Dwivedi yug ke lekhak : द्विवेदी युग के लेखक :काव्य एवं नाटक
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Dwivedi yug ke lekhak में साथ ही इससे जुड़े काव्य एवं नाटक तथ्य के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
द्विवेदी युग के प्रमुख कवि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिली शरण गुप्त, पं. रामचरित उपाध्याय, पं. लोचन प्रसाद पांडेय, राय देवी प्रसाद ‘पूर्ण’, पं. नाथू राम शर्मा, पं. गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’, पं. राम नरेश त्रिपाठी, लाला भगवानदीन ‘दीन’ पं. रूप नारायण पांडेय, पं. सत्य नारायण , बाल मुकुंद गुप्त, श्रीधर पाठक, मुकुटधर पांडेय तथा ठाकुर गोपालशरण सिंह आदि हैं।
द्विवेदी युग के प्रमुख कवि –
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- मैथिली शरण गुप्त
- पं. रामचरित उपाध्याय
- पं. लोचन प्रसाद पांडेय
- लाला भगवानदीन ‘दीन’
- पं. रूप नारायण पांडेय
- पं. सत्य नारायण ‘कविरत्न’
- वियोगी हरि
- अयोध्या सिंह उपाध्याय
- गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न’
- सैयद अमीर अली ‘मीर’
- कामता प्रसाद गुरू
- बाल मुकुंद गुप्त
- श्रीधर पाठक
- मुकुटधर पांडेय तथा
- राय देवी प्रसाद ‘पूर्ण’
- पं. नाथू राम शर्मा
- पं. गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’
- पं. राम नरेश त्रिपाठी
- ठाकुर गोपालशरण सिंह
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी –
महावीर प्रसाद द्विवेदी सन् 1864 – 1938 ई का जन्म ग्राम दौलतपुर जनपद रायबरेली, उत्तर प्रदेश में हुआ।प्रारंभिक शिक्षा दौलत पुर की पाठशाला में पूरी कर जनपद के स्कूल में प्रवेश लिया। स्कूली शिक्षा के लिए जनपद उन्नाव के रनजीत पुरवा, फतेहपुर तथा उन्नाव के स्कूलों में प्रविष्ट हुए।
रचनाएं –
- काव्य
- काव्य मंजूषा
- सुमन
- कान्यकुब्ज अबला विलाप
- अयोध्या का विलाप।
मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त (सन् 1886 – 1964 ई.) का जन्म चिरगांव झांसी में हुआ था। वे द्विवेदी युग के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि थे। इनकी आरंभिक रचनाएं कोलकाता से निकलने वाले ‘वैश्योपकारक’ में प्रकाशित होती थीं। बाद में आचार्य महावीर द्विवेदी से परिचय हो जाने पर ‘सरस्वती’ में प्रकाशित होने लगीं।
रचनाएं काव्य- नाटक
- रंग में भंग
- भारत भारती
- साकेत
- जयद्रथ वध
- पंचवटी
- झंकार
- यशोधरा
- द्वापर
- जय भारत
- विष्णु प्रिया’।
नाटक-
- तिलोत्तमा
- चन्द्रहास
- अनाथ।
राम नरेश त्रिपाठी –
राम नरेश त्रिपाठी (सन् 1889 – 1962 ई.द्ध का जन्म ग्राम कोईरी पुर, जनपद जौनपुर में हुआ था। सुलतानपुर रेलवे स्टेशन के पश्चिम में ही आवास था। रेलवे के द्वारा भूमि का अधिग्रहण कर लिए जाने पर कोईरी पुर पैित्रक स्थान पर चले गए। रुद्रपुर, सुलतानपुर में स्थित प्रेस अब भी चल रहा है जिसकी देखभाल इनके सुपुत्र कर रहे हैं।
रचनाएं –
- ग्राम्यगीत
- मिलन
- पथिक
- मानसी
- स्वप्न
- मिलन
- पथिक
- काल्पनिक कथाश्रित प्रेमाख्यानक
मैथिलीशरण गुप्त–
- पंचवटी
- साकेत
- जयद्रथ-वध
- यशोधरा
- भारत-भारती।
माखनलाल चतुर्वेदी–
- हिमकिरीटिनी
- युगचरण
- समर्पण
- हिमतरंगिणी।
महावीर प्रसाद द्विवेदी–
- सुमन
- काव्य मंजूषा।
रामनरेश त्रिपाठी–
- पथिक
- स्वप्न
- मिलन
- मानसी।
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’–
- वैदेही वनवास
- प्रिय प्रवास
- रसकलश
- चुभते चौपदे।
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