2021 में 500 करोड़ की अवैध वसूली, छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई

कांग्रेस का कोयला-प्रेम खत्म ही नहीं होता!

Chhattisgarh Coal Scam

Source: Dainik Jagran

Chhattisgarh Coal Scam: कांग्रेस और कोयला सुनकर सबसे पहले मस्तिष्क में कोयला घोटाला आता है। कांग्रेस पार्टी को केंद्र की सत्ता से बाहर फेंकने में इस घोटाले ने बड़ी भूमिका निभाई थी। एक बात स्पष्ट है कि एक बार यदि इतना बड़ा घोटाला सामने आता है तो राजनीति दल भविष्य के लिए सुधर जाते हैं, लेकिन कांग्रेस सुधरने वालों में से नहीं है।

परिणाम यह है कि अब छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले (Chhattisgarh Coal Scam) का नया जिन्न बाहर निकला है। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस पर कार्रवाई करनी भी शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल सरकार पर लगा यह धब्बा आने वाले चुनावों में उनके लिए मुसीबत बन सकता है।

Chhattisgarh Coal Scam: कांग्रेस विधायक गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासित सरकार पर कोयला घोटाले (Chhattisgarh Coal Scam) के आरोप तो काफी पहले से लगते रहे हैं लेकिन कार्रवाई अब पहली बार हुई है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने यहां के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है।

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इसके साथ ही इस मामले में कांग्रेस विधायक समेत कुल 8 लोगों को ईडी ने गिरफ्तार भी कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि ये सभी कोयला लेवी घोटाले में शामिल थे। इसलिए इनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है।

मामले की बारीकियों की बात करें तो जांच एजेंसी ने बताया था कि छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले हर टन कोयले पर 25 रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें राजनेता, सरकारी अफसर और व्यापारी शामिल थे। ED के मुताबिक, 2021 में 500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई थी।

बघेल के करीबी थे अधिकारी

अक्टूबर 2022 में भी ED ने Chhattisgarh Coal Scam के सिलसिले में 40 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान 4 करोड़ कैश, करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए गए थे। कोयले को लेकर राजस्थान और पंजाब तक  छाती पीटते रहे हैं और कोयला महंगा मिलने का आरोप केंद्र पर लगाते रहे हैं। जिसका सत्य अब सामने आ गया है कि कोयले को महंगा करने में कांग्रेस शासित सरकार ही भूमिना निभा रही है।

 

इस मामले में एक IAS और 9 कारोबारी जेल में बंद हैं। 13 अक्टूबर 2022 को छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था।

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29 अक्टूबर को कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में सरेंडर किया था। राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दो खनिज अफसरों समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि ईडी ने जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था, वे सीएम भूपेश बघेल के करीबी हैं।

गौरतलब है कि चार दिन बाद ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपना राष्ट्रीय अधिवेशन करने वाली है। अधिवेशन से पहले राज्य में हुई ईडी की कार्रवाई ने पार्टी को हिला कर रख दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर सीएम भूपेश बघेल तक इस कार्रवाई को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में बाधा बनाने की कोशिश बता रहे हैं।

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