Karak Kise Kahate Hain कारक किसे कहते हैं – उदाहरण एवं भेद के
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Karak Kise Kahate Hain बारे में साथ ही इससे जुड़े उदाहरण एवं भेद के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
कारक किसे कहते हैं –
क्रिया से सम्बन्ध रखने वाले वे सभी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के रूप होते हैं उन्हें कारक कहते हैं।
कारक के उदाहरण
- छत से बालक गिर पड़ा।
- डाल पर तोता बैठा है।
- यह कार सेठ जी की है।
- सीता किताब पढ़ता है।
- अनुज बंता के लिए मिठाई लाया है।
- राम ने बिल्ली को दूध पिलाया
- उसने छड़ी से साँप मार दिया।
- पिता जी रमेश के लिए पुस्तक लाए।
- राहुल रोज सविता को हिंदी पढ़ाता है
कारक के भेद –
कारक केआठ भेद होते हैं।
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- सम्प्रदान कारक
- अपादान कारक
- सम्बन्ध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोंधन कारक
कर्ता कारक-
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य में कार्य करने का बोध हो, उस रूप को कर्ता कारक कहते हैं।
कर्म कारक –
वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम पर क्रिया का प्रभाव पड़ता हो, उसे कर्म कारक कहते हैं. कर्म कारक का कारक चिन्ह “को” हैं
करण कारक –
कर्ता अपनी क्रिया को पूर्ण करने के लिए जिस माध्यम या साधन का उपयोग करता हैं उस माध्यम या साधन को करण कारक कहते हैं।
सम्प्रदान कारक-
सम्प्रदान का मतलब ‘देना’ होता है। जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए, तो उस स्थान पर सम्प्रदान कारक होता है।
अपादान कारक –
जब किसी वाक्य में एक वस्तु या व्यक्ति से दूसरी वस्तु या व्यक्ति के अलग होने या तुलना करने का बोध होता हो तो जिससे अलग हो या तुलना की जाए उसे अपादान कारक कहते हैं।
सम्बंध कारक-
संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिनसे चाक्य में आए अन्य शब्द का उससे सम्बंध ज्ञात हो उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं।
अधिकरण कारक –
अधिकरण कारक की परिभाषा: संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार व समय का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
सम्बोधन कारक-
संज्ञा या सर्वनाम शब्द का प्रयोग किसी को बुलाने पुकारने या सावधान करने प्रयोग किया जाता है; जैसे का बोध कराता है, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं।
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