राजपाल यादव: उत्तर प्रदेश का वो लड़का जो अपनी ‘कॉमेडी’ से ‘हीरो’ बन गया​

लोटपोट करने वाली कॉमेडी ने ही उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Rajpal Yadav

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Rajpal Yadav biography in Hindi: किसी ने सही कहा है, मस्तिष्क पर खर्च किया गया धन और समय व्यर्थ नहीं जाता। क्षेत्र कोई भी हो यदि आपने सच्चे मन से कार्य किया है तो आपको फल अवश्य मिलेगा और यह बात राजपाल यादव से बेहतर कौन जाने? इस लेख में हम आपको विस्तार से राजपाल यादव के करियर (Rajpal Yadav biography in Hindi) से अवगत कराएंगे और बताएंगे कि कैसे उनके संवादों ने ही उनके डूबते हुए करियर के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Rajpal Yadav biography in Hindi – “हंगामा” से बदल गई किस्मत

राजपाल यादव और हमारे ‘पंचायत’ वाले “प्रधान जी” के बीच क्या समान बात है? दोनों एक ही डाली के दो फूल हैं, यानी एक ही धारावाहिक से दोनों को प्रसिद्धि मिली। जहां रघुबीर यादव “मुंगेरीलाल के हसीन सपने” के पीछे चर्चा में आये तो वहीं राजपाल यादव इसके सीक्वल “मुंगेरीलाल के भाई नौरंगीलाल” के कारण चर्चा में  आये।

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक करने वाले राजपाल यादव ने तो अपने करियर का प्रारंभ नकारात्मक रोल से किया परंतु धीरे धीरे वो कॉमेडी की ओर मुड़ गए। वर्ष 2000 में आई “प्यार तूने क्या किया” से उन्होंने अपना कॉमिक करियर प्रारंभ किया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। छोटे मोटे रोल से प्रारंभ करते हुए राजपाल यादव धीरे धीरे अपने कॉमिक टाइमिंग से इंडस्ट्री में धाक जमाने लगे। वर्ष 2003 में आई फिल्म “हंगामा” ने उनके करियर का रुख ही बदल दिया।

उसके बाद अनेक फिल्मों में राजपाल यादव की उपस्थिति उतनी ही आवश्यक थी, जैसे भोजन में नमक की। फिल्म “वक्त”, ” चुपचुप के”, “गरम मसाला”, “फिर हेराफेरी”, “ढोल”, ” पार्टनर”, आप जो बोलिये, राजपाल यादव ने वैसे रोल किए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई फिल्मों में सीरियस रोल करके भी प्रशंसा कमाई है, जैसे “मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूँ”, “मैं, मेरी पत्नी और वो”, “अंडरट्रायल” इत्यादि।

उन्हें काम मिलना बंद क्यों हो गया?

तो फिर ऐसा क्या हुआ कि राजपाल को काम मिलना बंद हो गया? इसके कोई ठोस कारण नहीं है परंतु इतना कह सकते हैं कि बॉलीवुड के भ्रष्ट आचरण के कारण राजपाल को काम मिलने के लाले पड़ गए। इतना ही नहीं, राजपाल को एक समय बदहाली में जेल भी जाना पड़ा। वर्ष 2013 में पांच करोड़ का लोन चुकाने में नाकाम रहने पर उन्हें जेल जाना पड़ा था। राजपाल ने बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया था और तब बिजनेसमैन एम जी अग्रवाल से मदद ली थी। फिल्म फ्लॉप हो गई और वह नुकसान में चले गए। ऐसे में कर्ज के पैसे न चुकाने पर उन्हें तीन महीने की जेल हो गई थी।

तो फिर राजपाल की वापसी कैसे हुई? जवाब स्पष्ट है- मीम्स से! हैं? अब आप भी सोच रहे होंगे कि यह कैसे संभव है? सोशल मीडिया पर वर्ष 2015 के बाद मीम्स की जो रीति बढ़ी, उससे राजपाल भी अछूते नहीं रहे। उनके कई संवाद मीम्स के रूप में बहुचर्चित हुए, जैसे “ठीक है भाई, अब मैं चलता हूँ”, ” भाई पैसा हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता” आदि। आज भी लोग यदा कदा उनके मीम्स को उपयोग में लाते हैं। ऐसे में लोग मांग करने लगे राजपाल यादव को पुनः फिल्मों में लाने की और आखिरकार हुआ भी वही।

अब डेविड धवन का अपने ही फिल्मों की घटिया रीमेक करने के लिए लाख उलाहने सुनने पड़े पर एक काम उन्होंने फिर भी ठीक किया और वह है राजपाल यादव को पुनः सिनेमा के मंच पर वापस लाना। फिर 2022 में जहां एक के बाद एक कर कई बॉलीवुड फिल्में धड़ाम हुई तो वहीं भूल भुलैया 2 और दृश्यम 2 जैसी फिल्में भी सफल हुईं। भूल भुलैया 2 के सफल होने का कारण केवल कार्तिक आर्यन और तब्बू ही नहीं थे, राजपाल यादव जैसे कलाकारों ने भी बराबर की भूमिका निभाई थी। शायद ठीक ही कहा है किसी ने, भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं!

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