Delhi-Mumbai expressway Inauguration: वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस साल यानी साल 2023 में कई राज्यों में विधानसबा चुनाव भी होने वाले हैं। इस वर्ष के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे। पक्ष और विपक्ष दोनों ही राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। बीजेपी ने राजस्थान में कांग्रेस को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। यही कारण है कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिन में दूसरी बार राजस्थान दौरे पर गए थे। यहां एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन (Delhi-Mumbai expressway Inauguration) किया है।
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन
Delhi-Mumbai expressway Inauguration के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारी खर्च कर रही है। इस साल के बजट में हमने 10 लाख करोड़ की व्यवस्था सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखी है। वर्ष 2014 की तुलना में यह 5 गुना अधिक है। इससे राजस्थान को एक बड़ा लाभ होने वाला है। पीएम मोदी के अनुसार, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से कई राज्यों को लाभ मिलने वाला है। इससे राज्यों के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने में सहायता मिलेगी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि Delhi-Mumbai expressway के inauguration के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान में चुनाव अभियान आरंभ कर दिया है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि राजधानी से जयपुर तक का सफर भी अब कम समय में पूरा हो पाएगा। साथ ही उन्होंने 5,940 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी थी। एक्सप्रेस-वे के इस खंड के आरम्भ होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी से जयपुर तक का सफर समय पांच घंटे से घटकर लगभग साढ़े तीन घंटे तक होने की संभावना है। इसी के साथ 1,386 किलोमीटर की लंबाई वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को घेरा
पीएम ने जहां इस सरकारी कार्यक्रम में Delhi-Mumbai expressway के पहले फेज का inauguration किया। वहीं उसके बाद उन्होंने एक पब्लिक मीटिंग कर राजस्थान में विकास कार्यों से लेकर कानून व्यवस्था तक कई बातें की। इस उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकारें राजस्थान की सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का विकास सिर्फ इसलिए नहीं कर पा रही थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि कहीं दुश्मन हमारी ही बनाई सड़कों से चलकर देश के अंदर आ जाएगा। मोदी ने आगे ये भी कहा कि कांग्रेस क्यों हमारे सैनिकों के शौर्य और बहादुरी को कम आंकती रही है। इतना ही नहीं मोदी ने कुछ दिन पहले सीएम अशोक गहलोत के पुराना बजट भाषण पढ़ने पर भी तंज कसा था।
कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसीलिए विकास नहीं करती थीं क्योकि वो डरती थीं कि कहीं दुश्मन हमारी ही बनाई सड़कों से चलकर देश के भीतर आ जाएगा।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/8jS6i5Ao1k
— BJP (@BJP4India) February 12, 2023
8 जिलों की सीटों पर निशाना
ध्यान देने योग्य है कि बीजेपी राजस्थान में साल 2018 विधानसभा चुनाव में हार गयी थी लेकिन आने वाले चुनाव में वह ऐसा बिलकुल नहीं चाहती है। मीणा-गुर्जर, एससी और ओबीसी बहुल पूर्वी राजस्थान में दौसा, करौली, भरतपुर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, धौलपुर जिले की 58 विधानसभा सीटें शामिल है। 2013 के चुनाव में इन 8 जिलों में बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2018 के चुनाव में उसे केवल 11 सीटों पर जीत मिली थी। जातिगत और सियासी समीकरणों को मद्देनज़र रखते हुए पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के अलावा बसपा का भी काफी प्रभाव है। राजस्तान में बीजेपी दोबारा से सत्ता में वापसी करने के प्रयासों में जुटी है।
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