मात्रा किसे कहते हैं परिभाषा एवं भेद

Matra Kise Kahate Hain

Matra Kise Kahate Hain : मात्रा किसे कहते हैं परिभाषा एवं भेद

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Matra Kise Kahate Hain में साथ ही इससे जुड़े परिभाषा एवं भेद के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें

मात्रा क्या है? –

शब्दों में व्यंजन के साथ जो स्वर का रूप मिला होता है, उसे मात्रा कहते है। किसी शब्द में स्वर मूल रूप से या मात्रा के रूप में प्रयुक्त किये जाते है।

मात्रा की परिभाषा –

जब स्वर, व्यंजन से मिलते है तो उनका स्वरुप बदल जाता है, इस बदले हुए स्वरुप को मात्रा कहते हैं।

मात्रा के भेद –

उच्चारण के आधार पर मात्रा के तीन भेद माने गए है।

ह्रस्व –

जिन स्वरों को बोलने या उच्चारण में सबसे कम समय लगता है, उन्हे ह्रस्व या एक मात्रिक  और मूल स्वर  कहते है।

दीर्घ

जब किसी एक स्वर में वैसे ही दूसरा स्वर मिलता है तथा उन दोनों के मिलने से नया स्वर बंनता है तब उस स्वर को दीर्घ स्वर कहते है जैसे अ + अ = आ , इ + इ = ई, उ + उ = ऊ, अ + इ = ए, अ + ओ = ओ, अ + ऊ = औ ।  उच्चारण में दो मात्राओं का समय लाग्ने के कारण इन्हें द्वि- मात्रिक वर्ण भी कहा जाता है।

प्लुत-

जिन स्वरों को बोलने में ह्रस्व स्वरों से तीन गुणा समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं । इसका प्रयोग पुकारने और मंत्रों का उच्चारण करने के लिए किया जाता है। प्लुत का प्रयोग केवल संस्कृत तक ही सीमित है।  जिस स्वर को प्लुत के रूप में बोला जाता है ।

अ           कोई मात्रा नही     क्+अ     क

आ          (ा)         क् +आ   का

इ             ि           क् +इ     कि

ई             ( ी )      क्+ ई     की

उ            ( ु)         क् +उ     कु

ऊ           (ू)          क् +ऊ    कू

ऋ           (ृ)          क् +ऋ    कृ

ए             ( े)         क् +ए     के

ऐ             (ै)          क् +ऐ     कै

ओ          (ो)         क् +ओ   को

औ          (ौ)         क् +औ   कौ

अं           (ं)          क् +अं    कं

अ:          ( : )         क् +अ:   कः

स्वरों की मात्राएँ –

शब्दों को लिखते समय स्वरों के दो रूपों का प्रयोग किया जाता है। पहले तो अपने मूल रूप में जैसे- अनाज, आम, इमरती, ईमानदार, ऋतु, उल्लेख, ऊर्जा, एक, ऐकिक, ओबामा, औषधि आदि। उक्त शब्दों में ‘अ’, ‘आ’, ‘इ’, ‘ई’, ‘उ’, ‘ऊ’, ‘ऋ’, ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’, ‘औ’ स्वर अपने मूल रूप में हैं।

Also Read-

मात्राएं कितनी होती हैं  –

हिंदी वर्णमाला में स्वर कुल 1 ग्यारह होते हैं लेकिन हिंदी वर्णमाला में मात्राएं कुल 10 होती हैं क्योंकि ‘अ’ अक्षर हिंदी वर्णमाला में स्वर के अंतर्गत आता है। और अ की कोई मात्रा नहीं होती है इसी कारण बस हिंदी वर्णमाला में कुल 10 मात्राएं होती हैं। मात्राओं के निश्चित चिन्ह तथा उनको उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

FAQ-

Ques-मात्रा की परिभाषा क्या है?

Ans- जब भी आप व्यंजन के साथ किसी स्वर का प्रयोग करते हैं तो स्वर के रूप परिवर्तित हो जाते हैं। स्वर के इस परिवर्तित रूप को ही मात्रा कहा जाता है।

Ques-हिंदी वर्णमाला में कितनी मात्राएँ होती हैं?

Ans-हिंदी वर्णमाला में 11 मात्राएँ होती हैं।

Ques- हिंदी वर्णमाला में कितनी मात्राएँ होती हैं?

Ans-हिंदी वर्णमाला में 12 स्वर होती हैं।

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