अपराधी Abrahamic न हो तो उसकी जाति से लेकर उसके धार्मिक विश्वास पर होंगी टिप्पणी!

कहाँ से आते हैं ये लोग?

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल में  किरन पटेल नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। किरन पटेल  स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय का शीर्ष अधिकारी बताकर अपने इसी झूठ के बल पर जम्मू-कश्मीर के पूरे सरकारी तंत्र को नचा रहा था।  इसने जम्मू की वादियों का खूब आनंद लिया। खूब शैर सपाटा किया। महंगे होटल में रुका।

प्रशासन से इसे सुरक्षा भी मिली। जिसके बाद किरन पटेल पर पुलिस को संदेह हुआ और पुलिस ने  गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए होटल से ही किरन पटेल को गिरफ्तार कर लिया।

वामपंथी विनोद कापड़ी ने खोजा एंजेडा

जैसे ही ये मामला प्रकाश में आया तो लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे। लेकिन, सोशल मीडिया पर कुछ विनोद कापड़ी जैसे लोग हैं। जिन्हें प्रकरण चाहे कुछ भी लेकिन चलाना उन्हें अपना एंजेडा ही है।

इस प्रवृत्ति के एंजेड़ाधारी लोग पहले नाम से पता लगाते हैं कि आरोपी व्यक्ति किस जाति का है, फिर उसके धर्म को लेकर जांच की जाति है, उसके उपरांत अगला प्रोसेस होता है कि उसका किस पार्टी की ओर झुकाव है अगर बीजेपी की विचारधारा को वो व्यक्ति समर्थन करता है तो सोने पर सुहागा।

अब विनोद कापडी जो हिंदू को कोसने  के कोइ से मौके चूकते नही हैं जिन्होंने होली के त्योहार पर  हिंदूओं को भगवा आतंकी तथा भगवा गुंडे तक कह दिया था। अब किरन पटेल के प्रकरण में भी विनोद कापड़ी ने अपना एंजेड़ा खोज ही लिया।

अब वामपंथी विनोद कापड़ी जैसे लोग गुजरात का एंगल लेकर इस मामले पर हवा बनाने में लगे हैं। वामपंथी लॉबी सोशल मीडिया किरन पटेल के फोटोस को साझा करके अपनी एंजेड़ा साधे में लगी हैं।

जिसमें उन्हें वामपंथियों के आकाओं का पूरा समर्थन मिल रहा है। वामपंथी किरन का बीजेपी कनेक्शन बताकर इस प्रकरण खूब हवा दे रहे हैं। अब अगर किरन पटेल स्थान पर कोई अपराधी अल्पसंख्यक समुदाय से होता तो क्या तब भी वामपंथी लॉबी इसी तरह से व्यवहार करती?

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