‘दिल्ली शराब घोटाले में सिसोदिया तो प्यादा था’, असली मास्टरमाइंड ये महाशय हैं

ED ने तो धागा ही खोल दिया!

Delhi liquor scam

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Delhi liquor scam: दिल्ली सरकार का शराब घोटाला काफी लंबे समय से चर्चा में है। पहले कई तरह के आरोप लगे, फिर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लपेटे में आए, उनसे पूछताछ तक हुई। ऐसा लगने लगा था कि इस पूरे प्रकरण के पीछे मनीष सिसोदिया का हाथ है लेकिन अब ईडी के चार्टशीट के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सिसोदिया तो कठपुतली थे, इसका मास्टरमाइंड तो कोई और ही था। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर शराब घोटाला (Delhi liquor scam) को अंजाम दिया गया और अब इस कांड में उनकी संलिप्तता भी सामने आ गई है।

दरअसल, दिल्ली शराब घोटाले (Delhi liquor scam) के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश कर दी है। ईडी की ओर से पेश की गई इस चार्जशीज में वीडियो कॉल की बात कही गई है। इस वीडियो कॉल से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सवालों के घेरे में आते हैं क्योंकि यह वीडियो कॉल इंडोस्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू और अरविंद केजरीवाल के बीच की है। आप भी सोच रहे होंगे कि अब समीर महेंद्रू कौन हैं, जिनसे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉल पर बातचीत की थी?

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वीडियो कॉल पर बातचीत

ज्ञात हो कि समीर महेंद्रू की गिनती देश में शराब के चर्चित कारोबारियों में होती है। समीर महेंद्रू इंडोस्प्रिट कंपनी के एमडी हैं। वह वर्ष 2013 में भ्रष्‍टाचार के मामले में दो अफसरों के खिलाफ सीबीआई के मुख्‍य गवाह थे। पिछले वर्ष सितंबर में ईडी ने दिल्‍ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्‍टाचार के मामले में समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उनसे ईडी ने कई दौर की बातचीत की थी। महेंद्रू का नाम आबकारी नीति घोटाले में मुख्य आरोपी के रूप में था। समीर महेंद्रू पर कथित तौर पर सिसोदिया के दो करीबी लोगों को करोड़ो का अवैध भुगतान करने का आरोप था। जांच एंजेसी द्वारा कहा गया था कि महेंद्रू उन व्यवसायियों में से एक थे, जो दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने से जुड़ी गड़बड़ियों में शामिल थे।

अब दिल्ली शराब घोटाले (Delhi liquor scam) के मुख्य आरोपियों में से एक यानी समीर महेंद्रू को किए गए वीडियो कॉल के बाद अरविंद केजरीवाल सवाल के जाल में फंस चुके हैं। अब सवाल यह है कि ईडी की चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और शराब कारोबारी समीर महेंद्रू के बीच हुई जिस कॉल की बात कही गई है, उसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और समीर महेंद्रू के बीच क्या बातचीत हुई? दरअसल, चार्जशीट में ED ने आरोप लगाया कि दिल्ली शराब घोटाले (Delhi liquor scam) के एक आरोपी विजय नायर ने शराब कंपनी इंडोस्प्रिट के MD समीर महेंद्रू की दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से बात कराई थी। यह बातचीत विजय के फोन से किए गए फेसटाइम वीडियो कॉल से की गई थी। ED ने चार्जशीट में दावा किया है कि केजरीवाल ने समीर महेंद्रू से कहा ‘विजय नायर मेरा लड़का है, आपको उस पर भरोसा करना चाहिए और उसके साथ काम करना चाहिए।’

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साउथ ग्रुप से 100 करोड़ की रिश्वत

अब आपका सवाल होगा कि ये विजय नायर कौन है और दिल्ली शराब नीति घोटाले (Delhi liquor scam) में विजय नायर की भूमिका क्या थी? दरअसल, जब राजनीतिक पार्टियों या यूं कहें कि बड़े लोगों द्वारा किसी काले कारनामों को अंजाम देना होता है, तो उसकी कड़ियां जमीन से लेकर ऊपर तक बिछाई जाती है और विजय नायर, केजरीवाल की उन्हीं कड़ियों में से एक हैं। ध्यान देने योग्य है कि विजय नायर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के बड़े नेताओं का बेहद करीबी माना जाता है।

साथ ही विजय नायर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ रहे हैं। विजय नायर पर दिल्ली के शराब घोटाले (Delhi liquor scam) को अंजाम देने का आरोप है। नायर को दिल्ली में शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ‘गुटबंदी’ और ‘षडयंत्र’ में संलिप्तता के आरोप में सीबीआई ने दबोचा था। जहां विजय नायर पर आरोप लगाए गए थे कि सिसोदिया के सहायक अर्जुन पांडे ने विजय नायर की ओर से शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से करीब दो से चार करोड़ रुपये नकद लिए थे। दिल्ली शराब नीति मामले में नामजद आरोपियों में गिरफ्तार होने वाले विजय नायर पहले आरोपी थे।

जांच एजेंसी ने कहा कि AAP के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर ने कैंपेन से जुड़े कुछ लोगों को कैश पेमेंट लेने को कहा था। चार्जशीट में कहा गया है कि विजय नायर ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। जांच एंजेसी के मुताबिक इस साउथ ग्रुप में तेलंगाना में सत्तारुढ़ भारत राष्ट्र समिती की नेता कविता, आंध्र प्रदेश में सत्तारुढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सांसद श्रीनिवासालु रेड्डी और अरविंदो फॉर्म के शरथ रेड्डी इसमें शामिल थे।

गोवा चुनाव में किया गया इस पैसे का इस्तेमाल

अब आपको बताते हैं कि आम आदमी पार्टी ने भष्ट्राचार के इस पैसे का इस्तेमाल कहां किया? दरअसल, जांच एजेंसी ने दावा किया है कि शराब घोटाले (Delhi liquor scam) से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव में किया था। चार्टशीट में यह कहा गया है कि 70 लाख रुपये का नकद भुगतान उन्हें किया गया, जो सर्वे टीम के वॉलिंटियर्स थे। ये दावा ईडी ने इस मामले में दायर अपनी दूसरी चार्जशीट में किया है, जिसमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आरोपी हैं। बेशक अब सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी के इन दावों को खारिज कर रहे हो लेकिन सवालों के जाल में तो अब अरविंद केजरीवाल भी फंस गए हैं। क्योंकि अभी तक इस मामले में अरविंद केजरीवाल का नाम सामने नहीं आया था।

ध्यान देने योग्य है कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले तक दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

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जिसके बाद जांच एजेंसी ने नई शराब नीति में घोटाला होने का दावा किया था, जिसके उपरांत उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार को अपनी आबकारी नीति 2021-22 को वापस लेना पड़ा। इस मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया। शराब घोटाले (Delhi liquor scam) में मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया। इस तरह राजनीति में खुद को कट्टर ईमानदार बताकर आने वाली केजरीवाल की आम आदमी पार्टी देश की बड़ी घोटालेबाज पार्टी बन गई थी। ऐसा नहीं है कि उसके पहले आप के भ्रष्टाचार के मामले सामने आई थे लेकिन शराब घोटाले ने उनकी असली छवि को देश के सामने पेश कर दिया।

जिसके चलते सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया से लंबी पूछताछ भी की थी। जांच एंजेसी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के घर से गोपनीय दस्तावेज भी बरामद किए थे। सिसोदिया पर हुई कार्रवाई के खिलाफ आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर आई थी और दिल्ली में जमकर प्रर्दशन किया था। अब तक तो इस घोटाले के कर्ताधर्ता दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ही नजर आ रहे थे लेकिन अब तो पार्टी के आका ही दिल्ली में हुई नई शराब नीति के तहत घोटाले में मास्टरमांड प्रतीत हो रहे हैं। इस पूरे मामले में दिल्ली आबकारी घोटाले (Delhi liquor scam) की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। ईडी की ये जांच नई शराब नीति में घोटालों के आरोपों में लिप्त आम आदमी पार्टी की चूलें हिलाने का काम कर रही है।

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