से या जीप से आप 3 से 3:30 घंटों के बीच में दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट – दार्जिलिंग का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा हवाई अड्डा है, जहां से दार्जिलिंग शहर की दूरी करीब किलोमीटर है। बागडोगरा से आपको दार्जिलिंग के लिए टैक्सी की सुविधा बेहद आसानी से मिल जाएगी।
ट्रेन – दार्जिलिंग जाने के लिए आपको किसी भी शहर से ट्रेन की डायरेक्ट नहीं मिलेगी, क्योंकि दार्जिलिंग में सिर्फ टॉय ट्रेन ही चलाई जाती है, जो नई जलपाईगुड़ी से शुरू होती है। दार्जिलिंग जाने के लिए आपको नई जलपाईगुड़ी के लिए ट्रेन पकड़नी पड़ेगी। नई जलपाईगुड़ी से आप बस, प्राइवेट टैक्सी, शेयर टैक्सी या फिर टॉय ट्रेन पकड़कर दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं
आशा करते है कि Darjeeling Kahan Hai के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।.