प्रियंका चोपड़ा जोनस। ये शब्द सुनते ही आपके मन में एक ऐसी अभिनेत्री की छवि उभर आती है, जो अपने करियर के लिए कुछ भी करने को तैयार है। इनके विचार से कोई अनभिज्ञ नहीं, परंतु इनके विचार सदैव सटीक हो, ये भी सिद्ध नहीं होता। लेकिन इस बार, प्रियंका चोपड़ा का बॉलीवुड पर निशाना एकदम सटीक लगा है।
इस लेख में पढिये कि कैसे ही बातों ही बातों में प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड की गुटबाज़ी की पोल खोली है, और कैसे इनका निशाना इस बार सटीक लगा है।
घाव तो अपने देते हैं
प्रियंका चोपड़ा अक्सर अपने विचारों के लिए चर्चा का केंद्र बनी रहती है। कभी दीपावली पर अपने “ज्ञान के लिए”, तो कभी अपने सामाजिक न्याय वाले विचारों के लिए। परंतु आजकल प्रियंका चोपड़ा को बॉलीवुड में काफी समस्याएँ दिख रही है।
ये हम नहीं कह रहे हैं, स्वयं प्रियंका चोपड़ा ने ये बातें डेक्स शेफर्ड के पॉडकास्ट शो ‘आर्मचेयर एक्सपर्ट’ में यह बात कही है।
“बॉलीवुड में मिल रहे काम से मैं खुश नहीं थीं। मुझे किनारे लगाने की कोशिश की जा रही थी। मैंअकेली पड़ गईं थी। लोग मुझे कास्ट नहीं कर रहे थे। लोगों को मुझसे शिकायत थी। मैं इस तरह के गेम में माहिर नहीं हूँ। इसलिए मैं पॉलिटिक्स से थक गई थी और मुझे लगा कि अब ब्रेक की जरूरत है।”
“देसी गर्ल” से हॉलीवुड तक
2012 तक तो स्थिति फिर भी थे थी, परंतु 2013 से उन्हे साइड रोल में ही सिमटाया जाने लगा। या तो उन्हे आइटम गर्ल तक सीमित रखा जाता, या फिर अगर उन्हे लीड रोल मिलता, तो उनके लिए अधिक स्कोप नहीं होता। यह बात सबसे प्रत्यक्ष रूप से 2015 में ही दिखने लगी.
ये बात प्रत्यक्ष रूप से उभर के लोगो के समक्ष आने लगी जब “बाजीराव मस्तानी” में वह काशीबाई के रूप में लीड रोल में थी, परंतु उनसे अधिक लाइमलाइट दीपिका पादुकोण को मिली, जिनका अनुभव और स्क्रीनटाइम उनसे कम था।
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तो फिर ये “देसी गर्ल” हॉलीवुड की ओर कैसे मुड़ी?
प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि जब वह ‘7 खून माफ’ की शूटिंग कर रहीं थीं तब अंजुला आचार्य ने उन्हें एक म्यूजिक वीडियो में देखा था। इसके बाद अंजुला ने उन्हें फोन कर पूछा कि क्या वह अमेरिका में म्यूजिक इंडस्ट्री में काम करना चाहती हैं? यह सब ऐसे समय हुआ जब वह बॉलीवुड से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रही थीं। प्रियंका ने इसे हाथों हाथ लिया, और इसके बाद वह अमेरिका चली गईं।
“इस म्यूजिक ने मुझे दुनिया के दूसरे हिस्से में जाने का मौका दिया। मैं उन फिल्मों के लिए तरसना नहीं चाहती थी, जिन्हें मुझे करना ही नहीं था। लेकिन मुझे यह पता था कि इसके लिए क्लबों और ग्रुपों को छोड़ना पड़ेगा।। मुझे यह भी पता था कि इसके लिए बहुत अधिक मेहनत करनी होगी। मैंने बॉलीवुड में लंबे समय तक काम किया है। लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि अब आगे काम नहीं करना चाहिए। इसलिए जब म्यूजिक का ऑफर आया तो मैंने कहा कि भाड़ में जाओ, मैं तो चली अमेरिका।”
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ये शुभ संकेत नहीं
अब ऐसे में कंगना रनौत कैसे चुप रहती? प्रियंका के समर्थन सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कंगना ने कहा है कि जिस महिला ने अपने बलबूते सब कुछ हासिल किया उसे भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया। सब जानते हैं कि करण जौहर ने उसे बैन किया था।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा है, “मीडिया ने करण जौहर के साथ प्रियंका के मनमुटाव के बारे में खूब लिखा, क्योंकि शाहरुख के साथ उनकी दोस्ती थी। हमेशा से ही आउटसाइडर्स की तलाश में रहने वाले मूवी माफिया को प्रियंका चोपड़ा के रूप में सही पंचिंग बैग मिल गया था। उन्हें इस हद तक हैरेस किया गया कि भारत छोड़कर ही जाना पड़ा।”
परंतु करण जौहर प्रियंका को साइडलाईन करने के दोषी रहे हो या नहीं, ये तो अलग ही विषय है, लेकिन 2010 से ही ये दिखने लगा कि बॉलीवुड में प्रियंका चोपड़ा लिए कोई जगह नहीं है।
प्रियंका चोपड़ा वह हस्ती रही है, जिन्होंने बॉलीवुड के लगभग हर “आदर्श” का पालन किया, चाहे इससे उनकी कितनी भी भद्द पिटे। लेकिन अगर उन्हे ये बोलना पड़ रहा है कि उनके साथ बॉलीवुड ने न्याय नहीं किया, तब स्थिति वाकई में गंभीर हो रही है।
शायद “बाजीराव मस्तानी” में यूं ही नहीं कहा था प्रियंका ने, “परायों से क्या शिकायत करना, घाव तो अपनों के ज़्यादा चुभते हैं!”
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