जल प्रदूषण हिंदी में : जल का महत्व एवं उपाय

Water Pollution in Hindi

Water Pollution in Hindi : जल प्रदूषण हिंदी में : महत्व एवं उपाय

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Water Pollution in Hindi  साथ ही इससे जुड़े महत्व एवं उपाय के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें

जल प्रदूषण  –

जल प्रदूषण से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि तालाबों, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के प्राकृतिक रूप में कुछ अनावश्यक तत्वों के मिश्रण से जल के संदूषित होने से है। प्रदूषित जल इन जल निकायों के पादपों और जीवों को ही नहीं अपितु सम्पूर्ण जैविक तंत्र को प्रभावित करता है जिससे प्रतिवर्ष लाखों जीवधारियों के लिए प्राणघातक सिद्ध होते होते हैं।

 प्रदूषण की परिभाषा –

जल में अन्य पदार्थों का मिलना या जल में उपस्थिति पदार्थों की मात्रा का बढ़ना पॉल्यूशन  या प्रदूषण कहलाता है। पॉल्यूशन शब्द लैटिन भाषा के शब्द पोल्यूशनम से लिया गया है। इसका अर्थ गन्दा करना है। जल मृदा व हवा जीवन के लिये अनिवार्य हैं। जल मृदा व हवा में अतिरिक्त पदार्थों के एकत्रित होने से इनके गुणों में परिवर्तन होता है। इसे प्रदूषण या पॉल्यूशन कहते हैं, जिन पदार्थों की उपस्थिति से मृदा, जल, वायु के भौतिक, रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है

जल प्रदूषण के मानवीय कारण

जल का महत्व –

जल मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है, हमारे शरीर का आधा वजन ही पानी से बना हुआ है, बिना जल के पृथ्वी पर जीवन ही असंभव है क्योंकि जल के बिना मनुष्य तड़पने लगता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है।

जल के बिना पंछियों और अन्य प्राणियों का भी यही हाल होता है। कुछ फसलें ऐसी होती हैं। जो पानी के बिना पैदा ही नहीं होती हैं जैसे – गेहूं, चावल, मक्का आदि पानी के बिना पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं और ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो जाती है, इसलिए जल की एक-एक बूंद को व्यर्थ होने से बचाना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है।

जल का निर्माण –

जल एक ऐसा पदार्थ है जो दो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर बनता है इसलिए जल का रासायनिक सूत्र H₂O है, यदि आसान शब्दों में कहें तो हाइड्रोजन की एक ऑक्साइड के रूप में जब हाइड्रोजन या हाइड्रोजन योगिक जलते हैं या ऑक्सीजन का ऑक्सीजन यौगिकों के साथ में प्रतिक्रिया करते हैं तब जाकर जल का निर्माण होता है। जल एक ऐसा पदार्थ है जिसके तीन अवस्थाएं होती हैं –

जल बचाव के तरीके-

घर का कोई सदस्य घरेलू कार्यों के लिये रोज लगभग 240 लीटर पानी खर्च करता है। एक चार सदस्यों वाला छोटा मूल परिवार औसतन 960 लीटर प्रतिदिन और 350400 लीटर प्रतिवर्ष खर्च करता है। रोजाना पूरे उपभोग का केवल 3% जल ही पीने और भोजन पकाने के लिये उपयोग होता है बाकी का पानी दूसरे कार्यों जैसे पौधों को पानी देना, नहाना, कपड़े धोना आदि में इस्तेमाल होता है।

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय

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जल   प्रदूषण   के   प्रभाव –

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