तब क्या जब हम आपसे कहें कि आपके घर में मौजूद तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामानों से आपकी जासूसी की जा सकती है? आपकी निजी जानकारी चुराई जा सकती है और वो भी चीन के द्वारा? अब आप सोच रहे होंगे कि कैसा मजाक है भई। ऐसा कैसे संभव है। परंतु ये मजाक बिलकुल भी नहीं है। ऐसा सच में हो रहा है और वो भी ब्रिटेन में। जी हां, चीन ने अपने जासूसी नेटवर्क के जाल को इतना फैला लिया है कि वो ब्रिटेन के लोगों की निजी जानकारियां छिपकर हासिल कर रहा है और इसके लिए उसे जासूसों की भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि लोगों के घरों में फ्रिज से लेकर लैपटॉप और मोबाइल फोन से ही चीन ये काम कर रहा हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रिटेन की रिपोर्ट में चीन की जासूसी से जुड़े जो तथ्य सामने आए है उसको लेकर कैसे पूरी दुनिया को सतर्क होने की आवश्यकता है।
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ब्रिटेन की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज आने के बिलकुल भी मूड में नहीं है। वो कुछ न कुछ दूसरों देश को परेशान करने वाला प्लान तैयार करता रहता है। चीन कभी किसी पड़ोसी देश की जमीनें हड़पने का प्रयास करता है, तो कभी दूसरे देशों की जासूसी कराने लगता है। उसका ये खेल हर समय जारी रहता है। जहां अब इसी क्रम में चालबाज ड्रैगन का एक नया कारनामा सामने आया है जिसने पूरी दुनिया के लिए एक नई चिंता पैदा कर दी है।
दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने एक लंबी जांच की, जिसमें उसने पाया गया है कि घरों में उपयोग किए जाने वाले चीनी कंपनी के सामान में एक माइक्रोचिप लगी हुई है, जिससे चालाक चीन लोगों की निजी जानकारियों को चुरा रहा है। एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार चीन ये जानकारियां स्मार्ट बल्ब, फ्रिज, कारों और क्रेडिट कार्ड में लगी माइक्रोचिप्स के माध्यम से लेता है। केवल इतना ही नहीं कारों में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स, जो चीन से बनकर आते हैं उनमें भी जासूसी चिप लगी होने की बात रिपोर्ट में कही गई है। चीन की इस नापाक हरकत को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने अपने मंत्रियों और नागरिकों को अलर्ट कर दिया। क्योंकि ये मामला केवल लोगों की निजता से ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। लोगों को अलर्ट करते हुए कहा गया है कि आपके घर में लगा LED बल्ब भी चीन का जासूसी उपकरण हो सकता है।
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चीनी कंपनियों का वैश्विक बाजार पर कब्जा
आपको बता दें कि ब्रिटेन की कई यूनिवर्सिटीज ने चीन की कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी से संबंधित समझौते किए हैं। जहां ब्रिटेन को ये महसूस होने लगा है कि चालबाज चीन की कंपनियां उनकी सार्वजनिक जानकारियों चोरी कर रही हैं। ब्रिटेन की इस रिपोर्ट में चीन को लेकर हुए इस खुलासे ने पूरी दुनिया के लिए टेंशन पैदा कर दी है। क्योंकि चीन की केवल तीन कंपनियों ‘क्वेक्टेल’, ‘फाइबोकॉम’और ‘चाइना मोबाइल’ की इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस के वैश्विक बाजार में 54 प्रतिशत हिस्सेदारी पर अपना कब्जा जमा रखा है। जबकि कनेक्टिविटी से जुड़े क्षेत्र में इन तीन कंपनियों ने दुनियाभर के बाजार में 75% हिस्सेदारी हासिल कर रखी है। दुनिया की कई बड़ी कंपनियां इन चीनी कंपनियों के पार्ट्स का उपयोग करती हैं।
यहां ध्यान योग्य बड़ी बात ये भी है कि ये चीनी कंपनियां चीन की सरकार के काबू में हैं। ऐसे में रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार अगर चीनी सरकार के काबू वाली इन कंपनियों को डेटा सरकार को सौंपने का आदेश दिया जाता है तो इन कंपनियों को डेटा सरकार को सौंपना ही होगा। इसके जरिए चीन छोटे से लेकर किसी भी बड़े से बड़े व्यक्ति की जासूसी कर सकता है। जरा सोचिए ये कितनी हैरान करने वाली बात है।
भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता
वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का सबसे ज्यादा निर्यात चीन ही करता है। चीन की अधिकतर बड़ी कंपनियां सरकारी हैं। खासकर टेलीकॉम के प्रोडक्ट सरकारी कंपनियां ही बना रही हैं। ये प्रोडक्ट ब्रिटेन ही नहीं, दुनिया के हर देश में बिकते हैं। ऐसे में चीन की ये चाल कई देशों को संकट में डाल सकती हैं। विश्व को चीन के इन नापाक मंसूबे से सावधान होने की आवश्यकता है। माना जा रहा है कि जहां-जहां चीन का सामान है वहां जासूसी होने की पूरी आशंका है। बात अगर भारत के संदर्भ में की जाये तो भारत ने वर्ष 2021-22 में चीन से करीब 3 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा है। इसमें इलेक्ट्रिकल मशीनरी, उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, साउंड रिकॉर्डर, टेलीविजन और दूसरी कई चीजें शामिल है। ऐसे में चीन की ये चालबाजी भारत के लिए भी संकट पैदा कर सकती है। इसलिए भारत को भी उससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। जितना संभव हो चीनी सामान को भारतीय बाजार से दूर ही रखा जाये नहीं तो न जाने किस चीज में चीन अपनी माइक्रोचिप्स लगाकर किसकी जासूसी कर लें, कहा नहीं जा सकता।
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