पाकिस्तान के लिए अब कोई “इस्लामिक भाईचारा” नहीं!

पैसा नहीं, तो कुछ नहीं!

किसी ने सही कहा है, “जब तक पैसा है, दुनिया बोले, ‘भाई कैसा है?’ “। ये बात पाकिस्तान पर शत प्रतिशत लागू होती है।

तंगहाली और भुखमरी से जूझ रहे पाकिस्तान के संबंध में कुछ देशों ने ऐसे निर्णय लिए हैं, जो इस मुल्क के लिए कोढ़ में खाज समान होंगे।

असल में सऊदी अरब और कुवैत जैसे देशों ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देने से स्पष्ट मना किया। सऊदी का यह भी मानना है कि वे अपने नागरिकों के प्रति बाध्य हैं, ऐसे में वे पाकिस्तान को फर्जी में “Easy Money” यानि सहूलियत सहित वित्तीय सहायता नहीं प्रदान कर सकते।

परंतु सऊदी अरब अकेला नहीं है। कुवैत से हाल ही में पाकिस्तान ने एक अनुबंध किया, जिसके अंतर्गत लगभग 3 लाख 30 हजार डॉलर्स का भुगतान किया गया, ताकि कुवैत के साथ तेल की आपूर्ति न रुके।

इसी बीच कनाडा ने स्पष्ट कर दिया कि वह उसे अब किसी प्रकार की सैन्य सहायता नहीं कर पाएगा। ऐसे में पाकिस्तान लगभग सम्पूर्ण संसार से अलग थलग पड चुका है, और “इस्लामिक भाईचारा” का राग भी उसके किसी काम नहीं आ रहा है।

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