Republic ke lekhak kaun hai :रिपब्लिक के लेखक कौन है :रचनाएँ एवं तथ्य
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Republic ke lekhak kaun hai साथ ही इससे जुड़े रचनाएँ एवं तथ्य के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
रिपब्लिक पुस्तक के लेखक प्लेटो है। प्लेटो ने लगभग 375 ई.पू. में ये किताब लिखी थी। रिपब्लिक पुस्तक एक सुकराती संवाद है जो न्याय की परिभाषा, न्यायपूर्ण नगर-राज्य और न्यायप्रिय व्यक्ति की व्यवस्था और चरित्र को बताती है। प्लेटो प्राचीन ग्रीस में शास्त्रीय काल के दौरान एथेंस में पैदा हुए यूनानी दार्शनिक थे। उन्होंने प्लैटोनिस्ट स्कूल ऑफ थिंक और एकेडमी की स्थापना की, जो यूरोपीय महाद्वीप पर उच्च शिक्षा का पहला संस्थान था।
प्लेटो का जीवन परिचय –
प्लेटो महान् यूनानी दार्शनिक थे। प्लेटो का जन्म 427 ई. पूर्व में एथेन्स के एक कुलीन परिवार में हुआ था। उनके पिता अरिस्टोन एथेन्स के अन्तिम राजा कोर्डस के वंशज थे। माता पेरिकतिओन यूनान के सोलन घराने से थी। प्लेटो का वास्तविक नाम एरिस्तोकलीज था, उसके अच्छे स्वास्थ्य के कारण उसके व्यायाम शिक्षक ने इसका नाम प्लाटोन रख दिया। इटली, यूनान और मिस्र आदि देशों में घूमता रहा। वह पाइथागोरस के सिद्धान्तों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए 387 ई0 पू0 में इटली और सिसली गया। उसे दास के रूप में इजारन टापू पर भेज दिया गया। उसे इसके एक मित्र ने वापिस एथेन्स पहुँचाने में उसकी मदद की।प्लेटो ने 386 ई. पू. में इजारन टापू से वापिस लौटकर अपने शिष्यों की मदद से एथेन्स में अकादमी खोली जिसे यूरोप का प्रथम विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। उसने जीवन के शेष 40 वर्ष अध्ययन-अध्यापन कार्य में व्यतीत किए। प्लेटो की इस अकादमी के कारण एथेन्स यूनान का ही नहीं बल्कि सारे यूरोप का बौद्धिक केन्द्र बन गया। उसकी अकादमी में गणित और ज्यामिति के अध्ययन पर विशेष जोर दिया जाता था।
प्लेटो की प्रमुख रचनाएँ –
- अपोलॉजी
- क्रीटो
- यूथीफ्रो
- जोर्जियस
- मीनो
- प्रोटागोरस
- सिंपोजियम
- फेडो
- रिपब्लिक
- फेड्रस
तथ्य –
431 ईसा पूर्व से लेकर 404 ईसा पूर्व तक एथेंस और स्पार्टा के बीच हुआ था. विपरीत परिस्थितियों में बच्चों को भी कठोर शारीरिक शिक्षा से गुजरना अनिवार्य हो गया था. प्लेटो को भी इस कठोर शारीरिक शिक्षा से गुजरना पड़ा था. प्लेटो सुकरात के शिष्य व अरस्तु के गुरु थे. सुकरात के विचारों और सिद्धांतों को प्रचलित करने श्रेय प्लेटो को जाता है सुकरात और अरस्तु के साथ प्लेटो पश्चिमी सभ्यता की संपूर्ण बौद्धिक परम्पराओं के रचनाकार थे ।
आशा करते है कि Republic ke lekhak kaun hai के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।