ममता बनर्जी बिहार से इतनी घृणा क्यों करती हैं?

ममता बनर्जी कई बार बिहार और बिहारियों के प्रति अपनी घृणा का प्रमाण दे चुकी हैं। इस बार तो उन्होंने बिहार के लोगों को उस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया, जिससे उनका कोई लेना-देना ही नहीं।

ममता बनर्जी बिहार

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिहार से इतनी नफरत क्यों करती हैं? इस प्रश्न का उत्तर ममता बनर्जी दें या ना दें लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बात-बात पर बिहार को बदनाम करना राजनीति तो नहीं हो सकती। हम तेजस्वी यादव या फिर नीतीश कुमार से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वो ममता बनर्जी से इसका उत्तर मांगे लेकिन हम स्वयं तो ममता बनर्जी से यह प्रश्न पूछ ही सकते हैं कि आखिरकार उन्हें बिहार से समस्या क्या है? आखिरकार क्यों वो हर मुद्दे पर बिहार के बारे में अनाप-शनाप बोलने लगती हैं? आखिरकार क्यों वो बिहार और बिहारियों से इतनी घृणा करती हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर कैसे ममता बनर्जी बिहार से नफरत करती हैं।

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पत्थरबाजी की दो घटनाएं

30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। उद्घाटन के इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थी। लेकिन उद्घाटन के दो दिन बाद 24 घंटे के अंदर ही वंदे भारत एक्सप्रेस पर दो बार पत्थरबाजी की घटना सामने आई, जिसमें एक घटना कटिहार के आसपास बताई जा रही है, जबकि दूसरी घटना पश्चिम बंगाल में घटित बताई जा रही है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि पहले 2 जनवरी को पश्चिम बंगाल के मालदा में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव किया गया। पथराव के समय ट्रेन स्टेशन पर खड़ी हुई थी। इस पथराव में ट्रेन के शीशे टूट गए। फिर 3 जनवरी को भी वंदे भारत ट्रेन पर पथराव का मामला सामने आया। घटना तब हुई जब ट्रेन न्यू-जलपाईगुड़ी के यार्ड में जा रही थी। इस दौरान ट्रेन के कोच नंबर C3 और C6 के शीशे टूट गए।

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बिहार को ठहराया जिम्मेदार

इन घटनाओं के चलते ममता बनर्जी सरकार पर सवाल खड़े हुए। भारतीय जनता पार्टी ने इन घटनाओं की जांच की मांग की। ममता बनर्जी की जब चौतरफा आलोचना होने लगी तो उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ने के लिए घटना का ठीकरा पड़ोसी राज्य बिहार पर फोड़ दिया। पथराव की घटना को लेकर ममता ने कहा कि ट्रेन पर पत्थरबाजी हमारे राज्य पश्चिम बंगाल में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार में की गई है। हो सकता है कि बिहार के लोग परेशान हों क्योंकि उन्हें वंदे भारत एक्सप्रेस नहीं मिली है। ममता ने आगे कहा कि बिहार के लोगों को इस वजह से ट्रेन नहीं मिली क्योंकि यह लोग भाजपा के साथ नहीं हैं।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब ममता बनर्जी ने बिहार को लेकर इस तरह की बयानबाजी की हो। विधानसभा चुनाव के दौरान और चुनावी नतीजों के बाद बंगाल में हुईं हिंसक घटनाएं तो आपको याद ही होंगी। इन हिंसक घटनाओं में कई लोगों की मौत की ख़बरें भी सामने आईं थी। कई जगह आगजनी की गई थी। ममता बनर्जी की पुलिस इस घटनाओं पर रोक नहीं लगा पा रही थी। उस वक्त भी ममता बनर्जी ने स्वयं को बचाने के लिए बिहार को बलि का बकरा बना दिया।

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बिहार के प्रति ममता बनर्जी की नफरत

ममता बनर्जी ने कई बार बयान दिया कि पश्चिम बंगाल में बिहार और यूपी के गुंडा बुलाकर गुंडागर्दी करवाई जा रही है। यह बात और है कि ममता बनर्जी कभी भी अपने इस बयान को साबित नहीं कर पाईं। जबकि चुनावी नतीजों के बाद जो हिंसा राज्य भर में हुई उसमें ज्यादातर गुंडागर्दी करने वाले लोग टीएसी के कार्यकर्ता ही थे। और यह तो विधानसभा चुनाव की बात हुई ममता बनर्जी जिस बंगाल में मुख्यमंत्री हैं वहां तो प्रधानी के चुनाव हो या फिर नगर पालिका के चुनाव हो हिंसा तो सभी चुनावों में होती है लेकिन विधानसभा चुनावों की हिंसा का ठीकरा भी उन्होंने यूपी और बिहार के गुंडों के ऊपर फोड़ दिया।

इसके साथ ही ममता बनर्जी की राजनीति भी हम सभी जानते हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के बड़े नेता बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहे थे उस वक्त भी ममता बनर्जी ने बंगाली बनाम बाहरी का मुद्दा बनाया था। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाहरी साबित करने पर तुली थी। ऐसे में अब जब वो वंदे भारत एक्सप्रेस पर हुई पत्थरबाजी की घटनाओं के लिए बिहार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि यही वो करती आईं हैं। यही वो कर रही हैं, लेकिन इन घटनाओं को यदि एक साथ रखकर देंगे- तो एक बात स्पष्ट होती है कि ममता बनर्जी को बिहार पसंद नहीं है या फिर ये कहें कि ममता बनर्जी बिहार से नफरत करती हैं।

ऐसे में सवाल यही है कि आखिरकार ममता बनर्जी संवैधानिक पद पर बैठकर दूसरे राज्यों को बदनाम करने की राजनीति कैसे कर सकती हैं?

 

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