असम में हिमंता ने फूंका बिगुल, बाल विवाह से जुड़े मामलों में 1800 से अधिक लोग गिरफ्तार

असम को बाल विवाह मुक्त बनाने हेतु जी जान से जुटे हुए हैं हिमंता बिस्वा सरमा!

Himanta Biswa Sarma

Source- Google

हमारे बड़े बुज़ुर्गों ने ठीक ही कहा है, कुछ भी पालो पर गलतफहमी ना पालो। परंतु असम के कट्टरपंथियों के कॉन्फिडेन्स को मानना होगा, मर जाएंगे परंतु अपने ‘रूढ़िवादी सोच’ को नहीं त्यागेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में कट्टरपंथियों ने हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार द्वारा बाल विवाह विरोधी कार्यक्रमों के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने का प्रयास किया। लेकिन हिमंता महोदय ने भी तय कर लिया है कि कुछ भी हो जाए परंतु अराजकतावादियों को वह विजयी नहीं होने देंगे!

इसी बीच खबर है कि असम पुलिस ने राज्य भर में बाल विवाह से संबंधित मामलों में अब तक 1,800 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। असम के मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से यह बात कही। इस बीच असम सरकार शुक्रवार यानी आज से ही बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम शुरू करने जा रही है। इस दौरान दोषियों की गिरफ्तारी होगी और व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

और पढ़ें: “अपने घर बैठो” हिमंता बिस्वा सरमा ने केजरीवाल की बखिया उधेड़ दी

पॉक्सो के तहत दर्ज होगा मामला

ध्यान देने योग्य है कि जिस प्रकार से CAA विरोधी तत्वों एवं अवैध मदरसों के विरुद्ध कार्रवाई पर हिमंता सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था, ठीक उसी पद्धति पर वो बाल विवाह विरोधी अधिनियमों के विरुद्ध कट्टरपंथियों के प्रदर्शन को भी हल्के में नहीं ले रहे हैं। हाल ही में राज्य के डीजीपी जीपी सिंह के साथ हिमंता बिस्वा सरमा ने एक महत्वपूर्ण बैठक भी की है। और शायद यही कारण है कि पिछले हफ्ते से लेकर अब तक असम पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए।

साथ ही यह तय किया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 वर्ष की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

परंतु बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। असम सरकार ने स्पष्ट किया है जो भी इन मामलों में आरोपित होंगे, उन्हें सीधा हिरासत में लिया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 वर्ष से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता है।

हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि असम सरकार, राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। असम पुलिस ने राज्य भर में अब तक 4,004 मामले (बाल विवाह के) दर्ज किए हैं और आने वाले दिनों में पुलिस की और कार्रवाई होने की उम्मीद है।

कुरीति से मुक्ति के लिए सहयोग और समर्थन

इसके अतिरिक्त चूंकि ऐसे अधिनियमों पर विरोध प्रदर्शन स्वाभाविक है और साथ ही साथ CAA के तर्ज पर विरोध प्रदर्शन भी हो सकते हैं, इसलिए एडवांस में तैयारी करते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने लोगों से इस कुरीति से मुक्ति के लिए सहयोग और समर्थन की अपील की।

वहीं, एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, “बाल विवाह विरोध अधिनियमों के विरोध में राज्य स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं। 1800 से अधिक हिरासत में लिए जा चुके हैं। स्त्रियों के विरुद्ध घृणास्पद एवं जघन्य अपराधों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।” ऐसे में अब यह कहना गलत नहीं होगा कि हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में बाल विवाह के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया है और जो भी इसके आड़े आएगा, उसकी खैर नहीं!

और पढ़ें: असम के ‘शिवाजी’ वीर लचित बोरफुकन के शौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर ला रहे हैं हिमंता बिस्वा सरमा

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Exit mobile version