खंड-खंड होना शुरू हो गया है BYJUs, अब अंत ज्यादा दूर नहीं है

अब भी BYJUs के सीईओ कहेंगे "सब ठीक है"?

The disintegration of BYJU’s has just begun

Source- Google

एडटेक कंपनी BYJUs को लेकर कुछ महीने पूर्व की गई TFI की भविष्यवाणी पर अब शीघ्र ही मुहर लगने वाली है। जी हां, BYJUs कंपनी की हालत देखकर तो कुछ ऐसा ही लग रहा है। अभी हाल में एक बार फिर से ऑनलाइन टीचिंग ऐप कंपनी बायजू को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार BYJUs ने अपने 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये छंटनी कंपनी में इंजीनियरिंग, सेल्स, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग और कम्युनिकेशन टीम में हुई है। इंजीनियरिंग टीम से लगभग 300 कर्मचारियों को निकाला गया है।

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पहले 2500 कर्मचारियों को निकाला था

इसके पहले भी कंपनी ने अक्टूबर माह में एक बयान जारी कर कुल वर्कफोर्स में से 5 प्रतिशत यानी कि 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी। आकड़ों की मानें तो कंपनी काफी समय से घाटे में चल रही है। कभी ये कंपनी भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनी में से एक थी लेकिन कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में उसने अपनी लुटिया ही डुबो ली। यहीं कारण है कि BYJU का व्यवसाय विफल होना तो तय ही था।

ख़बरों के अनुसार, 1,000 में से किसी भी कर्मचारी को मेल पर छंटनी के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया। बायजू ने अपने कर्मचारियों को सामान्य और व्हाट्सएप कॉल पर Google मीट पर एक कॉल में सम्मिलित होने के लिए कहा और वहीं पर ही सभी को छंटनी के विषय में जानकारी दी है। हालांकि अभी तक कंपनी की ओर से कोई भी औपचारिक बयान नहीं आया है। लेकिन खबरों के अनुसार, सभी कर्मचारियों को कंपनी के रेवेन्यू में कमी और कॉस्ट कटिंग का हवाला देते हुए नौकरी से निकाला गया। बीते साल जब कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी की थी तब BYJUs के फाउंडर बायजू  रवीन्द्रन ने छंटनी को सही और कंपनी के हित में कहते हुए महत्वपूर्ण कदम बताया था।

लगातार घाटे में चल रही BYJUs

ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि BYJUs की हालत काफी अधिक खराब हो गयी है। कोरोना के बाद से ही कंपनी लगातार घाटे में नजर आ रही है। वो बात और है कि पहले इस बात को कंपनी ने स्वीकार नहीं किया था। कुछ माह पहले आयी एक रिपोर्ट को देखें तो कंपनी के घाटे में निरंतर वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में BYJUs का घाटा 17 गुना तक बढ़ गया था। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इसके अलावा कंपनी के राजस्व में भी भारी कमी देखने को मिली थी लेकिन इसके बाद भी BYJU’S के द्वारा यही कहा गया कि कंपनी एकदम सही चल रही है।

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फिर भी लियोनेल मेसी को बनाया ब्रांड एंबेसडर

एक ओर जहां BYJUs अपने कर्मचारियों को निकालने का कारण कंपनी का घाटा बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर वह मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को अपनी सोशल इम्पैक्ट आर्म-एजुकेशन फॉर ऑल का ब्रांड एंबेसडर बना रही है। एक तरफ तो कंपनी की स्थिति ऐसी है कि उसे कॉस्ट कंटिंग के नाम पर अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालना पड़ रहा है, दूसरी ओर वो मेसी जैसे बड़े चेहरे को ब्रांड एंबेसडर बना रही है। अब आप स्वयं ही सोचिये कि लियोनेल मेसी जैसे फुटबॉल खिलाड़ी ने इसके लिए कितनी बड़ी रकम ली होगी?

ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, जब BYJU’S ने प्रमोशन और ब्रांड एंबेसडर को ऐसे किसी बड़े नाम का सहारा लिया था। वर्ष 2017 में भी उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अपनी कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बनाया था। वहीं 2019 में ये कंपनी भारतीय क्रिकेट टीम की लीड स्पॉन्सर भी बनी थी, जिसका 2017- 2022 के लिए अनुबंध 1,079 करोड़ रुपए का तय हुआ था। BYJUs जिस तरह की स्थिति में चल रहा है, इसे देखकर ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि कंपनी अब अपनी बर्बादी के काफी करीब पहुंच गई है।

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