आर्य समाज की स्थापना उद्देश्य एवं सामाजिक सुधार

Arya Samaj ki Sthapna

Arya Samaj ki Sthapna  : आर्य समाज की स्थापना उद्देश्य एवं सामाजिक सुधार

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Arya Samaj ki Sthapna  साथ ही इससे जुड़े उद्देश्य एवं सामाजिक सुधार के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें

आर्य समाज के संस्थापक –

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती थे। इनका जन्म 12 फरवरी 1824 में गुजरात के टंकारा नामक स्थान पर एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम मूलशंकर था। इनके पिता वेदों के विद्वान थे। उन्होंने ही इन्हें वैदिक न्याय दर्शन की प्रारंभिक शिक्षा दी।वेदों को जानने की जिज्ञासा में 1845 ई. में 21 वर्ष की आयु में इन्होंने घर छोड़ लिया। 1848 ई. में इनकी मुलाकात दण्डी स्वामी पूर्णानन्द से हुई। जिनसे इन्होंने सन्यास की शिक्षा ली। दण्डी स्वामी पूर्णानन्द ने ही इन्हें दयानंद सरस्वती नाम दिया।1861 ई. में स्वामी दयानंद सरस्वती मथुरा पहुँचे जहाँ नेत्रहीन स्वामी विरजानंद से इन्होंने शुद्ध वैदिक धर्म के विषय ज्ञान प्राप्त किया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने उपदेशों का प्रचार आगरा से प्रारम्भ किया।

राम कृष्ण मिशन के उद्देश्य –

आर्य समाज ने “शुद्धि आन्दोलन” भी चलाया। जिसके अंतर्गत उन लोगों को हिन्दू धर्म में वापस लाया गया। जिन्होंने किसी कारण वश अन्य धर्म ग्रहण कर लिया था। इस समाज का प्रचार पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में प्रमुख रूप से हुआ।

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FAQ-

Ques- किसे भारत का मार्टिन लूथर का जाता है?

Ans- दयानंद सरस्वती को

Ques-सत्यार्थ प्रकाश किसी भाषा में लिखी गयी है?

Ans –हिन्दी भाषा में

Ques-किस संगठन ने शुद्धि आन्दोलन चलाया?

Ans- आर्य समाज ने

Ques- महाराष्ट्र में आर्य महिला समाज की स्थापना किसके द्वारा की गयी?

Ans- पंडिता रमाबाई द्वारा

Ques-वेदों के पुनरुत्थान का श्रेय किसे दिया जाता है?

Ans- दयानंद सरस्वती को

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