करत-करत अभ्यात के जड़मति होत सुजान! केएल राहुल वो भी नहीं हुआ, टीम में हैं ही क्यों?

पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने केएल राहुल को कुछ सुझाव दिए हैं!

Only 4-day Cricket can save K L Rahul as crucial chinks in the armoury get exposed

Source: NDTV Sports

बचपन में आपने इस बात को कहीं न कहीं अवश्य सुना होगा, “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान!” अर्थात निरंतर परिश्रम से मूर्ख भी सुयोग्य बन सकता है। परंतु इस बात से कन्नौर लोकेश राहुल अभी तक अनजान हैं, इसलिए वे सम्पूर्ण देश की आँखों में शूल की भांति अब चुभने लगे हैं।

केएल राहुल का बुरा प्रदर्शन

यूं तो सफलता और असफलता हर क्रिकेटर के जीवन का भाग होता है, परंतु केएल राहुल जिस भांति भारतीय टीम की पगड़ी उछालने का जी-तोड़ प्रयास करते हैं, और जितने अवसर उन्हे भारत की मिट्टी पलीद करने के बाद भी दिए जाते, उसके आधे में तो विनोद कांबली “लिविंग लेजेंड” बन गया होता!

2018 से भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम को अपने प्रदर्शन से आईसीसी टूर्नामेंट हरवाने वाले इस व्यक्ति का रिकॉर्ड वर्तमान बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी नहीं सुधरा है। अब तक दो टेस्ट खेले जा चुके हैं, और दोनों में ही इस व्यक्ति ने अपने प्रदर्शन से बुरी तरह निराश किया है। दोनों टेस्ट में ये व्यक्ति अर्धशतक तो छोड़िए, 10 रन बनाने में भी हाँफ जाते हैं।

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अभी के लिए इन्हे भारतीय टीम के उपकप्तान पद से हटा दिया गया है, परंतु इनके टीम में बने रहने एवं अन्य खिलाड़ियों की कीमत पर इन्हे अनंत अवसर दिए जाने से लगभग सभी क्रिकेट प्रेमी आग बबूला हुए हैं। स्वयं कई पूर्व क्रिकेटर एवं क्रिकेट विश्लेषक भी चयनकर्ताओं के इस निर्णय से परेशान हैं और उन्ही में से एक हैं पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद, जो सोशल मीडिया पर भी उतने ही धाकड़ हैं, जितने मैदान पर थे।

केएल राहुल के निकृष्ट प्रदर्शन पर उन्होंने अपने विचार क्या रखे, सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। परंतु वे भूल गए कि ये वही वेंकटेश प्रसाद हैं, जिन्होंने कभी बड़े से बड़े बैटिंग लाइनअप की धज्जियां उड़ा रखी थी।

वेंकटेश प्रसाद के सुझाव

केएल राहुल पर उन्होंने ट्वीट्स की फिर झड़ी-सी लगा दी, जहां उक्त क्रिकेटर के करियर से जुड़े हर पहलू को उन्होंने पेश किया और यह भी सुझाव दिया कि यदि इन्हे अपना करियर बचाना है, तो उन्हे भी कुछ कड़े कदम उठाने होंगे।

वेंकटेश प्रसाद ने अपनी ट्वीट शृंखला में लिखा, “किसी को लगता है कि मेरे को केएल राहुल से निजी शत्रुता है। अरे मैं तो चाहता हूँ कि उसका करियर फूले फले, और मैं तो सुझाव देने को भी तैयार हूँ। चूंकि घरेलू सत्र समाप्त हो चुका है, इसलिए उन्हे पुजारा [चेतेश्वर पुजारा] की भांति इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट की ओर मुड़ना चाहिए। टेस्ट क्रिकेट के लिए उन्हें जी जान लगा देनी चाहिए। परंतु क्या उनके लिए आईपीएल छोड़ना सरल होगा?”

इसके साथ ही उन्होंने कुछ स्पष्ट और ठोस आँकड़े भी पेश किये, जिसमें उनका निशाना के एल राहुल कम और चयनकर्ता अधिक थे। उनके ट्वीट के अनुसार,
“कुछ लोगों को लगता है कि केएल राहुल को इसलिए रखा जाना चाहिए क्योंकि उसका दमदार विदेशी टेस्ट रिकॉर्ड है।

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परंतु आँकड़े कुछ और कहते हैं। 56 पारियों में महोदय का औसत 30 के आसपास रहा है। हाँ ठीक है, उसने 6 शतक लगाए, परंतु इसके बाद उसके अधिकतम स्कोर 30 से भी कम रहे। इसी लॉजिक पे अजिंक्य रहाणे भी काफी समय तक असफल रहने के बाद ड्रॉप किये गए, परंतु उनका एवरेज तो केएल राहुल से कहीं गुना बेहतर है।  50 टेस्ट में 40 की औसत से इन्होंने खेला है”।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि केएल राहुल इस समय अपने सबसे खराब दौर से गुज़र रहे हैं। परंतु एक तो इनका निरंतर गिरता प्रदर्शन, उसपे अन्य योग्य खिलाड़ियों को बाहर रख इन्हे खिलाते रहने की ज़िद्द इनकी ही प्रोफ़ाइल को और बेकार बना रही है। कहीं ऐसा न हो कि केएल राहुल को बनाए रखने के पीछे भारतीय क्रिकेट उस मुहाने पर आ जाए, जहां से लौटना लगभग असंभव हो।

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