जब भरी सभा में दिलीप कुमार ने इंदिरा गांधी की निकाल दी थी हेकड़ी

दिलीप कुमार का वो एक जवाब जिसने कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गांधी को आइना दिखा दिया।

Dilip Indira Controversy

SOURCE TFI

Dilip Indira Controversy – देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बारे में तो आप जानते ही होंगे, साथ ही आप ये भी जानते होंगे कि इस समय पिछले छह दशकों से भी अधिक समय तक सत्ता की बागडोर अपने हाथ में रखने वाली पार्टी की हालत एकदम खस्ता है. कांग्रेस पार्टी का सनातन संस्कृति से घृणा करना, हिंदी विरोधी और हिन्दू विरोधी होना ये भी किसी से छुपा नहीं है. कांग्रेस चाहे खुद को कितना भी देश की सबसे पुरानी पार्टी कह ले, लेकिन उसके द्वारा हमेशा ही ऐसा कोई-न कोई कांड सामने आता रहता है जहां इस पार्टी का देश के प्रति “प्यार” स्पष्ट दिखाई देता है।

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Dilip Indira Controversy

लेकिन क्या आपको पता है कि एक बार बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार ने कांग्रेस पार्टी के नेहरू परिवार को हिंदुस्तान की आलोचना करने पर मुंह तोड़ जवाब दिया था? क्या आपको पता है कि यह जवाब उन्होंने किसको दिया था? अपने इस जवाब से उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आइना दिखाने का काम किया था। आइए जानते हैं दिलीप कुमार और कांग्रेस पार्टी के नेहरू परिवार का एक दिलचस्प किस्सा।

दिलीप कुमार भारतीय सिनेमा के ऐसे अभिनेता थे और जिनकी प्रतिभा के लोग दीवाने थे। आज भी लोग उनकी फिल्मों को याद करते हैं। उस दौर में वह अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर सुर्ख़ियों में रहते थे। अभी हाल ही में उनका एक वीडियो जमकर वायरल हुआ। इस वीडियो में, अभिनेता दिलीप कुमार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा गांधी के साथ की गयी एक मुलाकात को याद करते हुए लोगों के सामने एक बात रखी थी।

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भारतीय फिल्मों की आलोचना

दिवंगत अभिनेता ने उस घटना को याद करते हुए कहा था कि, “एक बार मैं जवाहर लाल नेहरू के साथ नाश्ता करने गया था। उस समय हमारी बातचीत में इंदिरा गाँधी ने आकर हस्तक्षेप कर मुझसे पूछा कि आप लोग किस तरह की फिल्में बनाते हैं? मैं पेरिस में थी, मास्को गई, मैंने लंदन के सिम्फोनिक आर्केस्ट्रा भी सुने है, नाटक देखे, वहां की कई फिल्में देखीं। वो कितनी खूबसूरत और बेहतरीन हैं, लेकिन आपकी हिंदुस्तानी फिल्मों को क्या होता है? ये हिंदुस्तानी फिल्में आखिर इतनी पीछे क्यों हैं?” तुम्हारी हिंदुस्तानी फिल्मों में हिंदुस्तानियत ही नहीं होती है। ये किस किस्म की इंडस्ट्री है. साथ ही उन्होंने ये भी पूछा  था कि भारतीय फ़िल्में आखिर इतनी पीछे क्यों है?

दिलीप कुमार लगभग 10-15 मिनट तक उनकी बातें सुनते रहे थे। उनकी इन सभी बातों को सुनकर दिलीप कुमार असमंजस में पड़ गए थे कि देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के इतनी बड़ी हस्ती होने के बाद भी उनकी बेटी किस तरह के सवाल पूछ रही है। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने इंदिरा गांधी की सभी आलोचनाओं का सटीक जवाब देकर (Dilip Indira Controversy) उनका मुंह बंद कर दिया था।

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दिलीप कुमार ने क्या कहा?

दिलीप कुमार ने इंदिरा की बातों के जवाब में कहा “10-15 मिनट तक आपने बहुत कुछ कहा, जो सच है. उससे इनकार करना गलत होगा, ऐसा कहना बेवकूफी होगी कि हमारा इंडियन सिनेमा बहुत बेहतरीन है, बहुत अच्छा है, बड़ी तरक्की कर रहा है. मैं आपसे केवल ये कहना चाहता हूँ कि आप जो कह रही हैं कि हमारी फिल्मों में हिंदुस्तानियत नहीं है, मगर आप जो 12 मिनट से बातें कर रही हैं उसमें एक लफ्ज भी हिंदुस्तानी जबान का नहीं था. आप अंग्रेजी में बात कर रही है।

दिलीप कुमार ने उनसे आगे कहा कि , “हम हर साल भीख माँगने के लिए झोली फैलाकर निकल जाते हैं, कभी गल्ले के लिए, कभी गेहूँ के लिए, कभी चावल के लिए, कभी तेल के लिए, कभी सूखे के लिए. अभी तक हम लोगों के पास पीने के लिए साफ पानी नहीं है. हमारे पास शिक्षा नहीं है. हाँ, हमारी फिल्में खराब हैं. लेकिन सिर्फ हमारी फिल्म इंडस्ट्री ही खराब नहीं है, बल्कि हमारे पास खराब शिक्षा भी मौजूद है. सड़के खराब है. मैं आपको ये बता दूँ कि, आपके शासन में भी बहुत सारी चीज़े खराब और कमजोर हैं।”

दिलीप कुमार ने ये भी कहा कि पहले उन्होंने सोचा था कि जवाहरलाल नेहरू उनकी इन बातों से नाराज हों जाएंगे. मगर कुछ देर के मौन के बाद नेहरू कहते हैं कि अगर वो उनकी यानी दिलीप के स्थान पर होते तो इतने विनम्र बिलकुल नहीं होते.

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इंदिरा के लिए सबक (Dilip Indira Controversy)

ध्यान देने वाली बात है कि इंदिरा गांधी ने जो कुछ भी दिलीप कुमार (Dilip Indira Controversy) से कहा और भारतीय सिनेमा को अपने विचारों के अंतर्गत उल्लेखित किया उससे यह स्पष्ट होता है कि वो देश की स्थितियों से किस स्तर तक अनभिज्ञ थीं। आयरन लेडी और दुर्गा कहलाने वाली, दुनिया घूमने वाली इंदिरा गांधी को अपने ही देश की हालत का पता नहीं था। वहीं दिलीप कुमार की बातों से ये तो साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकार में स्वतंत्रता के कुछ दशकों बाद तक भारत की स्थिति कितनी बुरी थी।

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