Main Aarti Teri Gaon o Keshav Kunj Bihari
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Main Aarti Teri Gaon o Keshav Kunj Bihari साथ ही इससे जुड़े भजन के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
मैं आरती तेरी गाँउ,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी,
मै नित-नित शीश नवाऊ,
ओ मोहन कृष्ण मुरारी ||
है तेरी छवि अनोखी,
ऐसी ना दूजी देखी,
तुझ सा ना सुन्दर कोई,
ओ मोर मुकुट धारी,
मैं आरती तेरी गाऊं,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी ||
माखन की मटकी फोड़ी,
गोपिन संग अंखिया जोड़ी,
ओ नटखट रसिया तुझ पे,
जाऊं मैं तो बलिहारी,
मैं आरती तेरी गाऊं,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी ||
जब जब तू बंसी बजाए,
सब अपनी सुध खो जाए,
तू सब का सब तेरे प्रेमी,
ओ कृष्ण प्रेम अवतारी,
मैं आरती तेरी गाऊं,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी ||
जो आए शरण तिहारी,
विपदा मिट जाए सारी,
हम सब पर कृपा रखना,
ओ जगत के पालनहारी,
मैं आरती तेरी गाऊं,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी ||
राधा संग प्रीत लगायी,
और प्रीत की रीत चलायी,
तुम राधा रानी के प्रेमी,
जय राधे रास बिहारी,
मैं आरती तेरी गाऊं,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी ||
मैं आरती तेरी गाँउ,
ओ केशव कुञ्ज बिहारी,
मै नित-नित शीश नवाऊ,
ओ मोहन कृष्ण मुरारी ||
भगवान् कृष्ण को भगवान् विष्णु का आँठवा अवतार माना जाता है उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण के चरित्र वर्णन किया गया है। भागवत पुराण में यह कहा गया है – द्वापरयुग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करते थे। उनका एक क्रूर पुत्र कंस था और उनकी एक बहन देवकी थी। कंस ने अपने पिता को कारगर में डाल दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया। देवकी का विवाह वसुदेव के साथ हुआ था। कंस ने जब यह भविष्यवाणी सुनी कि उसका वध देवकी के आठवें बेटे के हाथों होगा तो उसने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया और उनके छ: बेटों की जन्म होते ही हत्या कर दी। बलराम इनके सातवें पुत्र थे।
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