Nishechan Kise Kahate Hain :निषेचन किसे कहते हैं परिभाषा एवं प्रकार
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Nishechan Kise Kahate Hain में साथ ही इससे जुड़े परिभाषा एवं प्रकार के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
निषेचन –
पुष्प के परागण के पश्चात् वर्तिकान पर स्थित परागकण से एक नली निकलती है जिसे पराग नली कहते हैं। परागकण इसी नली से विभाजित होकर नर युग्मक बनाता है। पराग नली आगे बढ़कर अंडाशय से जा मिलती है। पराग नली पर दो नर युग्मकों में से एक अंड कोशिका को निषेचित करता है जिससे युग्मनज बनता है। यह माइओसिस से कई बार विभाजित हो कर भ्रूण बना देता है। एक नर युग्मक भ्रूणकोश में स्थित अंड से संलयित हो जाता है इसे निषेचन कहते हैं।
परिभाषा –
परिपक्व नर युग्मक शुक्राणु का परिपक्व मादा युग्मक अंडाणु में प्रवेश होने के पश्चात दोनों के केंद्रकों का संयोजन निषेचन कहलाता है।
निषेचन के प्रकार –
निषेचन के दो प्रकार होते हैं:-
स्थिति के आधार पर निषेचन
स्थिति के आधार पर निषेचन- निषेचन की स्थिति के आधार पर इस को दो भागों में बांटा गया है
बाहय निषेचन – जब निषेचन शरीर के बाहर होता है, उस निषेचन को बाहय निषेचन कहा जाता है। इस स्थिति में शुक्राणु और अंडाणु को बाहर किसी जलीय माध्यम में मुक्त कर देते हैं
आंतरिक निषेचन – आंतरिक निषेचन मादा के शरीर में होता है, इस स्थिति में मादा के शरीर की अंड वाहिनी में शुक्राणु के द्वारा अंडाणु को भेदने की प्रक्रिया होती है
जैसे- सरीसृप, पक्षी ,स्तनी आदि
शुक्राणुओं की संख्या के जुड़ने के आधार पर –
मोनोस्पर्मी – जब केवल एक ही शुक्राणु अंडाणु को भेदता है, उस निषेचन को मोनोस्पर्मी निषेचन कहा जाता है।
पॉलीस्पर्मी – जब एक अंडे को एक से अधिक शुक्राणु भेदते हैं, उस निषेचन को पॉलीस्पर्मी निषेचन के नाम से जाना जाता है।
FAQ-
Ques-निषेचन किसे कहते है ?
Ans-नर एवं मादा युग्मको के संलयन से युग्मनज के बनने की प्रक्रिया निषेचन कहलाती है।
Ques-निषेचन के बाद क्या बनता है?
Ans-निषेचन होने के पश्चात् जाइगोट बनता है।
Ques-मानव निषेचन कहाँ होता है?
Ans- मानव निषेचन मादा की फॉलोपियान ट्यूब में होता है।
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