Hindu rate of growth: कुछ लोग स्वभाव से ही ये प्रदर्शित करने को आतुर रहते हैं, कि हम ही हम हैं, बाकी सब पानी कम है। ऐसे ही एक महानुभाव है रघुराम राजन. एक समय में जो कभी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और अर्थशास्त्र पर भारत के सबसे प्रमुख वक्ताओं में से एक हुआ करते थे। आज ऊटपटाँग बयानों के पीछे उपहास का केंद्र बने हुए हैं।
लेकिन रघुराम राजन के वर्तमान स्वभाव को देखकर ऐसा नहीं लगता कि वे इस सत्य को स्वीकारना भी चाहते हैं। उनके अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था बहुत खराब है, और यदि स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो हम “हिन्दू रेट ऑफ ग्रोथ” (Hindu rate of growth) की ओर आ जाएंगे।
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असल में Hindu rate of growth टर्म उस समय की आर्थिक प्रगति के लिए प्रयोग में लाया गया, जब भारत में आर्थिक विकास लगभग नगण्य था, या कछुआ चाल से चलता था। परंतु उस समय भारत नेहरुवादी समाजवाद की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, तो आज इस घृणास्पद टर्म का उपयोग क्यों और किसलिए?
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