हरित क्रांति किसे कहते हैं जनक एवं विशेषताएं

Harit Kranti Kise Kahate Hain

Harit Kranti Kise Kahate Hain :हरित क्रांति किसे कहते हैं जनक एवं विशेषताएं

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Harit Kranti Kise Kahate Hain  बारे में साथ ही इससे जुड़े जनक एवं  विशेषताएं के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें

 हरित क्रांति –

भारत की नई कृषि नीति सन् 1967-68 में लागू की गई, जिसमें अधिक उपज देने वाले बीजों को बोया गया तथा कृषि की नई तकनीकों का प्रयोग किया गया, जिससे फसल उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई, इसे ही हरित क्रांति कहा जाता है।

भारत में हरित क्रांति के जनक –

भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सन 1966-67 के बीच में हुआ था। इसका श्रेय नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को समर्पित है। लेकिन भारत में हरित क्रांति का जनक एम० एस० स्वामीनाथन को कहा जाता है। हरित क्रांति से अभिप्राय है कि सिंचित व असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक मात्रा में उपज कर संकर व बोन बीजों का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादन में वृद्धि करना। हरित क्रांति से ही भारत में कृषि के क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि हुई और साथ ही कृषि में हुए सुधार के चलते देश में कृषि का उत्पादन छमता बढ़ी है।

हरित क्रांति की विशेषताएं –

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प्रथम हरित क्रांति विशेषताएं –

FAQ-

Ques-हरित क्रांति किसे कहते हैं ?

Ans-हरित क्रांति उस क्रांति को कहा जाता है, जिसका सीधा सम्बन्ध कृषि क्षेत्र में तीव्र वृद्धि से है, जिससे रासायनिक उर्वरक तथा बीज के अत्यधिक उत्पादन से है।

Ques-हरित क्रांति की शुरुआत कब हुई ?

Ans-हरित क्रांति की शुरुआत सन 1966-67 में हुई थी और इसे सर्वप्रथम मेक्सिको के प्रोफेसर नारमन बोरलॉग के शुरू किया था।

Ques-भारत में हरित क्रांति का जनक किसे कहा जाता है ?

Ans-भारत में हरित क्रांति का जनक एस. स्वामीनाथन को कहा जाता है, वो एक वनस्पति विज्ञानी थे।

Ques-हरित क्रांति का सम्बन्ध किस से है ?

Ans-हरित क्रांति का सम्बन्ध कृषि से है।

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