अमेरिका से ब्रिटेन तक: डोभाल ने सूचना युद्ध के विरुद्ध अंतिम लड़ाई का शंखनाद कर दिया है

इनकी यह बैठकें तो इसी ओर संकेत देती हैं।

From US to UK: Doval final battle against information warfare

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Ajit Doval UK visit: आज के समय में किसी भी देश की स्थिरता के लिए सूचना युद्ध एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन दिनों भारत के विरुद्ध भी सूचना युद्ध छिड़ गया है। इसके प्रभावों को महसूस करते हुए भारत ने इसका मुकाबला करने का निर्णय किया है और ऐसा प्रतीत होता है इसकी जिम्मेदारी NSA अजीत डोभाल के कंधों पर डाल दी गयी हैं।

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अमेरिका के बाद ब्रिटेन में बैठक

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में लंदन का दौरा (Ajit Doval UK visit) किया और ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो से मुलाकात की है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के अनुसार इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी शामिल हुए थे। यहां चर्चा का विषय व्यापार, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रणनीतिक साझेदारी और सहयोग था।

डोभाल ने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से मुलाकात के ठीक दो दिन बाद ब्रिटेन में यह बैठक की। बैठक की मेजबानी अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने की थी। यह चर्चा महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित थी। अजीत डोभाल और जेक सुलिवन के बीच बातचीत में कहा गया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किये जाने की आवश्यकता है। इस दौरान क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज ( iCET ) को लॉन्च किया गया। iCET को अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ही लॉन्च किया गया है। मई 2022 में दोनों नेताओं ने एक बैठक के बाद सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने और विस्तारित करने की घोषणा की थी।

पहले अमेरिका और फिर ब्रिटेन में अजीत डोभाल की इन बैठकों का प्रमुख उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी पर ही केंद्रित रहा। जहां एक तरफ NSA अजीत डोभाल यह बैठक कर रहे थे, तो इस दौरान ही भारत और नीदरलैंड के बीच भी दूसरी साइबर वार्ता आयोजित की गई। इन सब घटनाक्रमों को देखकर ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि भारत स्वयं को सूचना युद्ध के विरुद्ध लड़ने के लिए तैयार कर रहा है और अजीत डोभाल इसके लिए जमीन (Ajit Doval UK visit) तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं।

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भारत के विरुद्ध छिड़ा है सूचना युद्ध?

अब यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि अजीत डोभाल ऐसे समय पर इन सभी देशों की यात्रा कर रहे हैं, जब भारत के विरुद्ध एक सूचना युद्ध छिड़ा है। फिर चाहे वह बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री हो, अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट या एम्स सर्वरों की हैकिंग, भारत सभी मोर्चों पर से सूचना युद्ध लड़ता नजर आ रहा है। 2021 के लिए इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-in) के आंकड़ों के अनुसार, साइबर सुरक्षा खतरे की घटनाएं पिछले वर्ष की तुलना में 21% बढ़ गईं। ये सभी उदाहारण भारत विरोधी छेड़े जा रहे सूचना युद्ध की ओर इशारा कर रहे हैं।

इसका कारण भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती ताकत है जोकि चीन और पश्चिमी देशों को बिलकुल भी रास नहीं आ रही है। भारत की तरक्की से परेशान ड्रैगन और पश्चिमी देश भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रचने से पीछे नहीं हट रहे हैं। तो अजीत डोभाल की इन सभी बैठकों से यहां ऐसा हो सकता है कि भारत ऐसी योजना बना रहा है जिससे इसे रोका जाए।

अभी हाल ही में लैटिन अमेरिका के आकाश में एक बड़ा सा गुब्बारा नजर आया था, जिसे चीनी जासूसी गुब्बारा बताया जा रहा था। तीन दिन तक ये गुब्बारा एयरस्पेस में दिखाई दे रहा था। अमेरिकी सेना  गुब्बारे की हर गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाए हुई थीं। इसके बाद अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था। ये पहली बार नहीं जब चीन के द्वारा किसी देश में जासूसी करने के प्रयास कर रहा हो। जासूसी में तो चीन माहिर है। चीन तमाम तरीके अपनाकर भारत की भी जासूसी करने की कोशिश करता रहता है। चीन, भारत को भी परेशान करने का कोई भी अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देता है। ऐसे में भारत के लिए यह आवश्यक है कि वो हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे और ऐसा हो सकता है कि अजीत डोभाल भारत को इसी सूचना युद्ध से लड़ने के लिए तैयार कर रहे हो।

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