Surya Mantra : सूर्य मंत्र : प्रार्थना मंत्र एवं जाप करने की विधि
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Surya Mantra साथ ही इससे जुड़े प्रार्थना मंत्र एवं जाप करने की विधि के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
सूर्य प्रार्थना मंत्र
सूर्य भगवान की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
सूर्याष्टकम
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्
प्रत्येक रविवार को सूर्य पूजन और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करने से अवश्य लाभ मिलता है। अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। यह अनुभूत प्रयोग है।
हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है और सूर्य को एक ऐसे देवता के रूप में पूजा जाता है जो नियमित रूप से भक्तों की कामना पूरी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें जल अर्पित करना।सूर्य को जल चढ़ाने और सूर्य के मन्त्रों का उच्चारण करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सूर्य मंत्र जाप करने की विधि
दिन –
रविवार सूर्य देवता का दिन होता है और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि सूर्य देवता की प्रिय तिथि होती है. उस पर सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए. यदि आप मंत्र जाप प्रारम्भ करने जा रहे है तो उसके लिए रविवार या फिर शुक्ल पक्ष की सप्तमी से आरम्भ करें |
आसन –
मंत्र जाप करते समय आपको आसन का इस्तमाल करना चाहिए. इसके लिए आप उन या कुश के आसन का उपयोग कर सकते है. और ध्यान रखिए आसन साफ़ होना चाहिए. उपयोग के बाद आसन को सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए |
माला –
सूर्य मंत्र जाप के लिए आप लाल चन्दन, रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला का उपयोग कर सकते है जैसा की आपको मंत्रो के साथ बताया गया है. रोजाना आपको एक माला जाप अवश्य करना चाहिए और उपयोग के बाद माला को सुरक्षित स्थान पर रख दें. मंत्र जाप के समय हमेशा एक ही माला का उपयोग करें माला को बार-बार बदलना नहीं चाहिए |
चित्र या तस्वीर –
आपके पास सूर्य देव की चित्र या तस्वीर है तो आप उसके सामने बैठकर मंत्र जाप कर सकते है और यदि नहीं है तो आप अपने घर के मंदिर के सामने बैठकर अपने मन में सूर्य देव का ध्यान करते हुए मंत्र जाप करें.
सूर्यदेव को जल चढाने के नियम –
- जल चढाने के लिए ताम्बे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमे लाल चन्दन या रोली मिलाएं.
- जल चढ़ाते समय वह लोटा आपके सर से ऊपर की ओर होना चाहिए.
- नीचे एक बर्तन होना चाहिए ताम्बे का हो तो उसका उपयोग करे अन्यथा किसी बाल्टी का भी उपयोग कर सकते है.
- जब आप जल चढ़ाएंगे तो उस बर्तन में जल गिरना चाहिए
- दोनों पैरो के पंजे टिके हुए हो और बाया पैर पूरा ज़मीन से टिका हुआ होना चाहिए.
पुत्र प्राप्ति सूर्य मंत्र-
“ओम सूर्याय नम:”
दीपक आपको इस प्रकार जलाना है कि इसमें आपको 4 बत्तियां सामान दुरी पर लगानी है चारो दिशाओं में एक-एक बत्ती जलती रहनी चाहिए. जब तक आप इस मंत्र का जाप करते है तब तक यह दीपक जलना चाहिए. इस साधना को विधिपूर्वक 40 दिनों तक पुरे श्रद्धाभाव से करें. अब आपको संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करनी है. लेकिन यदि इस दौरान आप गर्भवती हो जाती है तो भी 4-5 महीनो तक आपको यह मंत्र जाप करते रहना है इसे बंद ना करें
ओम भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे
धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात
रोज़ सुबह उठकर आपको सूर्य देवता को जल अर्पण करना चाहिए इसकी विधि हमने ऊपर इस लेख में आपको बताई है विधिपूर्वक ही सूर्य देव को अर्ध्य प्रदान करें और अपनी पुत्र प्राप्ति की मनोकामना सूर्य देव के समक्ष रखे और इस मंत्र का उच्चारण करें.
सावधानियां –
- यह उपाय करते समय आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन ही लेना चाहिए, मांसाहारी भोजन से दूर रहे.
- आपके घर का माहौल भी बिलकुल सकारात्मक होना चाहिए किसी भी बात का तनाव न लें और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखे.
- अपने पति को दूध के साथ-साथ दूध से बनी चीज़ो का सेवन करवाएँ.
- उपाय करने के साथ बछड़े वाली गाय का दूध पिए इससे संतान प्राप्ति की संभावनाए बढ़ जाती है.
- जिस समय संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करते है उस समय पत्नी की महावारी शुरू नहीं होना चाहिए
आशा करते है कि Surya Mantra के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।