जब 2014 के लोकसभा चुनाव की तारीख भी घोषित नहीं हुई, तब एक महापुरुष ने कहा था, “मैं लिख के देता हूँ, नरेंद्र मोदी कभी भी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। हाँ, अगर उन्हें संसद के बाहर चाय का स्टॉल लगाना हो, तो अवश्य बात की जाती है!” आगे क्या हुआ, इसके लिए कोई विशेष शोध की आवश्यकता नहीं। परंतु इतिहास शीघ्र ही दोहराने वाला है, बस अंतर पात्रों का है। कि कैसे सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी के बचाव के बहाने 2024 में भाजपा की विजय का प्रबंध कर दिया है।
सैम पित्रोदा ने किया राहुल का “शानदार बचाव”
राहुल गांधी पुनः चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, इस बार अपनी “ब्रिटेन यात्रा” के लिए। भारत तोड़ो, क्षमा चाहते हैं, “भारत जोड़ो यात्रा” की विश्व रिकॉर्ड सफलता के पश्चात अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलते हुए इन्होंने वैश्विक समुदाय से भारत में हस्तक्षेप करने के लिए गुहार लगाई थी।
अब भारतवर्ष के अस्तित्व पर राहुल के क्या सुविचार हैं, इससे शायद ही कोई अपरिचित होगा। परंतु सैम पित्रोदा को लगा, अभी थोड़ा मिर्च मसाला लगाना बाकी है। फिर क्या था, लग गए राहुल गांधी का बचाव करने।
राजदीप सरदेसाई के साथ अपने साक्षात्कार में महोदय कहते हैं कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ भी नहीं बोला है, जिसके लिए उन्हे क्षमा माँगनी पड़े। उन्होंने स्पष्ट कहा, “राहुल गांधी को विदेशी धरती पर कुछ भी कहने का पूरा पूरा अधिकार है, इसमें प्रॉब्लम क्या है? मीडिया के सहयोग से निर्वाचित नेताओं के खिलाफ झूठ और गलत सूचना के आधार पर एक सुनियोजित और सुव्यवस्थित व्यक्तिगत हमले शुरू करने का क्या मतलब है? लोग बिना राहुल का भाषण सुने झूठ फैलाने में मदद कर रहे हैं”।
परंतु सैम बाबू इतने पे न रुके। आगे कहते हैं, “आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि आप अपने देश के विरुद्ध कुछ नहीं बोल सकते? किसने इस सिद्धांत की उत्पत्ति की? संसार में हर कोई वास कर सकता है, तो ये तो बिल्कुल नहीं चलेगा कि आप दूसरे देश में जाकर अपने देश की बुराई नहीं कर सकते। आपको कुछ भी कहने का अधिकार है। मुझे नहीं समझ में आता कि प्रॉब्लम क्या है? प्रॉब्लम है कहाँ?”
Rahul Gandhi’s Right Hand Man abroad Sam Pitroda justifying that Bullshitting about one’s own country especially as an Indian leader on foreign soil and amongst non-Indians should be acceptable.
“What’s the Problem ?” like his “Hua toh Hua” attitude. pic.twitter.com/jZ6rC1taLZ
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) March 15, 2023
और पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा की “अपार सफलता” के बाद राहुल गांधी फिर से “लोकतंत्र के अभाव” पर रोने लगे
2019 में भाजपा के लिए वरदान थे सैम बाबू
सैम पित्रोदा के ये वचन सुनकर मणिशंकर अय्यर जहां भी होंगे, वे बहुत अधिक भावुक हुए होंगे। उन्हे भी प्रतीत हुआ होगा कि चलो, कोई तो है जो मेरे विचारों को ऐसे आत्मसात कर रहा है, जो कांग्रेस के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने को तैयार है।
परंतु ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव 2019 के समय इन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया था कि वह भाजपा के लिए वरदान सिद्ध हुआ।
1984 सिख दंगों के पीड़ित परिवारों का अपमान करते हुए उस वक्त सैम पित्रोदा ने कहा था ‘अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिये, 84 में जो हुआ वो हुआ, आपने क्या किया। उनके इस बयान से ऐसा लग रहा था मानो 1984 के सिख दंगो की घटना कोई मामूली सी बात हो। जब उनके इस बयान पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा था ‘‘मेरी हिन्दी कमजोर है। मैं कहना चाहता था कि जो हुआ वह बुरा हुआ, मैं दिमाग में ‘बुरा’ शब्द को अनुवाद नहीं कर पाया’’।
और पढ़ें- राहुल गांधी होना एक गुण है और अखिलेश यादव में यह गुण कूट-कूटकर भरा है
2019 में भाजपा के लिए वरदान सिद्ध हुए थे
पीएम नरेंद्र मोदी के बचपन की पृष्ठभूमि पर तंज कसने वाले मणिशंकर अय्यर ने 8 वर्ष पूर्व पाकिस्तान से सहायता मांगी थी। उन्होंने कहा था, “इन्हे हटाइए, हमें ले आइए”। ऐसे करते हुए उन्होंने अपने बड़बोलेपन से महोदय ने कांग्रेस की ही लंका लगा दी।
अब वर्षों बाद सैम पित्रोदा ने यही बीड़ा कांग्रेस पार्टी के लिए उठाया है। इन्हे भारत में काँग्रेसियों ने “टेक क्रांति’ के जनक के रूप में पेश किया था, परंतु जिस प्रकार से ये आजकल राहुल गांधी का प्रचार कर रहे हैं, आने वाले कल में सब इन्हे एक अद्वितीय योगदान के लिए अब्श्य स्मरण करेंगे जो है कांग्रेस को राजनीतिक रूप से निष्क्रिय एवं अक्षम बनाने की।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।