वो कहते हैं न जो गड्ढा आप किसी और के लिए खोदते हैं, एक दिन स्वयं ही उसमें घिर जाते हैं। इस समय पाकिस्तान के साथ ऐसा ही कुछ हो रहा है। हमेशा से ही आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला और आतंकियों को पालने-पोसने वाला पाकिस्तान अब स्वयं ही इसका शिकार बनता जा रहा है। पाकिस्तान में सियासी जंग थमने की जगह और भी अधिक बढ़ती जा रही है। इस बीच पाकिस्तान के लिए सिर दर्द बने आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (TTP) जिसे पाकिस्तान का तालिबान भी कहा जाता है, उसने एक बड़ा ऐलान कर पूरे के पूरे पाकिस्तान में घमासान मच गया है।
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पाकिस्तान में TTP तालिबान सरकार
दरअसल, बीते दिनों TTP ने पाकिस्तान में ही अपनी एक अलग सरकार बनाने की घोषणा कर दी है। पाक सरकार को चुनौती देते हुए TTP ने नई सरकार बनाने का ऐलान किया। टीटीपी ने विभिन्न मंत्रालयों जैसे रक्षा, न्यायपालिका, सूचना, राजनीतिक मामलों, आर्थिक मामलों, शिक्षा, फतवा जारी करने वाले प्राधिकरण, खुफिया और निर्माण विभाग में विभाजित करते हुए नई नियुक्तियों का ऐलान किया है। इसके बाद से अब पाकिस्तान सरकार से अलग TTP अपनी सरकार चलाएगी। हालांकि पाकिस्तान के लिए टीटीपी एक बार फिर से भीख मांगने का मोहरा बन सकता है। वो कैसे? आइये समझते हैं।
टीटीपी ने हमले किए तेज
देखा जाये तो पाकिस्तान के कई इलाकों में TTP लगातार सक्रिय है और मजबूत भी होता चला जा रहा है। तालिबानी समर्थक इस आतंकी संगठन का गढ़ अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कबिलाई क्षेत्र में है। देखा जाये तो पिछले कुछ समय में टीटीपी ने सुरक्षाबलों पर हमले तेज कर दिए है। कुछ दिनों पूर्व ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ने एक आतंकवाद रोधी केंद्र पर कब्जा जमाकर कई अधिकारियों को बंधक तक बना लिया था। बंधकों को मुक्त कराने के लिए एक अभियान चलाया गया, जिसमें सभी 33 आतंकियों ढेर हुए। साथ ही इस दौरान दो पुलिसकर्मियों की मौत भी हुई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
इतना ही नहीं अभी हाल ही में आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने बलूचिस्तान प्रांत में भी हमले तेज कर दिए है। इस्लामाबाद में स्थित एक थिंक टैंक की मानें तो साल 2022 एक दशक में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे घातक माह के रूप में समाप्त हुआ। बीते वर्ष देश के कई सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया, क्योंकि इसने देश के लिए सबसे बड़े और भयानक खतरे के रूप में टीटीपी के उभरने की ओर इशारा किया है।
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भीख मांगने के लिए मिल गया नया हथकंडा?
इन सभी घटनाओं को देखने और TTP के द्वारा ये नईं सरकार के ऐलान से ऐसा लगता है पाकिस्तान का TTP में आतंक काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। कितनी अजीब बात है न आतंक का दूसरा नाम पाकिस्तान इस समय स्वयं ही आतंकवाद के गिरफ्त में आ गया है। क्या लगता है आपको अब पाकिस्तान सुधार जाएगा? अब वो आतंकवाद से मुंह मोड़ लेगा? नहीं, ऐसा होना संभव ही नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान कभी भी अपने घटिया हरकतों से बाज नहीं आ सकता है।
भले ही पाकिस्तान पर अभी TTP का खतरा मंडरा रहा हों, लेकिन अब पाकिस्तान यहां भी एक नया खेल खेलेगा। पाकिस्तान TTP से लड़ने और इसे खत्म करने की आड़ में एक बार फिर दूसरे देशों के आगे भीख का कटोरा लेकर खड़ा हो सकता है। वो इसके जरिए अमेरिका और IMF से पैसों की भीख मांगेंगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पाकिस्तान बर्बादी के दौर से गुजर रहा है। महंगाई के कारण वहां जनता का हाल बेहाल है और इसी के चलते वो दूसरे इस्लामिक देशों, चीन आदि से भिन्न-भिन्न चीज़ों का बहाना देते हुए पैसों की मांग करता रहा है।
अब ऐसे में TTP पाकिस्तान के और अधिक पैसा मांगने का एक जरिया बन सकता है। परंतु इस पैसे का उपयोग पाकिस्तान, भारत के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करेगा क्योंकि उसकी आदत ही हमेशा से यही रही है। पाकिस्तान अपने देश से आतंकवाद खत्म करने का बहाना करके विभिन्न देशों के आगे मदद का हाथ फैलता है और फिर उन पैसों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में ही लगाता है। इससे पहले भी पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के लिए मिलने वाले पैसे का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर चुका है।
इससे ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि TTP के नाम पर पाकिस्तान एक बार फिर से आपदा में अवसरों की खोज करेगा और आतंकवाद को फलने-फूलने में सहायता करेगा।
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