“सैकड़ों की संख्या में इकठ्ठा होकर दिल्ली पुलिस पर हमला कर दिया…”, अवैध अफ्रीकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा

देश में अवैध रूप से रहने वाले अफ्रीकी नागरिकों के विरुद्ध भारत सरकार को कड़ी कार्रवाई करने की तुरंत आवश्यकता है।

Illegal Africans in India are a direct threat to the national security

SOURCE TFI

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी, जी हां आजकल भारत में अवैध रूप से रह रहे नाइजीरियंस यही कर रहे हैं। इनकी हिम्मत तो देखिए कि ये भारत में रहकर, भारत की ही पुलिस पर हमला करने से हिचक नहीं रहे हैं। और तो और ऐसी घटनाएं कहीं और नहीं देश की राजधानी दिल्ली में ही हो रही हैं। देश की सुरक्षा के लिए नाइजीरियंस लगातार खतरा बनते जा रहे हैं। ऐसा कहने के पीछे के कारणों को आइए जानते हैं और संबंधित मामले को विस्तार से समझाते हैं।

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अवैध रूप से रह रहे हैं अफ्रीकी लोग

दरअसल, दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स टीम के कुछ अधिकारी नेब सराय के राजू पार्क में वीजा की समय सीमा खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे नाइजीरियंस को पकड़ने गए थे। जहां पुलिस ने 3 नाइजीरियंस को हिरासत में भी ले लिया। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सैकड़ों अफ्रीकी मूल के लोगों के झुंड ने पुलिस की ही घेराबंदी कर दी। जिसका लाभ उठाकर पुलिस हिरासत में लिए गए नाइजीरियंस भागने में सफल हो गए।

इतना ही नहीं इस घटना के बाद पुलिस की एक टीम दोबारा राजू पार्क गई थी और पुलिस ने 4 नाइजीरियंस को गिरफ्तार भी किया, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। लेकिन दोबोरा की गई कार्रवाई के दौरान भी फिर से सैकड़ों लोगों के झुंड ने पुलिस को घेर लिया। इस दौरान भी उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों को पुलिस की गिरफ्त से भगाने का प्रयास किया लेकिन इस बार पुलिस सतर्क थी और विदेशियों के मंसूबों को विफल करते हुए आरोपियों को थाने लेकर आ गई।

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अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं ये लोग

लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी भारत में रह रहे नाइजीरियंस कई तरह की देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जा चुके हैं। दिल्ली और दिल्ली से सटे इलाकों में बड़ी संख्या में नाइजीरियंस रहते हैं। कई ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं जिसमें नशे की सप्लाई करने जैसे आरोप अफ्रीकियों पर लगे हैं।

कुछ मामलों पर ध्यान दें तो अक्टूबर 2022 में स्पेशल सेल और कोतवाली नॉलेज पार्क पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर फर्जी वीजा, पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन नाइजीरियन लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के तार ड्रग सप्लाई करने वाले लोगों से भी जुड़े पाए गए थे। इसी तरह साल 2017 में दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने राजधानी में करोड़ों रुपये के ड्रग्स के साथ दो विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गए दोनों तस्कर ड्रग्स लेकर साउथ अफ्रीका भागने की फिराक में थे।

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नशे के कारोबार का जाल

भारत में शिक्षा लेने के उद्देश्य से आए कई अफ्रीकी छात्र नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए। कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें नाइजीरिया से टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए व्यक्ति वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से भारत में रहकर नशा सप्लाई करते हैं। भारत के कई शहरों में इन अफ्रीकी लोगों ने नशे के कारोबार का जाल फैला रखा है।

साल 2017 में ग्रेटर नोएडा से अफ्रीकी नागरिकों के साथ मारपीट का मामला सामने आया था, जिसने खूब सर्खियां बटोरी थी। मामले को नस्लीय भेदभाव का मुद्दा बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करने का भी प्रयास किया गया था। यहां तक कि कई जगहों पर प्रर्दशन भी किए गए थे जबकि यह मात्र एक मारपीट का मामला था और ऐसी घटना किसी के साथ भी घट सकती है।

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जल्द कार्रवाई की है आवश्यकता

ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत में पढ़ाई के उद्देश्य से आकर नशे के कारोबार में लिप्त होना और इस तरह के कारोबार का जाल फैलाना, भारत में अवैध रूप से रहना और पुलिस के द्वारा कार्रवाई करने पर उल्टे पुलिस पर हमला कर देना, ये इस तरह के मामले हैं जिसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है। ये ऐसे आपराधिक मामले हैं जो देश की सुरक्षा और देश के लोग के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। दादागीरी दिखाने वाले ऐसे अफ्रीकी नागरिकों के विरुद्ध भारत सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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