Deepawali Pujan Vidhi : दीपावली पूजा विधि , महत्व एवं पूजा विधि
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Deepawali Pujan Vidhi साथ ही इससे जुड़े महत्व एवं पूजा विधि के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
दीपावली पूजा विधि –
- दीपावली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है। उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
- इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए।
- पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें।
- सर्वप्रथम आपको गणेश जी के मंत्रों का जाप और पूजन करना चाहिए।
- गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें।
- लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन करने के बाद मां काली का पूजन भी रात्रि में किया जाता है।
- पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें।
- आरती के आबाद भोग परिवार जनों में वितरित करें।
- लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें।
गणेश पूजन का महत्व –
गणपति को प्रथम पूजनीय होने का वरदान प्राप्त है और उन्हें बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, ऐसी मान्यता है कि हिंदुओं में किसी भी पूजन को सम्पूर्ण तभी माना जाता है जब गणपति का पूजन सबसे पहले होता है। दीपावली के दिन गणपति के पूजन से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है और बुद्धि के देवता अपने भक्तों को सद्बुद्धि का वरदान देते हैं।
गणेश जी का मंत्र स्तुति –
खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरंप्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम् |
दन्ताघातविदारितारिरुधिरैः सिन्दूरशोभाकरंवन्दे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ॥
ॐ श्रीगणेशाय नमः |
लक्ष्मी पूजन का महत्व –
दीपावली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणपति का पूजन किया जाता है, जिसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यदि पूजन नहीं किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। दरअसल इसके पीछे की मान्यता है कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है।
माँ लक्ष्मी मंत्र –
- ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालयै मम प्रसीद-प्रसीद वरदे श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम: ||
- ॐ श्रीं श्रियै नम: स्वाहा |
- महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी |
- हरी प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ||
- सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि |
- मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥
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