बस करो नीतीश कुमार, ‘विशेष राज्य के लॉलीपोप’ से बिहार को अब और बर्बाद मत करो

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब आधुनिक दौर में आ जाना चाहिए!

Nothing shouts more Nitish's incompetency that demand of special status for Bihar

Source: NDTV

बचपन में एक विज्ञापन देखता था, बड़ा मजेदार था। जो पोलो कैंडी आज बहुत लोकप्रिय है, उसे भारतीय मार्केट में स्थापित करने में इस एड का बहुत योगदान था, जहां ट्रेन में एक महिला अपने बच्चे को स्वेटर पहनाने का प्रयास करती है। पर वो ज़िद्दी बच्चा स्वेटर पहनना ही नहीं चाहता, और इसी गुत्थम गुत्थी में जब ट्रेन सुरंग से गुजरती है, तो बिना देखे वह महिला एक वृद्ध सज्जन को वह स्वेटर पहना देती है।

वित्त मंत्री का बयान 

 

पता है राजनीति में भी एक ऐसा ज़िद्दी बच्चा है, जो सदैव अपने मन की करता है, चाहे इसके लिए अपने राज्य की ही लंका क्यों न लगानी पड़े। हाल ही में एक विषय पर प्रेस से वार्तालाप करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इतना स्पष्ट किया कि अब “विशेष राज्य” का दर्जा गुजरे समय की बात है, और चाहे कोई भी हो, अब फर्जी में किसी राज्य को स्पेशल स्टेटस नहीं दिया जाएगा।

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ये उन लोगों के लिए झटके से कम न था, जो केवल इसी आधार पर राजनीति करते थे कि उनके राज्य को विशेष दर्जा मिल जाए, और नीतीश कुमार भी उन्ही में से एक हैं। अभी कुछ ही दिनों पहले महोदय ने कहा था, “मैं केवल लोगों के विकास एवं राज्य का उज्ज्वल भविष्य चाहता हूँ। सबको बोलने का अधिकार है, और इसी नाते मैं मानता हूँ कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, तभी उसकी तरक्की संभव है!”

अपराध फिर बढ़ गया

 

तरक्की, हाँ? तरक्की यदि नीतीश कुमार का लक्ष्य होता तो इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार को बदलकर रख दिया होता। बिहार में भी निवेशक आते और बिहार की छवि राष्ट्रीय स्तर पर चमकती लेकिन बिहार की आर्थिक तरक्की से ज्यादा तो नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी प्यारी है- जिससे चिपके रहने के लिए वो बिहार के विकास को दांव पर लगाने से भी नहीं चूकते हैं।

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इसके अतिरिक्त नीतीश कुमार ने पिछले छः माह में बिहार का बेड़ा गर्क करके रखा हुआ है। भ्रष्टाचार तो बहुत छोटी बात है, अपराध इतना बढ़ गया है कि एक बार झारखंड का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सयाने लगने लगे।

जातिगत हिंसा, लूटपाट, डकैती, आप बोलते जाइए- बिहार में “जंगल राज” ने वापसी नहीं की है, अपितु अत्यधिक भीषण रूप अपना लिया है, और इसके बाद भी बेशर्मी से ये व्यक्ति स्पेशल स्टेटस की मांग करता है, मानो स्पेशल स्टेटस न हो गया, इनकी बालूशाही हो गई, जिससे “जानबूझकर इन्हे वंचित रखा जा रहा है”।

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