“भारत सरकार ने मेरा डाक टिकट जारी किया है”, प्रस्तुत है डॉ. विवेक बिंद्रा का ‘पोस्टल स्टॉम्प कांड’

सस्ती लोकप्रियता कहीं इन्हें भारी न पड़ जाए!

विवेक बिंद्रा डाक टिकट

Source- TFI

विवेक बिंद्रा देश के एक जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर हैं, जो Baba Business के फाउंडर और सीईओ भी हैं। आपने यूट्यूब पर कभी न कभी इनकी वीडियो अवश्य देखी होगी, जिसमें यह लोगों को बिजनेस के नए नए तरीके बताते नजर आते हैं। लाखों लोग विवेक बिंद्रा को फॉलो करते हैं। ये अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए मोटिवेशन से भरे वीडियो डालते हैं। हाल में ही वो चर्चित कॉमेडी शो द कपिल शर्मा के शो पर भी गए थे।

परंतु अक्सर अपने ज्ञान को लेकर चर्चा में रहने वाले विवेक बिंद्रा विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, दूसरों को ज्ञान देने वाले डॉ. विवेक बिंद्रा ने एक फर्जी और भ्रामक दावा कर अपनी काफी फजीहत करा ली हैं। जनता ने सोशल मीडिया पर ही उनके इस कारनामे को लपक लिया और उन्हें लताड़ लगा दी है। इस लेख में हम आपको बताएंगें कि विवेक बिंद्रा ने ऐसा क्या कारनामा कर दिया जिसके बाद उन्हें सोशल मी़डिया पर अपनी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।

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विवेक बिंद्रा: डाक टिकट जारी करने का किया दावा

दरअसल, डॉ. विवेक बिंद्रा ने 11 जनवरी को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार द्वारा उनके नाम और फोटो का डाक टिकट जारी किया गया है। ट्वीट में विवेक बिंद्रा ने दो तस्वीरें साझा की जिसमें एक में फ्रेम किए हुए पोस्टल स्टांप की तस्वीर रखी है। तो वहीं अन्य में विवेक बिंद्रा ने डाक टिकट की तस्वीर हाथ में थाम रखी है। उन्होंने ट्वीट करते इसे गर्व का पल बताया था।

डॉ विवेक बिंद्रा ने अपनी ट्ववीट में लिखा- “कैसा लगेगा जब आप लेटर पर पोस्टल स्टांप लगाने जा रहे हों और उस स्टांप पर आपकी ही तस्वीर हो। ऐसी ही खुशी मुझे हुई जब मैंने देखा कि भारत सरकार ने मेरे नाम और फोटो का स्टांप जारी किया है। यह एक गर्व करने वाला पल था। इस सम्मान के लिए मैं भारत सरकार/डाक विभाग को दिल से धन्यवाद करता हूं।”

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डॉ. विवेक ब्रिंदा की पोस्ट

दावे की पड़ताल

लेकिन जब विवेक बिंद्रा के इस दावे की पड़ताल की गई तो हकीकत निकलकर सामने आई। इसमें डॉ बिंद्रा का ये दावा फर्जी निकल गया और सोशल मीडिया पर ही उनकी काफी फजीहत हो गयी। लोगों ने उन्हें काफी लताड़ लगानी शुरू कर दी। क्योंकि सरकार ने तो इस तरह का कोई स्टांप जारी किया ही नहीं है। जिस स्टांप वाली तस्वीर को डॉ विवेक बिंद्रा ने बड़े गर्व के साथ साझा किया है, उसे असल में कोई भी व्यक्ति बनवा सकता है। जी हां और इसके लिए मात्र 300 रुपये का खर्चा आएगा।

डाक विभाग की एक वेबसाइट www.indiapost.gov.in है जिसमें My stamps का विकल्प मिलता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां से किसी व्यक्ति की तस्वीर और संस्थानों के लोगो या कलाकृति, विरासत भवनों, प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों आदि की थंबनेल फोटो को एक चयनित टेम्पलेट शीट पर प्रिंट करके दिया जाता है। कोई भी संस्थान या संगठन कम से कम 5000 शीट का ऑर्डर देकर कस्टमाइज्ड माई स्टांप प्रिंट करवा सकती है।

परंतु विवेक बिंद्रा ने तो इसके जरिए ऐसा प्रस्तुत करने की कोशिश की जैसे मानों भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया हो। ऐसी  भ्रामक खबर परोसकर उन्होंने अपना मजाक उड़वा लिया। देखा जाये तो इतने प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर होते हुए भी इस तरह की गलत खबरें लोगों के बीच फैलाना डॉ विवेक बिंद्रा को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता हैं। उन्हें सुनने और देखने वालों की संख्या काफी अधिक है। बड़ी संख्या में लोग विवेक बिंद्रा को अपना रोल मॉडल तक मानते हैं लेकिन डॉक्टर साहब तो उन्हें ही अंधेरे में रखने का प्रयास करने में लगे हैं। ऐसे में विवेक बिंद्रा को ओरों को ज्ञान देने से अधिक स्वयं भी थोड़े ज्ञान की आवश्यकता है। इस तरह की सस्ती लोकप्रियता उनके लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

भई जो तस्वीर लेकर आप फोटो खींचा रहे हैं, स्वयं पर बड़ा गर्व कर रहे हैं और बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं कि भारत सरकार उनके फोटो का इस्तेमाल डाक टिकट पर किया है वो तो आपको देखने-सुनने वाला या न सुनने वाला कोई भी व्यक्ति छपवा सकता है। फिर तस्वीर का उपयोग करके ये कहना कि हमारी तस्वीर और नाम का सरकार से डाक टिकट जारी किया है ये तो फिर एक बेहद ओछी हरकत ही प्रतीत होती है जिसे समझने की विवेक बिंद्रा को सख्त आवश्यकता है।

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