Shami ka Podha : शमी का पौधा: महत्व एवं फायदे
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Shami ka Podha साथ ही इससे जुड़े महत्व एवं फायदे के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
शमी क्या है?-
शमी का वृक्ष 9-18 मीटर ऊंचा, मध्यमाकार और हमेशा हरा रहता है। इसके वृक्ष में कांटे होते हैं। इसकी शाखाएं पतली, झुकी हुई और भूरे रंग होती हैं। इसकी छाल भूरे रंग की, फटी हुई, तथा खुरदरी होती है।
शमी का पौधा –
हरे पौधे व पेड़ घरों की सुंदरता को बढ़ाते हैं। वे न केवल हवा को शुद्ध करते हैं बल्कि कई चमत्कारिक लाभ भी देते हैं। कुछ पौधे सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करते हैं। शमी का पौधा ऐसा ही एक पौधा है।
हर पेड़ की खुबियां अलग-अलग होती है। हर पौधे के आकार, रंग, सुगंध, फल व फूल सभी विभिन्न प्रभावों के कारण अलग-अलग ग्रहों से जुड़े होते हैं। हालांकि, कुछ पौधों को पवित्र भी माना जाता है। उदाहरण के लिए तुलसी की पूजा लगभग हर हिंदू घर में की जाती है।
शमी के पौधे की पहचान –
यह एक मध्यम आकार का पेड़ होता है जिसकी शाखाएं सफेद-प्यूब्सेंट तथा छाल सफेद होती है जिसपर पेपर फ्लेक्स में पपड़ी पड़ जाती है। इसके फूल धीमी गति से बढ़ते हैं, हल्के पीले से लगभग सफेद रंग के होते हैं, और फल सिरे पर त्रिकोण होने के साथ सपाट होते हैं, आधार पर एक पतला डंठल होता है।
शमी के पेड़ का धार्मिक महत्व –
हिंदू धर्म के अनुसार शमी के पेड़ का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. सरल शब्दों में समझाया जाए तो कहा जाता है कि यह पेड़ शनि के प्रकोप से आप को बचाता है और इसे शनि का पेड़ भी कहा जाता है
शमी के पौधे के फायदे –
- औषधि के क्षेत्र में इस पौधे का बहुत महत्व है। कई बीमारियों जैसे मानसिक विकार, सिज़ोफ्रेनिया, श्वसन मार्ग के संक्रमण, दाद, दस्त, प्रदर, आदि के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- ताम्र के बर्तन में शंख को दूध से घिस लें। इसे घी युक्त जौ, तथा शमी के पत्तों की धूम दिखाकर आंखों में लगाएं। इससे आंखों का दर्द ठीक होता है।
- लोहे के बर्तन में गूलर के कच्चे फल को गाय के दूध के साथ घिस लें। इसे घी युक्त शमी के पत्तों की धूम दें। इसे आंखों में लगाने से आंखों की जलन, दर्द, लालिमा, पानी बहना आदि विकार ठीक होते हैं।
- इसके पत्तों के रस का इस्तेमाल आंत में मौजूद परजीवी कृमियों को मारने हेतु किया जाता है। फली का इस्तेमाल मूत्रजननांगी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
- कण्टकारी, दालचीनी, मुलेठी तथा ताम्र भस्म को बकरी के दूध के साथ पीस लें। इसे घी युक्त शमी, तथा आंवला के पत्तों की धूम देकर आंखों में लगाएं। इससे आंखों का दर्द और सूजन ठीक होता है।
आशा करते है कि Shami ka Podha के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।