जयशंकर के बाद निर्मला ताई ने पश्चिमी पत्रकारों का भरता बना दिया

क्या सोच रहे थे ये पत्रकार?

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Nirmala Sitharaman interview: मोहल्ले में आपने कभी न कभी एक “बिट्टू की मम्मी” अवश्य देखी होगी। खुद के घर में आग लगी हो, परंतु दूसरों को उपदेश देने से पीछे न हटेंगी। अमेरिका भी ऐसी ही “बिट्टू की मम्मी” हैं, वो अलग बात है कि एक बार फिर इनका उपहास उड़ाया गया, और इस बार मोर्चे पर थी निर्मला सीतारमण।

इस लेख में मिलिये पढिये कि कैसे निर्मला ताई (Nirmala Sitharaman interview) ने पाश्चात्य मीडिया को उन्ही की भाषा में कूट दिया।

निर्मला ताई आई “Out of Syllabus”……

अमेरिकी मीडिया का बहुत ही बुरा समय चल रहा है।

हाल ही में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman interview) ने सोमवार, यानी 10 अप्रैल 2023 को वॉशिंगटन डीसी में स्थित अमेरिकी थिंक टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (PIIE) में पश्चिमी देशों को लताड़ा। उन्होंने भारत में मुस्लिमों की स्थिति सहित देश को लेकर नकारात्मक ‘धारणा’ का उन्ही की भाषा में सटीक जवाब दिया।

सीतारमण ने भारत में ‘मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा’ को लेकर किए गए सवाल पर बहुत गंभीरता से जवाब दिया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है और यह आबादी 1947 से लगातार बढ़ रही है।”

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अल्पसंख्यक कम कहाँ है?

इसी बीच किसी अति उत्साही पत्रकार ने “अल्पसंख्यकों के अधिकार” पर चर्चा करनी चाही। इस पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, “भारत को विभाजित करके पाकिस्तान का गठन किया गया। उस दौरान पाकिस्तान ने खुद को इस्लामी मुल्क घोषित किया, लेकिन यह भी घोषणा कि अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाएगी। हालाँकि, वहाँ हर अल्पसंख्यक वर्ग को खत्म कर दिया गया। मामूली बातों पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर अल्पसंख्यकों को मारा जा रहा है”।

Interview में वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman ने आगे कहा, “अगर कहीं अल्‍पसंख्‍यकों की संख्‍या में गिरावट आई है तो वह पाकिस्तान है। यहाँ तक कि पाकिस्तान में मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों को भी खत्म कर दिया गया। वहाँ मुहाजिर, शिया, अहमदिया के खिलाफ हिंसा हो रही है। मुख्यधारा वाली सुन्नी समुदाय द्वारा जो भी वर्ग स्वीकार नहीं किए गए, उनका खात्मा कर दिया गया। भारत में हर वर्ग के मुस्लिमों को सरकार सहायता कर रही है और उनके बच्चे शिक्षा पा रहे हैं।”

PIIE के अध्यक्ष ऐडम एस पोसेन को भारत को लेकर पश्चिम की नकारात्मक धारणाओं का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “भारत में जो हो रहा है उस पर नजर डालिए, न कि उन लोगों द्वारा बनाई जा रही धारणाओं को सुनें, जो जमीन पर गए तक ही नहीं हैं और रिपोर्ट पेश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जो भी ये रिपोर्ट पेश कर रहे हैं, वे भारत आएँ और खुद देखें।

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समस्या है तो भारत आइये… ..

पोसेन ने Interview में वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman से भारत में निवेश पर असर डालने वाली धारणाओं को लेकर भी सवाल किए। इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “इसका जवाब उन निवेशकों के पास है, जो भारत आ रहे हैं। ये वो निवेशक हैं, जो पिछले कई सालों से भारत आ रहे हैं। कोई भी निवेशक, जो निवेश करना चाहता है, उसे मैं सिर्फ यही कहूँगी कि वो ये देखे कि भारत में क्या हो रहा है न कि उन कुछ लोगों की गलत धारणाओं पर यकीन करें जो जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं और बस रिपोर्ट तैयार कर देते हैं।”

दरअसल, निर्मला सीतारमण विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका में है। इस दौरान उन्होंने WTO को भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि WTO को और अधिक प्रगतिशील बनना चाहिए और सभी देशों की बातों को भी सुनना चाहिए, ना कि सिर्फ अपनी बात सुनाते रहना चाहिए।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। निर्मला तो निर्मला, इससे पूर्व भी भारत ने कई अवसरों पर पश्चिमी पत्रकारों की हेकड़ी निकाली है। एस जयशंकर के नेतृत्व में भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यदि हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप हुआ तो भारत के पास भी विकल्प खुले हैं। हरदीप सिंह पुरी और पीयूष गोयल ने भी अमेरिका के दोहरे मापदंडों पर उन्हे घेरा है। इसमें कोई दो राय कि अमेरिका भी 2024 के चुनावों में रुचि ले रहा है, और निर्मला ताई ने इनके एजेंडा समय से पूर्व ही फोड़ दिया है।

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