Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद की मृत्यु के पीछे का “गुड्डू-सुंदर” कनेक्शन

कुछ तो गड़बड़ है!

Atiq Ahmed Murder

Atiq Ahmed Murder: किसी फिल्म में ये बात सुनी थी। बड़ा मस्त संवाद था, जिसमें एक युवक पूछता है, “मेरे पिताजी ऐसे ही कहीं चले गए होंगे, ये नहीं हो सकता”, तो दूसरे व्यक्ति ने मुसकाते हुए कहा, “इस दुनिया में कुछ भी ऐसे ही नहीं होता”। ठीक इसी भांति अतीक अहमद का एकाएक मार गिराया जाना कोई संयोग नहीं।

इस लेख में पढिये विश्लेषण इस बात का कि आखिर अतीक अहमद की मृत्यु (Atiq Ahmed Murder) के पीछे किसका हाथ हो सकता है, और क्या कोई ऐसा भी एंगल है, जिसपर कोई भी प्रकाश नहीं डालना चाहता।

Atiq Ahmed Murder ने सारे समीकरण बदले

हाल ही में प्रयागराज में मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाते समय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कुछ हमलावरों ने गोलियों से भून दिया। तीनों आरोपी अविलंब हिरासत में लिया गए, और पूछताछ जारी है।

परंतु Atiq Ahmed Murder को किसने अंजाम दिया, इससे किसी को क्या प्राप्त होगा, इसपर भी जांच पड़ताल जारी है। अगर वामपंथियों की माने, तो भई ये सब कुछ हिन्दू आतंकवाद को बढ़ावा देने का परिणाम है, और स्वघोषित फ़ैक्ट चेकर से लेकर राजनीतिक हस्तियाँ तक इस फटे ढोल को पीटने में लगी हुई है।

परंतु चूंकि उक्त वीडियो में कथित तौर पर “जय श्री राम” के नारे लगाए गए, इसलिए एजेंडावादियों का हाल ऐसा था, मानो डूबते को तिनके का सहारा मिल गया। वो तुरंत टूट पड़े योगी प्रशासन पर हिन्दू आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए।

क्या मीर फैसल, क्या मोहम्मद ज़ुबैर, सभी योगी प्रशासन, विशेषकर सीएम योगी को इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाने लगे। कुछ तो यहाँ तक दावा करने लगे कि इनके घरों पे बुलडोज़र नहीं चलेगा, क्योंकि ये एक विशिष्ट समुदाय से नहीं आते ।

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ये सुंदर भाटी कौन है?

परंतु इसी बीच ये भी सामने आ रहा है कि अभियुक्तों को हथियार सप्लाई करने में एक सुंदर भाटी का भी हाथ है। अब ये कौन है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या में जिगाना पिस्टल का प्रयोग हुआ है। जिगाना पिस्टल तुर्की में बनती है, और यह हथियार भारत में प्रतिबंधित है। यह पिस्टल सुंदर भाटी गैंग द्वारा सनी सिंह को देने की आशंका जताई जा रही है।

मूल रूप से हमीरपुर के रहने वाले सनी सिंह के सुंदर भाटी से सम्पर्क जेल में होने की बात कही जा रही है। जिगाना पिस्टल आरोपितों के पास कहाँ से आई इसका खुलासा फिलहाल अभी नहीं हो पाया है। पुलिस को अभी तक सुंदर भाटी और अतीक अहमद के बीच किसी पुरानी दुश्मनी का भी सुराग नहीं मिल पाया है।

सुंदर भाटी फिलहाल सोनभद्र जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अब कुछ ये भी आशंका जता रहे हैं कि चूंकि इन्ही हथियारों से विवादित गायक सिद्धू मूसेवाला को भी गोलियों से भूना गया था, इसलिए इसमें लौरेंस बिश्नोई के गैंग का भी नाम हो सकता है।

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कहीं गुड्डू मुस्लिम ही तो….

ऐसे में अतीक अहमद के मारे (Atiq Ahmed Murder) जाने के बाद अपराधियों ने “जय श्री राम” के नारे क्यों लगाए, इसपे अवश्य जांच बिठाई जानी चाहिए। परंतु एक बात और भी है, जिसपे कम ही लोगों ने ध्यान दिया, और उसके मीम अधिक बनाए हैं।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं अतीक और अशरफ के अंतिम शब्दों, “मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम”…. पर। अब जिन्होंने इस केस को थोड़ा बहुत भी फॉलो किया होगा, उन्हे इतना तो पता होगा कि गुड्डू मुस्लिम इनका विश्वासपात्र था, जिन्होंने उमेश पाल वाले कांड में बम फोड़ा था। तब से वह फरार चल रहा है, और उसके पीछे उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र, दोनों की पुलिस फोर्स लगी हुई है।

इतना ही नहीं, एक रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि अतीक अहमद के बाद उसकी गैंग का मुखिया गुड्डू मुस्लिम बनना चाहता था। हालाँकि अतीक की पसदं उसका भाई अशरफ था। आशंका जताई जा रही है कि यह बात गुड्डू मुस्लिम को रास नहीं आई होगी और उसने अतीक और अशरफ की हत्या करवा दी होगी।

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फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, परंतु अब गुड्डू मुस्लिम और सुंदर भाटी का इस केस से नाता अनदेखा नहीं किया जा सकता। सत्य इनके बीच में ही कहीं अटका है।

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