Urja Kise Kahate Hain : ऊर्जा किसे कहते हैं मात्रक एवं प्रकार
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Urja Kise Kahate Hain में साथ ही इससे जुड़े मात्रक एवं प्रकार के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
परिभाषा –किसी वस्तु में उसकी विशेष स्थिति अथवा गति के कारण कार्य करने की क्षमता पाई जाती है। वस्तु द्वारा कार्य करने की कुल क्षमता को ऊर्जा कहते है।
किसी वस्तु में विद्यमान ऊर्जा का मापन उस कार्य से किया जाता है, जितना कि वह कर सकती है, जबकि वह कार्य करने के योग्य न रहे। अर्थात् ऊर्जा कार्य के कुल परिमाण को बताती है।
ऊर्जा का मात्रक –
चूँकि ऊर्जा कार्य के कुल परिमाण को बताती है इसलिए ऊर्जा के भी वही मात्रक होते है जो कार्य के है। अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में ऊर्जा का मात्रक जूल है।
ऊर्जा के प्रकार –
- ध्वनि ऊर्जा
- रासायनिक ऊर्जा
- प्रकाश ऊर्जा
- सौर ऊर्जा
- नाभिकीय ऊर्जा
- यांत्रिक ऊर्जा
- आन्तरिक ऊर्जा
- गतिज ऊर्जा
- स्थितिज ऊर्जा
ध्वनि ऊर्जा –
यह ऊर्जा का ऐसा रूप है जिससे हमारे कानों में संवेदना उत्पन्न होती है। वास्तव में ध्वनि ऊर्जा, ध्वनि संचरण में प्रयुक्त माध्यम के कणों की कम्पन ऊर्जा है।
सौर ऊर्जा –
सूर्य तथा गैलेक्सियों से मिलने वाली ऊर्जा सौर ऊर्जा कहलाती है। सौर ऊर्जा नाभिकीय संलयन से प्राप्त होती है।
ऊर्जा के विभिन्न स्रोत –
- ऊर्जा के स्रोत के बारे में यहां पर जानेगे।
- सभी प्रकार की ऊर्जा के प्राप्ति के विभिन्न प्रकार के अलग अलग स्रोत है।
- गतिज ऊर्जा वस्तु की गति से प्राप्त होती है।
- सौर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है।
गतिज ऊर्जा के उदाहरण –
- बहते जल में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
- चलती हवा में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
- घूमते पहिए में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
- दौड़ती वाष्प में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
आशा करते है कि Urja Kise Kahate Hain के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।