राज्याभिषेक में ब्रिटेन की महारानी कैमिला के ताज में नहीं होगा कोहिनूर, कारण जान लीजिए

यह तो होना ही था!

महारानी कैमिला ताज

Source: ZEE News

भारत का वर्चस्व वैश्विक स्तर पर लगातार बढ रहा है। दुनियाभर के देश आज भारत के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं। कोई भी देश नही चाहता कि दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ संबंध खराब हों। अब इसका उदाहारण किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में भी आपको देखने को मिलेगा।

दरअसल, इस साल मई में किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक होगा। इस दौरान वो आधिकारिक रूप से ब्रिटेन के राजा की गद्दी को संभालेंगे। इस दौरान महारानी कैमिला को कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज पहनना था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया है।

महारानी कैमिला के ताज में नहीं होगा कोहिनूर

ब्रिटेन के शाही परिवार के आधिकारिक आवास बकिंघम पैलेस ने यह जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत लंबे समय से कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग करता रहा है, ऐसे में अगर कैमिला उस ताज को पहनतीं तो नया राजनयिक विवाद पैदा हो सकता था।

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आपको बता दें कि कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स की दिवंगत दादी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अंतिम बार पहना था। बताया जाता है कि यह कोहिनूर हीरा 105 कैरट का है, जो दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है।

भारत का दावा है कि ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान इस हीरे को भारत से ले जाया गया था, और महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था।

कोहिनूर दुनिया का सबसे मशहूर और बेशकीमती हीरा है। माना जाता है कि 14वीं सदी में आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा की एक खदान में ये हीरा मिला था। तब इसका वजन 793 कैरेट था। स्वतंत्रता मिलते ही भारत ने ब्रिटेन से कोहिनूर वापस देने की मांग की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद 1953 में एक बार फिर भारत ने ब्रिटेन से कोहिनूर मांगा और इस बार भी मांग खारिज हो गई।

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वहीं पिछले साल सितंबर में क्वीन एलिजाबेथ II के निधन के बाद कोहिनूर को वापस लाने की मांग फिर उठी तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि सरकार इस सवाल का जवाब संसद में दे चुकी है। हम इस मसले को समय-समय पर यूके सरकार के सामने उठाते रहे हैं और हम इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

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