TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Congress All Party Delegation

    देशहित से आगे तुष्टिकरण! ऑल-पार्टी डेलिगेशन के लिए कांग्रेस के दिए नामों पर क्यों हुआ विवाद?

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बना ऑल पार्टी डेलिगेशन: कांग्रेस क्यों कर रही है शशि थरूर के नाम का विरोध?

    Omar Abdullah and Mehbooba Mufti

    सिंधु जल समझौता: बाप-दादा तक क्यों पहुंची उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की जुबानी जंग?

    मोदी का मास्टर स्ट्रोक: विपक्ष-सरकार हुए एकजुट, दुनिया को देंगे सशक्त भारत का संदेश

    मोदी का मास्टर स्ट्रोक: विपक्ष-सरकार हुए एकजुट, दुनिया को देंगे सशक्त भारत का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    PMO PM Modi Indian Jet Engine Program

    PMO को अपने हाथों क्यों लेनी चाहिए जेट इंजन प्रोग्राम की कमान?

    Defence Budget

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब सेना को मिलेगा 50,000 करोड़ का हाइपरसोनिक बूस्ट, आधुनिक तकनीक और हथियारों पर भारत का फोकस

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    Drone Warfare india pakistan

    प्रथम विश्व युद्ध से भारत-पाक तक: ड्रोन कैसे बदल रहे हैं जंग की दिशा?; जानें इतिहास, टेक्नोलॉजी और उपयोग की पूरी कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ ने कबूला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सच, कहा- ‘रात 2:30 बजे मुनीर का फोन आया…’

    पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ ने कबूला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सच, कहा- ‘रात 2:30 बजे मुनीर का फोन आया…’

    आमिर खान मुत्ताकी (बाएं) और एस. जयशंकर (दाएं)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर की तालिबान से सीधी बातचीत के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान की पैरवी कर रही पश्चिमी मीडिया की खुल गईं आंखें, अब भारत नजर आने लगा संघर्ष का विजेता

    पाकिस्तान की पैरवी कर रही पश्चिमी मीडिया की खुल गईं आंखें, अब भारत नजर आने लगा संघर्ष का विजेता

    सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान की खेती तबाह, 40% से ज़्यादा फसलें बर्बाद: एक्सपर्ट

    सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान की खेती तबाह, 40% से ज़्यादा फसलें बर्बाद: एक्सपर्ट

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Congress All Party Delegation

    देशहित से आगे तुष्टिकरण! ऑल-पार्टी डेलिगेशन के लिए कांग्रेस के दिए नामों पर क्यों हुआ विवाद?

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बना ऑल पार्टी डेलिगेशन: कांग्रेस क्यों कर रही है शशि थरूर के नाम का विरोध?

    Omar Abdullah and Mehbooba Mufti

    सिंधु जल समझौता: बाप-दादा तक क्यों पहुंची उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की जुबानी जंग?

    मोदी का मास्टर स्ट्रोक: विपक्ष-सरकार हुए एकजुट, दुनिया को देंगे सशक्त भारत का संदेश

    मोदी का मास्टर स्ट्रोक: विपक्ष-सरकार हुए एकजुट, दुनिया को देंगे सशक्त भारत का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    अमेरिका पर भारत लगाएगा रेसिप्रोकाल टैरिफ

    टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    PMO PM Modi Indian Jet Engine Program

    PMO को अपने हाथों क्यों लेनी चाहिए जेट इंजन प्रोग्राम की कमान?

    Defence Budget

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब सेना को मिलेगा 50,000 करोड़ का हाइपरसोनिक बूस्ट, आधुनिक तकनीक और हथियारों पर भारत का फोकस

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    Drone Warfare india pakistan

    प्रथम विश्व युद्ध से भारत-पाक तक: ड्रोन कैसे बदल रहे हैं जंग की दिशा?; जानें इतिहास, टेक्नोलॉजी और उपयोग की पूरी कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ ने कबूला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सच, कहा- ‘रात 2:30 बजे मुनीर का फोन आया…’

    पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ ने कबूला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सच, कहा- ‘रात 2:30 बजे मुनीर का फोन आया…’

    आमिर खान मुत्ताकी (बाएं) और एस. जयशंकर (दाएं)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर की तालिबान से सीधी बातचीत के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान की पैरवी कर रही पश्चिमी मीडिया की खुल गईं आंखें, अब भारत नजर आने लगा संघर्ष का विजेता

    पाकिस्तान की पैरवी कर रही पश्चिमी मीडिया की खुल गईं आंखें, अब भारत नजर आने लगा संघर्ष का विजेता

    सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान की खेती तबाह, 40% से ज़्यादा फसलें बर्बाद: एक्सपर्ट

    सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान की खेती तबाह, 40% से ज़्यादा फसलें बर्बाद: एक्सपर्ट

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

    भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी

    RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जब छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति आकर्षित हुई थी औरंगजेब की पुत्री

ये बात औरंगजेब को बहुत खटकी।

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
15 February 2023
in इतिहास
When Aurangzeb's daughter Zeb-un-Nissa was attracted to Chhatrapati Shivaji Maharaj

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

​बादशाह औरंगजेब “आलमगीर” को हम उसके भारत को सम्पूर्ण रूप से इस्लामी बनाने की सनक एवं उसके अत्याचारों के लिए जानते हैं। उसकी क्रूरता का कोई अंत न था और उसने तो अपने परिवार तक को नहीं छोड़ा। परंतु वो कहते हैं न, जो औरों से न हारे, वो अपनों से हार जाए। औरंगजेब को वैसे तो कई लोगों ने धूल चटाई, परंतु जो सबसे ‘गहरे घाव’ उसे मिले, उसे अपनी ही ज्येष्ठ पुत्री Zeb-un-Nissa से मिले।
​
इस लेख में हम जानेंगे राजकुमारी जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa), जिसका सशक्त एवं रचनात्मक व्यक्तित्व ही उसके पिता औरंगजेब की आंखों में खटकता था, और जो छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व से भी काफी प्रभावित थी।

और पढ़ें: मिलिए इतिहासकार जेम्स मिल से, जो एक बार भी भारत नहीं आए लेकिन भारत का इतिहास लिख डाला

संबंधितपोस्ट

दारा शिकोह: उपनिषद पढ़ने वाला मुगल जिसका सिर कटवाकर औरंगज़ेब ने पिता शाहजहां को किया था पेश

अब हाई कोर्ट पहुंचा औरंगजेब का मामला, कब्र उखाड़ फेंकने को लेकर दाखिल हुई अर्जी

औरंगज़ेब को लेकर क्या थी जवाहरलाल नेहरू की राय?

और लोड करें

औरंगजेब की प्रिय थी जेबुन्निसा

15 फरवरी 1638 में दौलताबाद के किले, जिसे अब देवगिरि के नाम से जाना जाता है, में जन्मी राजकुमारी जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) एक समय पर औरंगजेब की प्रिय थी। हो भी क्यों न, वह उनकी पटरानी दिलरस बानू बेगम की सबसे बड़ी संतान थी। केवल तीन वर्ष की आयु में कुरान कंठस्थ कर ली थी और सात वर्ष की आयु में वह हाफिजा बन गई थीं।

इस अवसर को उनके पिता ने एक विशाल दावत और सार्वजनिक अवकाश के साथ मनाया था। राजकुमारी को उसके प्रसन्न पिता ने 30,000 स्वर्ण टुकड़े का इनाम भी दिया था। औरंगजेब ने अपनी जहीन पुत्री को अच्छी तरह से पढ़ाने के लिए उस्ताद बी को 30,000 स्वर्ण टुकड़ों की राजसी राशि का भुगतान किया।

जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) ने मोहम्मद सईद अशरफ मज़ंधारानी नामक फारसी कवि से समय का विज्ञान भी सीखा। इसके अतिरिक्त राजकुमारी ने दर्शन, गणित, खगोल विज्ञान, साहित्य सीखा और सुलेख में भी उनकी अच्छी प्रतिष्ठा थी। यूं समझिए, राजकुमारी जेबुन्निसा बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी और वह सभी मुग़लों में उस समय सबसे शिक्षित भी थी।

और पढ़ें: इस पूरे विश्व में कभी भी- कोई भी बीरबल नहीं था, जानिए, कैसे और क्यों गढ़ा गया ‘बीरबल का किरदार’?

औरंगजेब के राज में कला के लिए कोई स्थान नहीं था

उसने कई विद्वानों को अच्छे वेतन पर अपनी बोली में साहित्यिक कार्यों का निर्माण करने या उसके लिए पांडुलिपियों की प्रतिलिपि बनाने के लिए रोजगार दिया। जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) का पुस्तकालय काफी समृद्ध था, जिसमे कुरान, हिंदू और जैन ग्रंथों, ग्रीक पौराणिक कथाएं, फारसी ग्रंथों, विद्वान अल्बरूनी के यात्रा के अकाउन्ट, बाइबल के अनुवाद और अपने पूर्वजों के बारे में समकालीन लेखन शामिल थे। उनकी लाइब्रेरी ने प्रत्येक विषय पर साहित्यिक काम भी प्रदान किए, जैसे कानून, साहित्य, इतिहास और धर्मशास्त्र इत्यादि। औरंगजेब ने इन कार्यों में कम ही हस्तक्षेप किया, परंतु किसे पता था कि उसकी यही बेफिक्री जी का जंजाल बन जाएगी।

अब राजकुमारी केवल विदुषी ही नहीं, अपितु एक उत्कृष्ट कवयित्री एवं रचनाकार भी थी। परंतु कला के लिए औरंगजेब के राज में कोई स्थान नहीं था और जेबुन्निसा उन सभी विधाओं की ज्ञाता थी, जिनसे औरंगजेब को सख्त चिढ़ थी। ऐसे में उसने मखफी के उपनाम से कविताएं लिखनी प्रारंभ की।

जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) का जीवन कष्टों से परिपूर्ण थी। उसे चाहने वाले बहुत थे, परंतु वह किसी के साथ चाहकर भी संबंध नहीं रख पाई, क्योंकि सबसे बड़ी बाधा कहीं न कहीं औरंगजेब का क्रोध एवं उसकी बर्बरता भी थी। परंतु धीरे धीरे ये बर्बरता उसके लिए असहनीय बन गई, और वह समय समय पर उसका विरोध भी करती।

उदाहरणत जब औरंगजेब के व्यवहार से तंग आकर शहज़ादा मोहम्मद अकबर ने विद्रोह किया और राजपूताने में शरण ली, तब जेबुन्निसा ने अपेक्षाओं के विपरीत जाकर उसका समर्थन किया। मोहम्मद अकबर को औरंगजेब के सबसे कट्टर शत्रुओं में सम्मिलित राणा राज सिंह, एवं मारवाड़ के संरक्षक राव दुर्गादास राठौड़, दोनों ने ही शरण दी।

और पढ़ें: बचपन में चली गई थी एक आंख की रोशनी, फिर भी सर्वश्रेष्ठ शासक में से एक बने: महाराजा रणजीत सिंह की पूरी कहानी

छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व की ओर आकृष्ट हुई

परंतु यही एक कारण नहीं था, जिसके पीछे जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) औरंगजेब के प्रिय से उसके आंखों में शूल की भांति चुभने लगी। आगरा में एक व्यक्ति का आगमन मुगल वंश में भूचाल की भांति आया। पुरंदर में हुई सुलह के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा आए, जहां औरंगजेब ने स्वभाव अनुसार अपनी हेकड़ी दिखाने में कोई प्रयास अधूरा नहीं छोड़ा। परंतु छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना अपमान स्वीकार्य नहीं था और उन्होंने औरंगजेब को चुनौती देते हुए मुगल दरबार का बहिष्कार किया, और इस कदम से राजकुमारी जेबुन्निसा भी प्रभावित हुई।

राजकुमारी जेबुन्निसा (Zeb-un-Nissa) छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व की ओर आकृष्ट हुई। परंतु ये आकर्षण सम्मान का था, या प्रेम का, ये आज भी वाद विवाद का विषय है। अब छत्रपति शिवाजी महाराज महिलाओं को सदैव सम्मान की दृष्टि से देखते थे, और जब एक योद्धा ने राजे को प्रसन्न करने हेतु एक मुस्लिम शासक की पत्नी / पुत्री को उनके समक्ष ‘उपहार’ के रूप में पेश किया, तो उन्होंने उस योद्धा को फटकार भी लगाई और उस महिला को ससम्मान के साथ लौट जाने दिया।

ऐसे में वे तो कभी भी राजकुमारी जेबुन्निसा की ओर आकर्षित नहीं होते, परंतु इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि राजकुमारी जेबुन्निसा छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वभाव और उनके व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थी, और ये बात भी औरंगजेब को बहुत खटकी। अंत में उसके विचारों एवं उसके स्वभाव से बौखलाकर औरंगजेब ने उसे भी बंदी बना लिया, और अपने जीवन के अंतिम 20 वर्ष उन्होंने शाहजहांनाबाद के सलीमगढ़ किले में एकांत में बिताए, जहां 1702 में उनका निधन हो गया। उनके लेखन को “दीवान ए मखफी” के नाम से संकलित कर 1724 में प्रकाशित किया गया, और ये कहना गलत नहीं होगा कि राजकुमारी जेबुन्निसा का व्यक्तित्व उनके जीवन की भांति एक अबूझ पहेली थी, और जिसके कारण जितना छत्रपति शिवाजी महाराज से वो भयभीत न रही हों, उससे भी अधिक औरंगजेब इससे भयभीत रही होंगी।

और पढ़ें: लिस्ट्रीन ने अपने माउथवॉश प्रोडक्ट को बेचने के लिए कैसे किया ‘प्लाक बीमारी’ का आविष्कार

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: औरंगजेबछत्रपति शिवाजी महाराजजेबुन्निसादीवान ए मखफी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पीएम मोदी गलत नहीं कहे थे : कांग्रेस के राशिद अल्वी ने पुनः सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व पर प्रश्न उठाया

अगली पोस्ट

एयरो इंडिया शो 2023 में एक मिनी वॉर चल रहा है

संबंधित पोस्ट

करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे
इतिहास

नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

15 May 2025

15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हो गया, भारत-पाकिस्तान दो नए देश बने और सेनाएं भी दोनों देशों के बीच बंट गईं। तब तक सेना...

RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी
इतिहास

RSS के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दिया गया संदेश

10 May 2025

पहलगाम में स्थानीय रेडिकल इस्लामिक आतंकियों की मदद से पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पहचान पूछकर हिन्दू पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च...

28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)
इतिहास

हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

9 May 2025

मुज़फ़्फ़र रज़्मी का एक शेर है- ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई आज...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited