2023 में या तो कंगना रनौत वापसी करेंगी, या फिर….

इस बार फिसली तो....

कंगना रनौत

सफलता और असफलता जीवन का एक अमिट सत्य है, इनसे आप मुंह नहीं मोड़ सकते। परंतु कुछ लोगों के लिए असफलता का मतलब ही है उनके करियर का अंत। इस समय कंगना रनौत भी इसी दुविधा से गुज़र रही हैं, और एक भी असफलता उन्हे फिल्म उद्योग में नगण्य यानि Nobody बनाने के लिए पर्याप्त है।

इस लेख में पढिये कि कैसे कंगना रनौत के लिए 2023 बहुत ही महत्वपूर्ण है, और कैसे असफल होने पर उनमें और स्वरा भास्कर में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।

अपने ही करियर की लगाई लंका

कोई माने या न माने, परंतु कोविड 19 बॉलीवुड के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं रहा। ऐसा नहीं है कि अन्य उद्योगों को कुछ नहीं हुआ, परंतु जितने झटके वित्तीय तौर पर एवं सामाजिक तौर पर इस उद्योग को लगे हैं, उतना शायद ही किसी अन्य उद्योग को लगा होगा।

परंतु इसमें भी दो लोग है, जिनकी कोविड ने जबरदस्त वाट लगाई है, और दोनों में एक बात समान है : वे वामपंथियों की आँखों में शूल की भांति चुभते हैं। एक तो हैं अपने “खिलाड़ी” कुमार यानि अक्षय कुमार, जो पिछले डेढ़ वर्ष से एक सफल फिल्म के लिए तरस रहे हैं, और “सेल्फ़ी” की असफलता ने उनके करियर पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं।

दूसरी हैं कंगना रनौत, जिनका भी कोई बेहतर हाल नहीं है। 2020 से ही वह एक सफल फिल्म के लिए तरस रही है। “थलाईवी” में जयललिता के रोल के लिए इन्हे प्रशंसा तो मिली, पर वित्तीय सफलता नहीं, और “धाकड़” एवं इनके रिएलिटी शो “लॉक अप” के बारे में जितना कम चर्चा करें, उतना ही अच्छा।

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ज़ी स्टूडियोज़ पर 6 करोड़ की देनदारी

परंतु कंगना रनौत की समस्या यहीं पर नहीं खत्म हो रही। अपने निर्देशन में बनी फिल्म “इमरजेंसी” के लिए उन्हे वितरक तो नहीं मिल रहे, ऊपर से इनके बयान आग में घी का काम करते हैं। रही सही कसर तो अब ज़ी स्टूडियोज़ ने इनसे अपना बकाया मांगकर पूरी की है।

बता दें कि ज़ी स्टूडियोज़ “थलाईवी” के वितरकों यानि डिस्ट्रीब्यूटर्स में से एक थी, और इस फिल्म के वित्तीय रूप से फ्लॉप होने के कारण उन्हे 6 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था। अब इसी संबंध में इन्होंने कंगना रनौत को नोटिस भेजा है, और उन्हे अविलंब उक्त राशि का भुगतान करने को कहा है, अन्यथा बात कानूनी कार्रवाई तक भी पहुँच सकती है।

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बहाने नहीं, सफलता से ही लगेगी नैया पार

अब अगर कंगना रनौत के बयानों पर ध्यान दे, तो ये सब एक साजिश है, उन्हे और उनके विचारों को दबाने के लिए। उनके अनुसार “इमरजेंसी” प्रदर्शित न हो, इसके लिए उनके रिलीज़ डेट पर अन्य लोग अपनी फिल्में लेकर आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने “गणपत” का उदाहरण दिया, जो उसी दिन प्रदर्शित हो रही है, जिस दिन “इमरजेंसी” सिनेमाघरों में आनी थी, यानि 20 अक्टूबर को।

परंतु ऐसे दलीलों से केवल सहानुभूति मिलती है, घर या करियर नहीं चलता। कंगना रनौत के पास इस समय लगभग 3 फिल्में लंबित है। एक फिल्म “टिकु वेड्स शेरु” में वह निर्माता के रूप में सक्रिय है, तो बाकी दो, “तेजस” एवं “इमरजेंसी” में वह अभिनेत्री के रूप में दिखेंगी। “इमरजेंसी” इनका सबसे बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट है, जिसमें कंगना रनौत इंदिरा गांधी की भूमिका में दिखेंगी।

अब इनमें से एक भी प्रोजेक्ट यदि असफल हुआ, तो फिर कंगना रनौत और स्वरा भास्कर में कोई अंतर नहीं रह जाएगा, अर्थात दोनों फिल्म से अधिक सोशल मीडिया पर ही बकवास करते दिखेंगी, और ये स्थिति कंगना किसी भी तरह स्वीकारना नहीं चाहेंगी। अब अंतिम निर्णय कंगना के हाथ में है, कि उन्हे बॉलीवुड की “क्वीन” के रूप में अपने आप को पुनः स्थापित करना है, या फिर अपने आप को विनाश के पथ पर बढ़ाना है।

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