फरहाद सामजी, कृपया भारतीय जनता के धैर्य की परीक्षा न लें….

अब ये ज्यादा हो रहा है....

कुछ लोगों के रूप रंग चाहे जैसे हो, इनकी हरकतें ऐसी है कि इनके प्रकट होते ही जनता के मन में यही ख्याल आएगा : निर्लज्ज, तू फिर आ गया? फरहाद सामजी के साथ भी यही मामला है, और इनकी निर्लज्जता अब भारतीय जनता के धैर्य की परीक्षा लेने को उद्यत है, और ये शुभ संकेत नहीं है।

इस लेख में पढिये फरहाद सामजी की बेशर्मी, और कैसे वे जनता को चुनौती देने पर उतर आए हैं।

“हिम्मत है तो रोक ले….”

जब से ये समझ में आया है कि फरहाद सामजी “हेरा फेरी 3” का निर्देशन करेंगे, तो जनता का क्रोध सातवें आसमान पर है। जो व्यक्ति OTT पर भी मल विसर्जन करे, उसकी आरती तो न ही उतारेंगे, और बात किसी छोटे मोटे फ्रैन्चाइज़ की नहीं, “हेरा फेरी” की है, जिसपर एक भी गलत कदम भारतीय फिल्म उद्योग से कॉमेडी का विध्वंस करने के लिए पर्याप्त होगा।

परंतु इससे फरहाद सामजी को क्या? वे तो उलटे जनता के धैर्य की परीक्षा लेने पर उतारू है। इनका मानना है कि “हेरा फेरी 3” में बतौर निर्देशक शामिल होने के लिए जो लोग उसका विरोध कर रहे हैं, उन्हे कॉमेडी का ज्ञान नहीं है और उनकी अनावश्यक आलोचना कर रहे हैं।

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फरहाद सामजी के अनुसार,

“अभी तो फिल्म की आधिकारिक घोषणा भी नहीं हुई है, सो मुझे नहीं पता कि सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर सवाल उठाने वाले ये लोग कौन हैं? हर कोई अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है और अगर किसी को कोई दिक्कत होती है तो हम उसे बेहतर फिल्में बनाकर और अच्छे पंच लिखकर ठीक करने की कोशिश करेंगे”।

ये तो कुछ भी नहीं है

चलो, यहाँ तक तो वह एक विशुद्ध कलाकार के रूप में बोले, और एक बार को लगा कि भाई गलत तो कुछ नहीं बोला। परंतु इसके बाद जो महोदय ने बोला, उससे तो मानो यही संदेश गया कि हम तो ऐसे ही करेंगे, हिम्मत है, तो रोक के दिखा।

फरहाद के अनुसार, “मेरा इरादा हर तरह के दर्शकों से अपील करना है और उन्हें एक ऐसी फिल्म देना है, जिसमें रोमांस, मसाला, एक्शन और कॉमेडी का मिश्रण हो। ‘हाउसफुल 4’ अक्षय कुमार की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। अगर, हम देखें तो कार्तिक आर्यन स्टारर ‘भूल भुलैया 2’ भी सफल परियोजनाओं में शामिल है”।

परंतु ठहरिए, ई तो अभी सुरुवात है बबुआ। इनके अनुसार, “किसी का भाई, किसी की जान”, उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है, और इसका इंटरवल सीन इससे पहले किसी ने नहीं देखा होगा।

इतना ही नहीं, फरहाद भाईजान ये भी कहते हैं, “हमारी इंडस्ट्री में एक बड़ी प्रॉब्लम है।  जितनी कामयाबी से मोहब्बत है, उतनी ही कामयाब लोगों से नफरत है। कॉमेडी फिल्म 100 करोड़ भी कमा ले, तो उसे इज्जत नहीं मिलती है।  हमें अपना ये माइंडसेट बदलने की ज़रूरत है। हम सबको साथ आकर एक-दूसरे को सपोर्ट करना चाहिए। अगर ‘किसी का भाई किसी की जान’ चल जाती है, तो इंडस्ट्री में जोश आ जाएगा। हमें अपनी इंडस्ट्री अलग लेवल तक ले जाना है।” कंट्रोल पांडे, कंट्रोल!

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जनता को मूर्ख न समझें!

फरहाद सामजी, आपका रिकॉर्ड तो कुछ और ही गवाही देता है। हमें तो आश्चर्य होता है कि श्रेयस तलपड़े और अजय देवगन जैसे लोग अपके सड़ियल और मरियल संवादों से कैसे लोगों को हंसा लेते हैं, क्योंकि अगर कोई “हाउसफुल 4” और “बच्चन पांडे” देख ले, तो वह आपको ढूँढता हुआ आएगा, वह भी तलवार सहित। कॉमेडी का ऐसा चीरहरण किसी को स्वीकार नहीं भाई, और तेरे हाथों तो बिल्कुल नहीं।

और जो ये बात कर रहे हैं कि जनता को ज्ञान नहीं है, तो महोदय एक बात बता दें, अकड़ में तो आमिर खान तक कूट दिए गए हैं, आप कौन हो भाई? जिस “भूल भुलैया 2” की आप बात कर रहे हो, वो इसलिए भी चली, क्योंकि आप संवाद लिखने तक ही सीमित थे, और कार्तिक आर्यन एवं तब्बू ने कुछ दमदार रोल भी निभाए थे। रही बात जनता को चुनौती देने की, तो फरहाद सामजी अकेले नहीं है, उनसे पूर्व भी कुछ नमूने ये शुभ कार्य कर चुके हैं, जिनमें करण जौहर से लेकर अर्जुन कपूर, रणबीर कपूर तक सम्मिलित हैं, और सब मुंह के बल गिरे हैं। अगर “तू झूठी मैं मक्कार” न आई होती, तो रणबीर को एक अच्छी फिल्म के लिए अगस्त 2023 तक संभवत: प्रतीक्षा करनी पड़ती। ऐसे में अगर “किसी का भाई, किसी की जान” को कुछ हुआ, तो हमारा तो पता नहीं, सलमान खान को समर्पित एक विशिष्ट जनसमूह है, और वो आप को छोड़ेगी नहीं!

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