ये मेरी एक्स्पर्टीज़ नहीं है, तो आई एम आउट..
ये डायलॉग आपने सोनी टीवी चैनल पर आने वाले बिजनेस रिएलिटी शो ‘शार्क टैंक इंडिया’ में कई-कई बार सुना होगा। साथ ही आपने इस शो के जजों को छोटे उद्यमियों को लंबे-लंबे भाषणों के द्वारा बिजनेस का ज्ञान देते हुए भी सुना होगा। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि इस शो में उद्यमियों को फंडिंग और बिजनेस का पाठ पढ़ाने वाले इन जजों के खुद के बिजनेस की क्या स्थिति है? क्या आप जानते हैं कि ज्ञान की गंगा बहाने वाले इन जजों (Judges of Shark Tank India) के खुद के बिजनेस खस्ताहाल में हैं? इन जजों के बिजनेस का लेखाजोखा जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे।
आइए, आज हम भी मिलकर शार्क टैंक इंडिया के जजों (Judges of Shark Tank India) को जज करते हैं और सच तक पहुंचते हैं।
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ज्ञान की गंगा बहाने वाले जज
शार्क टैंक के जजों (Judges of Shark Tank India) की ज्ञान की गंगा बहाने की शैली को देखकर लोग सोच में ही पड़ जाते होंगे कि इनकी खुद की कंपनी तो कम से कम नहीं तो दोगुनी कमाई तो कर ही लेती होगी लेकिन हाल ही अमेज़ॅन बेस्टसेलर लेखक अंकित उत्तम ने अपने एक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से इन सभी शार्क्स यानी जजों को लेकर जो खुलासे किए हैं वो हैरानी में डालते हैं। अंकित उत्तम ने अपनी पोस्ट में बताया है कि इस शो के 2 जजों को छोड़कर बाकी सभी सीज़न के जजों की कंपनियां घाटे में है। यहां सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि जब इनकी खुद की कंपनियां घाटे में है तो इन्हें बिजनेस रिएलिटी शो के जज (Judges of Shark Tank India) की कुर्सी पर किसने बैठा दिया।
अभी हाल ही में बिजनेस रिएलिटी शो ‘शार्क टैंक इंडिया’ का सीजन-2 आरम्भ हुआ है। इस शो के दोनों सीजन में बैठने वाले जजों (Judges of Shark Tank India) की सूची में विनीता सिंह, गजल अलघ, अनुपम मित्तल, नमिता थापर, अशनीर ग्रोवर, पीयूष बंसल और अमित जैन, अमन गुप्ता शामिल हैं। लेकिन अमन गुप्ता और गजल अलघ की कंपनियों को छोड़कर बाकी सभी जजों के द्वारा चलाई जाने वाली कंपनियां भारी नुकसान झेल रही हैं।
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विनीता सिंह की कंपनी घाटे में
इस शो की एक जज विनीता सिंह कई-कई बार 1 करोड़ की नौकरी को छोड़कर एक बिजनेस वीमेन बनने की कहानी सुनाती रहती है और प्रतिभागियों को व्यापार करने के नये-नये तरीके भी बताती हैं पर लगता है खुद इन तरीकों को अमल करना भूल गयी। उनकी कंपनी शुगर कॉस्मेटिक को वित्त वर्ष 2022 में 75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है तो वहीं वित्त वर्ष 2021 में इनकी कंपनी को 21.1 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।
वहीं सीजन-1 के जज अशनीर ग्रोवर की बात की जाए तो BharatPe ने वित्त वर्ष 2022 में 5,594 करोड़ का नुकसान झेला था। वित्त वर्ष 2021 में इनकी कंपनी का नुकसान 2,961 करोड़ रुपये का था। हालांकि अशनीर ग्रोवर ने अभी कुछ समय पहले ही BharatPe को छोड़ दिया है।
Makaan .com, Mauj Mobile और Shaadi.com जैसी बड़ी कंपनियों के मालिक अनुपम मित्तल शो में सटीक बात करने के लिए जाने जाते हैं लगभग हर डील में अपनी रुचि दिखाने वाले अनुपम मित्तल की Shaadi.com को छोड़कर इनका कोई भी बिजनेस ठीक नहीं चल रहा है। वहीं इस शो के जज पीयूष बंसल की lenscart को भी वित्त वर्ष 2022 में 102.3 करोड़ रुपये की हानि हुई।
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नमिता थापर को लेकर बड़ा खुलासा
लगभग सभी क्षेत्रों में खुद को जानकार न मानने वाली नमिता थापर को लेकर भी इस पोस्ट में एक बड़ा खुलासा किया गया है। नमिता थापर एमक्योर फार्मा की फाउंडर हैं ही नहीं बल्कि इस कंपनी को तो उनके पिता ने शुरू किया था और नमिता कंपनी की CEO हैं। वहीं सीजन-2 में जज बने अमित जैन की CarDekho को वित्त वर्ष 2021-22 में 246.5 करोड़ का बड़ा नुकसान हुआ था।
इस शो के पहले सीजन की जज गजल अलघ की बात करें तो इनकी कंपनी मामाअर्थ को वित्त वर्ष 2021 में 1,332 करोड़ का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2020 के दौरान इनको 428 करोड़ का घाटा हुआ था। पहली बार वित्त वर्ष 2022 में इनको 14.44 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। यहां ध्यान देने वाली बात है कि केवल गजल अलघ की कंपनी को और अमन गुप्ता की बोट कंपनी को ही लाभ हुआ है। सोचिए की घाटा झेल रहे ये जज यहां आए प्रतिभागियों को क्या बिजनेस के गुर सिखाएंगे। ये तो ऐसा ही है कि घर में नहीं दानें अम्मा चली भूनाने।
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मूल संस्करण के जज
सोचिए कि आपकी खुद की कंपनी नुकसान झेल रही है और आप एक रिएलिटी शो के सोफे पर बैठकर नई कंपनियों में पैसे लगा रहे हैं? इस शो के सभी जज एक बिजनेस रियलिटी शो के नाम पर क्या जनता को मूर्ख नहीं बना रहे हैं।
इस शो के मूल संस्करण यानी अमेरिकी शार्क टैंक शो के जजों की बात करें तो जब यह शो प्रसारित हो रहा था तब जज बारबरा कोरकोरन, मार्क क्यूबन, लोरी ग्रीनर, रॉबर्ट हर्जेवेक, डेमंड जॉन, और केविन ओ’लेरी की सभी कंपनियां लाभ कमा रही थीं। लेकिन यहां तो उल्टी गंगा ही बह रही है, जज बने बैठे हैं और खुद की ही कंपनी नहीं चलाई जा रही है। ऐसा हाल एक दो नहीं बल्कि अधिकतर जजों का है, उस पर से तनकर ज्ञान भी देना है।
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