भारत के बैंकिंग सेक्टर को डिजिटल क्रांति की राह पर आगे ले जाने के लिए UPI की शुरुआत करने के बाद मोदी सरकार हाल ही में डिजिटल करेंसी लेकर आयी थीं। अब निजी क्षेत्र ने डिजिटल रुपये को बढ़ावा देने का निर्णय किया है। अब दिशा में पहला कदम रिलायंस रिटेल ने आगे बढ़ा दिया है। उसने डिजिटल रुपये में लेन देन की शुरुआत कर दी है। रिलायंस रिटेल ने घोषणा की है कि उसने देश में अपने सभी स्टोरों पर भारत सरकार के डिजिटल रुपये के माध्यम से खुदरा भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
डिजिटल रुपये में लेन देने को सरल बनाने के लिए रिलायंस रिटेल ने ICICI बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के साथ करार किया है। रिलायंस रिटेल के प्रबंध निदेशक वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि मेरा मानना है सीबीडीसी, यूपीआई सिस्टम से बेहतर होगा। इसमें लेन-देन गुमनाम और सुरक्षित होगा। इसके अलावा 17 हजार रिलायंस रिटेल स्टोर्स में स्वीकृति मिलने से सीबीडीसी के प्रसार में सहायता मिलेगी। एक दिसंबर 2022 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के चार शहरों में डिजिटल करेंसी को लागू भी कर दिया था। इनमें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर जैसे शहर शामिल थे लेकिन बाद में इसे नौ शहरों तक बढ़ा दिया गया।
डिजिटल रुपया और UPI पेमेंट में क्या अंतर है?
Digital Rupee को दूसरे तरह की करेंसी में चेंज किया जा सकता है, जबकि UPI को नहीं किया जा सकता है। बैंक प्रत्येक UPI लेनदेन में मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। परिणामस्वरूप, UPI ऐप में बैंक खाते को डेबिट किया जाता है और प्राप्तकर्ता के बैंक को पैसा भेजा जाता है। जबकि डिजिटल करेंसी के मामले मे जब कोई किसी स्टोर पर या किसी और को भुगतान करता है, तो पैसा उसके वॉलेट से दूसरे के वॉलेट में ट्रांसफर हो जाता है, जिसमें बैंक मध्यस्था का काम नहीं करता है।
डिजिटल रुपये और UPI के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “किसी भी UPI लेनदेन में बैंक की मध्यस्थता शामिल होती है। लेकिन CBDC में पेपर करेंसी की तरह आप किसी बैंक पर जाते हैं करेंसी निकालते हैं और उसे अपने पर्स में रख लेते हैं। आप दुकान पर जाते हैं और अपने डिजिटल वॉलेट से भुगतान करते हैं। इसी तरह, यहां भी आप डिजिटल करेंसी निकाल सकते हैं और अपने वॉलेट में रख सकते हैं जो आपके मोबाइल फोन में होगी। जब आप एक दुकान में या किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करें, यह आपके वॉलेट से उसके वॉलेट में चला जाएगा, इसमें बैंक की कोई रूटिंग या मध्यस्थता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी से अलग है डिजिटल करेंसी
सरल शब्दों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हम अपने सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे, बस रुपये-पैसे डिजिटल फॉर्म में होंगे। यहां ध्यान देने योग्य यह भी है बात है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए उपयोग किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट है। यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है, ऐसे में इसमें जोखिम बना रहता है।
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