कनाडा से 700 भारतवंशी डिपोर्टेड : अवैध प्रवास कहाँ ले जा रहा देश को?

"कबूतरबाज़ी", कूटनीति पर प्रभाव और बहुत कुछ....

अपना घर छोड़ अपने सपनों को पूरा करने के लिए दूसरे देश जाना संसार के सबसे कठिनतम कामों में से एक है। भारत में लाखों युवा अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए विदेश का रुख करते हैं। विदेश जाने के लिए  ये युवा ट्रैवल एजेंटों और एंजेसियों का सहारा  लेते हैं। लेकिन युवाओं की यही अधिक धन कमाने और बेहतर जिंदगी जीने की चेष्ठा उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बना रही है।

इस लेख मे पढिये कि कैसे देश के युवाओं को कनाड़ा भेजने के नाम पर छल का शिकार बनाया जा रहा है और बताउंगा कि कैसे ये भारत की वैश्विक छवि के लिए अच्छा नही है।

दरअसल, पंजाब के युवाओं के अंदर पढ़ाई या कमाई करने के लिए कनाड़ा जाने का क्रेज सर चढ़ के बोलता है। पंजाब में विदेश जाने का क्रेज कितना अधिक है इस बात का आकलन आप इसी बात से कर सकते हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने से पहले वादा किया था कि वह ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं को विदेश भेजने और उनकी शिक्षा पर होने वाला सारा खर्च उठाएंगे।

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शिरोमणि अकाली दल ने भी कहा था कि विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का छात्र कार्ड बनाया जाएगा। कांग्रेस ने भी विदेश जाने वाले युवाओं के लिए विशेष फंड बनाने की बात कही थी।

देश में पंजाब से सबसे अधिक युवा कनाडा ही जाते हैं। कनाड़ा में पंजाब वासियों की संख्या इतनी है कि इसे मिनी पंजाब की संज्ञा दी जाती है। कनाड़ा में कई ऐसे शहर हैं जहां आपको हर चौथा शख्स पंजाबी मिल ही जाएगा। पंजाब के लोगों के कनाड़ा में बसने के पीछे का महत्वपूर्ण कारण ये भी है कि यहां की नागरिकता आसनी से मिल जाती है और इसका सबसे बड़ा कारण पंजाब में बढ़ रही बेरोजगारी,आरजकता और नशे की लत को भी माना जाता है।

कंपनियां देती हैं युवाओं को विदेश भेजने के लुभावने ऑफर

एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के युवाओं में विदेश जाने की इच्छा रखने वाले लगभग 80% युवा कनाडा ही जाना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के 75% अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे विदेश में जाकर पढ़ाई करें। क्योंकि उनका बच्चा अगर पंजाब रुका तो नशे की लत लगने की अधिक संभावनाएं रहती हैं। ऐसे में पंजाब में कई ऐसी कंपनियां उपस्थित हैं जो पंजाब के युवाओं को कनाड़ा भेजने के लोक लुभावने ऑफर देती हैं। कोई स्वयं को सबसे अच्छा एंजेट होने का दावा करता है तो कोई सबसे टिकाऊ।

लेकिन समय समय पर इन एंजेटों द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी के प्रकरण सामने आते रहते हैं। ये एंजेट और एंजेसियां युवाओं से मोटी कमाई करते हैं। जिनमें कई ऐसी कंपनियां हैं जो किसी तरह के जुगाड़ से फर्जी दस्तावेज बनाके युवाओं को विदेश भेज तो देते हैं लेकिन उनके  जीवन को संकट में ड़ाल देते हैं।

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700 भारतीय युवाओं को डिपोर्ट करने का कनाडा ने दिया नोटिस

जहां अब एक ऐसा ही प्रकरण कनाड़ा से सामने आया है। जिसमें कनाडाई सीमा सुरक्षा एजेंसी ने  700 युवाओं को डिपोर्ट करने का नोटिस दिया है। जिसके पीछे कारण है इन युवाओं के दस्तावेजों का फर्जी होना। बता दें कि ये सभी 700 छात्र जालंघर की एक एजुकेशन माइग्रेशन वीजा कंपनी के माध्यम से कनाडा पहुंचे थे। इसके लिए इन छात्रों के परिवार वालों ने मोटी रकम भी चुकाई थी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इन छात्रों से कनाडा के एक कॉलेज में प्रवेश के नाम पर 16 से 20 लाख रुपये की मोटी रकम ली गई थी। बाद में इन छात्रों को ये कह दिया गया कि सभी सीटें भर गई हैं, छह महीने बाद प्रवेश मिल जाएगा। जिसके बाद इन छात्रों ने वहां डिप्लोमा कोर्सों में प्रवेश ले लिया, जब जांच हुई तो सभी के वीजा दस्तावेज फर्जी पाए गए।

अगर अब हम ये कहें कि केवल पंजाब के युवा ही पढ़ाई के लिए विदेश जाने की ओर आर्किषित हो रहे हैं तो ये एक प्रकार की बेईमानी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 में लगभग 3 लाख अधिक छात्र विदेशी शिक्षा लेने देश से बाहर गए हैं।  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2017 से 2022 के समय अंतराल में विदेश जाकर हायर एजुकेशन हासिल करने वाले भारतीयों की संख्या 30 लाख से अधिक रही है।

वर्ष 2017 में करीब 4 लाख 54 हजार 9 छात्र विदेश पढ़ने गए। वहीं वर्ष 2018 में ये संख्या बढ़कर 5 लाख 17 हजार 998 हो गई। वर्ष 2019 की बात करें तो 2019 में 5 लाख 86 हजार 337 छात्र विदेश पढ़ने गए। 2020 में 2 लाख 59 हजार 655 छात्र विदेश पढ़ने गए। 2021 में 4 लाख 44 हजार 553 छात्र विदेश पढ़ने गए। पिछले वर्ष यानि वर्ष 2022 की बात करें तो 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 मैं बड़ा उछाल देखने को मिला है।  2022 में कुल 7 लाख 50 हजार 365 विदेश पढ़ने गए हैं।

ऐसे में विदेश में पढ़ाई करने की छात्रों की इस महत्वकांक्षा का एंजेट और एंजेसियां दुरुपयोग कर रही हैं। छात्रों से मोटी रकम तो ये एंजेट वसूलते ही हैं साथ इन युवाओं की जान को भी खतरे में ड़ालते हैं। अब इन एंजेटों और एंजेसियों के ये करतूतें भारत के लिए बिल्कुल भी ठीक नही हैं। भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये एंजेसियां धूमिल करने का काम रही हैं। युवाओं का ये अवैध पलायन भारत की छवि के लिए अच्छा नही है। ऐसे में इनकी सही पहचान करके इन विरुध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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