Shekhar ek jeevani ke lekhak kaun hai : शेखर एक जीवनी के लेखक कौन है : जीवनी एवं उपलब्धिया
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Shekhar ek jeevani ke lekhak kaun hai साथ ही इससे जुड़े जीवनी एवं उपलब्धिया के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
शेखर –
एक जीवनी उपन्यास अज्ञेय की बहुचर्चित मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।इसके लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार है।इन्हें कवि, ललित निबंधकार, संपादक तथा सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है।यह उपन्यास दो भागों में विभक्त है – उत्थान और उत्कर्ष ।पहला भाग 1940 और दूसरा भाग 1944 में प्रकाशित हुआ।
शेखर एक जीवनी – अज्ञेय
सत्य को सह पाने की यह कायर प्रवृत्ति शेखर में बार-बार दिखाई पङती है। एक बात और शेखर में कर्मशीलता, चारित्रिक स्थिरता और साहस का अभाव है।उपन्यास के आधार पर उससे प्राप्त होने वाले राजनीतिक प्रसंगों की व्याख्या करने पर यह कह सकते हैं कि शेखर एक द्विधाग्रस्त मानसिकता वाला मध्यवर्ग से आया हुआ चरित्र है जो अनायास क्रांतिकारी कार्यों तथा राजनीति के बहाव में आ जाता है।
मृत्युदंड पाये हुए शेखर के सामने सारा अतीत सजीव हो उठता है। इस उपन्यास की नई शैली और लेखक की पैनी मनोवैज्ञानिक दृष्टि ने इस उपन्यास को हिन्दी साहित्य की उच्च कोटि की तथा अग्रगण्य रचना के रूप में मान्यता प्रदान की है।
पात्र –
शेखर – मुख्य पात्र, जो कि शेखर : एक जीवनी उपन्यास का केंद्रबिंदु है। इसका स्वभाव विद्रोही है।
बंधन से घृणा करता है और बन्धन मुक्त रहना चाहता है।
सरस्वती – शेखर की बहन। जो कि शेखर की प्रेरक एवं गुरु भी है।
शारदा – मद्रासी परिवार की लड़की है, स्वभाव चंचल तथा स्पष्ठवादिता।
शेखर इसकी ओर आकर्षित होता है।
शशि – शेखर की मौसेरी बहन। इसके प्रति भी शेखर आकर्षित होता है।संघर्ष का सामना करने वाली नारी है।
अतिरिक्त पात्र – शेखर की माँ, माणिका तथा शांति।
जीवन परिचय एवं साहित्यिक उपलब्धिया –
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का जन्म वर्ष 1911 मे हुआ था । इनके पिता पंडित हीरानंद शास्त्री पंजाब के करतारपुर के निवासी और वत्स गोत्रीय सरस्वत ब्रह्मण थे। अज्ञेय का जीवन एवं व्यक्तित्व बचपन से ही अंतरमुखी एवं आत्मकेंद्रत था। भारत की स्वाधीनता की लड़ाई एवं क्रान्तिकारी आंदोलन मे भाग लेने के कारण इन्हे 4 वर्षो तक जेल मे तथा 2 वर्षो तक घर मे नजरबंद रखा गया। इन्होने बी. एससी. करने के बाद अंग्रेजी, हिंदी एवं संस्कृत का गहन स्वाध्याय किया। सैनिक,विशाल भारत, प्रतीक और अंग्रेजी त्रेमासिक , वाक् का सम्पादन किया। हिंदी की इस महान विभूति का स्वर्गवास 4 अप्रैल,1987 को हो गया।
कृतियाँ –
कविता – संग्रह – भंगदूत, चिंता , बावरा, इंद्र धनुष रोंदे हुए ये, आँगन के पार द्वार आदि।
आलोचना – हिंदी साहित्य : एक आधुनिक परिदृश्य, त्रिशंकु आदि।
उपन्यास – शेखर : एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने – अपने अजनबी आदि।
अंग्रेजी काव्य – कृति – प्रिजन डेज एंड अदर पोइम्स।
निबंध संग्रह – सब रंग और कुछ राग, आत्मनेपद, लिखी कागद कोरे आदि।
कहानी संग्रह – विपथगा, परम्परा, कोठरी की बात, शरणार्थी आदि।
आशा करते है कि Shekhar ek jeevani ke lekhak kaun hai के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।