RuPay और UPI को लेकर मोदी सरकार का उठाया गया यह कदम MasterCard और Visa को दिखाएगा देश से बाहर का रास्ता

Visa और MasterCard पिछले 3 दशकों में भारत में बहुत लाभ कमा चुके हैं लेकिन अब देश से इनकी विदाई का समय पास है क्योंकि सरकार RuPay और UPI को हर तरह से समर्थन दे रही है।

Modi government puts its weight behind RuPay and UPI to bid farewell to MasterCard and Visa

SOURCE TFI

मोदी सरकार ने भारत की स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित RuPay कार्ड और UPI को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने अभी हाल ही में RuPay डेबिट कार्ड और कम वैल्यू के भीम-UPI लेनदेन को एक बड़ा इंसेटिव देने की घोषणा कर दी है। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना पर अपनी मुहर लगायी है। इससे सामान्य उपभोक्ता के साथ-साथ व्यापारी तक को अधिक लाभ प्राप्त होगा।

सरकार की इस योजना से क्या होगा?

सरकार की इस योजना के तहत बैंकों को चालू वित्त वर्ष (2022-23) में RuPay और UPI का उपयोग कर ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी हुई भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस कदम से सरकार ने RuPay और UPI को समर्थन देकर मास्टरकार्ड और Visa को भारतीय बाजार से बाहर करने के लिए अपनी कमर कस ली है।

Visa, Mastercard और Rupay एक पेमेंट नेटवर्क कंपनियां हैं जो कार्ड के माध्यम से कैशलेस पेमेंट सिस्टम मुहैया कराने का काम करती हैं। RuPay एक स्वदेशी पेमेंट नेटवर्क है तो वहीं Visa और मास्टरकार्ड एक विदेशी पेमेंट नेटवर्क कंपनियां हैं। MasterCard और Visa कार्ड के एकाधिकार का अंत करने के लिए ही सरकार RuPay और UPI (ऑनलाइन भुगतान प्रणाली) को आगे लेकर आई थी।

सरकार की यह योजना UPI लाइट और UPI123PAY को और भी अधिक आसान और यूजर्स के अनुकूल डिजिटल भुगतान करने और साथ ही उसे बढ़ावा देने का कार्य करेगी। दिसंबर 2022 के महीने में UPI ने 12.82 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ 782.9 करोड़ बार डिजिटल ट्रांजेक्शन करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।

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RuPay का तेजी से विस्तार

भारत की स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित RuPay कार्ड की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों में RuPay का तेजी से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 में कंपनी के पास केवल 15% बाजार की ही हिस्सेदारी थी लेकिन मार्च 2022 में यह हिस्सेदारी देश में भुगतान कार्ड बाजार के 60 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण रख रही थी। जिसके बाद से सरकार लगातार इसे और बढ़ावा दे रही है। मार्च से लेकर अभी तक कुल नौ महीनों में निश्चित तौर पर इस आंकड़े में भी बढ़ोतरी हुई होगी। यह वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि RuPay ने बीते कुछ वर्षों में एक लंबा सफर तय करके अपनी एक विशेष जगह बनाई है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड बाजार में RuPay की हिस्सेदारी अभी थोड़ी कम है लेकिन यह निम्न-आय वर्ग के भुगतान माध्यम की एक मजबूत कड़ी बन चुकी है।

इतना ही नहीं सरकार ग्रामीण इलाके या छोटे इलाकों को भी मुख्य धारा में लाने का काम कर रही है। इस भुगतान बैंकिंग नेटवर्क के माध्यम से डिजिटल भुगतान की पहुंच ग्रामीण और सुदूर इलाकों में भी अधिक बढ़ जाएगी। वहां के लोगों के लिए इस सुविधा को और सामान्य बनाने के लिए सरकार कोई भी कसर बाकी नहीं रख रही है। साथ ही वो विदेशी कंपनियों के चंगुल में न फंसे। सरकार इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए UPI और RuPay को अधिक बढ़ावा देने का काम कर रही है। शहरों में तो इनकी पकड़ है ही साथ ही ये छोटे शहरों में अपनी पकड़ को और मजबूत कर रहे हैं।

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार, कैबिनेट के फैसले से डिजिटल भुगतान व्यवस्था को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम), असंगठित क्षेत्र और सुदूर किसानों तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी।

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MasterCard और Visa के बुरे दिन

RuPay और UPI अगर इसी तरह से आगे बढ़ते रहे तो आने वाले समय में MasterCard और Visa की भारत से निकाशी पक्की हो जाएगी। इनके बचे-खुचे उपयोगकर्ता भी RuPay की ओर मुड़ जाएंगे। RuPay को विश्व के कई देश पहले ही अपना चुके है। देश में कार्ड लेन-देन प्रणाली में यह अमेरिकी कंपनियों जैसे MasterCard और Visa कार्ड को पहले ही पछाड़ चुका है। RuPay कार्ड की लोकप्रियता भारत के बाहर भी बढ़ती जा रही है तभी तो यूएई और बहरीन, भूटान, मालदीव और सिंगापूर में भी अब यह आरम्भ हो चुका है।

कुछ वर्षों पहले भारत की स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित RuPay कार्ड की सफलता से बौखलाकर अमेरिकी कंपनी Visa और मास्टरकार्ड दोनों ने ही अमेरिकी सरकार से इसकी शिकायत की थी। साथ ही उन्होंने भारत सरकार पर ‘RuPay’ के लिए संरक्षणवादी नीतियों के आरोप भी लगाए थे। इतना ही नहीं जब भी मोदी सरकार के द्वारा RuPay और UPI को लेकर कोई भी अहम कदम उठाए गए है तब-तब इन कंपनियों के पेट में मरोड़े उठे हैं।

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एक समय था जब इन विदेशी कंपनियों जैसे MasterCard और Visa कार्ड का देश में एकाधिकार हुआ करता था लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से ही इसमें बहुत सारे बदलाव आए। RuPay कार्ड की लोकप्रियता में काफी उछाल भी देखने को मिला है। Visa कार्ड और MasterCard पिछले 3 दशकों में भारत में बहुत लाभ कमा चुके हैं लेकिन अब मास्टरकार्ड और Visa की विदाई का समय पास है क्योंकि सरकार RuPay और UPI को हर तरह से समर्थन दे रही है।

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