“इंदिरा गांधी ने BBC के दिल्ली ऑफिस पर ताला जड़वा दिया था”, आज कांग्रेस ‘अघोषित आपातकाल’ का रोना रो रही है

कांग्रेस पार्टी अपना ही इतिहास भूल जाती है!

When Indira Gandhi Banned BBC in India

Source: TFI MEDIA

Indira Gandhi Ban BBC: 10 जून, 1970 बीबीसी ने भारत की बुरी छवि दिखाते हुए एक फिल्म ब्रॉडकास्ट की। 23 जून, 1970 बीबीसी ने भारत विरोधी एक और फिल्म ब्रॉडकास्ट की। अब आती है तारीख 1 जुलाई, 1970, ब्रिटेन में भारतीय दूतावास ने बीबीसी और ब्रिटेन के विदेश विभाग को ऐसी फिल्में प्रदर्शित ना करने के लिए चिठ्ठी लिखी।

इसके बाद आती है तारीख 29 जुलाई, 1970- कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर बीबीसी को भारत से बाहर निकाल दिया गया। अब सीधे आते हैं- जनवरी, 2023- बीबीसी ने फिर से भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री ब्रॉडकास्ट की। भारत सरकार ने बीबीसी को नहीं बल्कि सिर्फ डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने इसे अघोषित आपातकाल घोषित कर दिया।

इस लेख में समझिए कैसे बीबीसी डॉक्यूमेंट्री मामले पर कांग्रेस ने स्वयं को एक्सपोज़ कर लिया है।

BBC की डॉक्यूमेंट्री के समर्थन में विपक्ष

 

बीबीसी ने भारत विरोधी एक दो पार्ट की डॉक्यूमेंट्री बनाई है- जिसका नाम दिया गया- ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्न’। इस डॉक्यूमेंट्री के दोनों पार्ट में सिर्फ एक एजेंडा लेकर बीबीसी चली- मोदी को मुस्लिमों का दुश्मन साबित करना। मोदी को मुस्लिमों का विरोधी साबित करना।

मोदी के शासन में मुस्लिमों पर बहुत अत्याचार हो रहे हैं- यह साबित करना। पूरी डॉक्यूमेंट्री आप देख लीजिए- बेहतरीन कैमरा वर्क- बेहतरीन स्टोरी टेलिंग स्टाइल- बेहतरीन निर्देशन- बेहतरीन एक्टिंग- बेहतरीन स्क्रिप्ट- बेहतरीन साउंड इंजीनियरिंग- बेहतरीन बैकग्राउंड स्कोर- इस पूरी डॉक्यमेंट्री में यदि किसी की चीज़ की कमी है तो फैक्ट्स की- तथ्यों की- यह एक फिक्शनल फिल्म प्रतीत होती है- जिसका कोरा एजेंडा मोदी विरोध प्रतीत होता है।

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तो जो होना था- वही हुआ- सरकार ने डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया। डॉक्यूमेंट्री के लिंक वाले ट्विट्स को हटाया गया- यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री हटाई गई। लेकिन तभी दृश्य में विपक्षी पार्टियों की एंट्री होती है और भारतीय राजनीति के वर्तमान स्तर की तस्वीर साफ होने लगती।

विपक्ष एक सुर में डॉक्यूमेंट्री पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध करने लगता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बजाय- बीबीसी पर विश्वास करके- मोदी को कोसने लगता है। भाजपा को कोसने लगता है। टीएमसी की महुआ मोइत्रा ट्वीट पर ट्वीट करने लगती हैं। डॉक्यूमेंट्री का लिंक शेयर करने लगती हैं।

टीएमसी के ही सांसद डेरेक ओ’ब्रायन भी यही करते हैं। डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध के विरोध में सेंसरशिप का राग अलापने लगते हैं- लेकिन इसके बाद जो होता है वो अद्भुत है।

https://twitter.com/derekobrienmp/status/1616247977294827520

 

ब्रज में एक कहावत है- सूप तो सूप, छलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद। अर्थात- टीएमसी कभी केंद्र की सत्ता में नहीं रही- वो एक क्षेत्रीय पार्टी हैं- वो तो अपनी राजनीतिक के लिए- विरोध के लिए- विरोध कर भी सकते हैं- लेकिन कांग्रेस पार्टी कैसे विरोध कर सकती है- उसने तो स्वयं आपताकाल लगाने में कभी कोई कमी नहीं की- देश में घोषित तौर पर आपातकाल लगाने की बात हो या फिर मीडिया सेंसरशिप की- कांग्रेस पार्टी को मौलिक अधिकार ही नहीं है- सेंसरशिप पर बोलने का- लेकिन वो सबसे ज्यादा उछल रहे हैं- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता- जयराम रमेश का यह बयान देखिए-

जब Indira Gandhi ने BBC को Ban किया

जयराम रमेश बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध को अघोषित आपातकाल बता रहे हैं- लेकिन जयराम रमेश भूल जाते हैं कि इन्हीं की पार्टी की प्रधानमंत्री यानी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi Ban BBC) ने 1970 में बीबीसी के दिल्ली ऑफिस पर ताला जड़वा दिया था। बोरिया-बिस्तरा पैक कराकर इसी बीबीसी को दिल्ली से भगा दिया था– आप जानते हैं क्यों? क्योंकि बीबीसी उस वक्त भी वही कर रहा था- जो आज कर रहा है- भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री या फिर फिल्में बनाकर रिलीज़ कर रहा था।

भारत को लेकर उसके कवरेज में साम्राज्यवाद की बू आती थी- आज भी बीबीसी वही तो कर रहा है- उसकी डॉक्यूमेंट्री में साम्राज्यवाद का घमंड स्पष्ट दिखता है- भारत की न्यायिक व्यवस्था ने जिस शख्स को क्लीन चिट दे दी- आप उसे दोषी साबित करने पर तुले हो?

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अर्थात आप कह रहे हो कि आपके न्यायालय जांच नहीं कर पाते- आपकी एजेंसिया जांच करने योग्य नहीं हैं- हमें देखो- हमने जांच की है- यह स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने के सिवाय कुछ भी नहीं है- लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी उस बीबीसी का विरोध नहीं कर रही- बल्कि उस डॉक्यूमेंट्री पर जो प्रतिबंध लगाया गया है- उसका विरोध कर रही है।

कांग्रेसी सांसदों ने BBC का विरोध किया

और यही क्यों नीचे की तस्वीर को देखिए- 14 अगस्त, 1975 को कांग्रेस के सांसदों ने मिलकर एक बयान जारी किया था। जिसमें इन्होंने लिखा था कि “बीबीसी, भारत को बदनाम करने और उसकी छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का एक भी मौका नहीं छोड़ती है।

इंडियन एक्सप्रेस की न्यूज़ का स्क्रीनशॉट। Souce: Indian Express

बीबीसी भारत विरोधी रिपोर्ट्स करती है। इसलिए सरकार को बीबीसी को कभी भी भारत भूमि पर कदम नहीं रखने देना चाहिए।” यह बयान कांग्रेसी सांसदों का है- आज जब उसी बीबीसी की एक भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री पर भारत सरकार ने कार्रवाई की तो कांग्रेस पार्टी को यह अघोषित आपातकाल क्यों लग रहा है?

अंत में बस इतना ही कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी को पत्थर फेंकने से पहले समझना चाहिए कि उनकी पार्टी की एक-एक ईंट शीशे की है और जहां तक आपातकाल की बात है तो पूरा भारत जानता है कि किस पार्टी के प्रधानमंत्री ने मीडिया घरानों की बिजली कटवा दी थी?

जिससे कि अखबार छप ही ना पाएं- पूरा भारत जानता है कि किस प्रधानमंत्री ने लोगों को जेल में ठूंस दिया था? किस प्रधानमंत्री ने भारत के लोकतंत्र को बेड़ियों में जकड़ दिया था- किस प्रधानमंत्री ने देश के दिग्गज नेताओं को आधी रात को जेल में डलवा दिया था- पूरा भारत जानता है- ऐसे में कांग्रेस के मुंह से यह अघोषित आपातकाल का राग बहुत हास्यास्पद प्रतीत होता है।

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