Amritpal arrest: कैसे हिरासत में आया अमृतपाल?

कब तक बचकर निकल जाता?

Amritpal arrest

कैसे हिरासत (Arrest)में आया अमृतपाल (Amritpal) ?

कहते हैं कि एक अपराधी की दो ही जगह निश्चित होती है : या तो जेल में, नहीं तो… …  कहीं न कहीं अमृतपाल भी इसी बात से प

रिचित था, इसीलिए अब वे पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।

इस लेख में जानिये कारण जिनके पीछे कभी भारत के प्रशासन को चुनौती देने वाला अमृतपाल आज सलाखों के पीछे है।

Amritpal arrest: पुल्स आगी पुल्स

हाल ही में  अमृतपाल को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर आई है। आज सुबह ही उसे मोगा के एक गाँव से हिरासत में लिया गया। कुछ सूत्रों की माने तो उसने आत्मसमर्पण किया है।

अमृतपाल पिछले 36 दिनों से भागा-भागा फिर रहा था। उसे पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस के साथ-साथ अन्य एजेंसियाँ कड़ी मशक्कत कर रही थीं।

अमृतपाल पर थाने पर हमला करने से लेकर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और जनता द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ जाँच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ भी उसके संबंध दिखे हैं।

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया है।  फिल्हाल के लिए अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल स्थानांतरित किया गया है।

Amritpal arrest: सरेंडर या गिरफ्तारी

अमृतपाल कैसे पुलिस की हिरासत (Amritpal arrest) में आया, इसपर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कुछ सूत्रों का मानना था कि अमृत्पाल ने समर्थन जुटाने के लिए मोगा के रोड़े गाँव में एक गुरुद्वारा में  शरण ली थी, और शनिवार को उसने यहाँ एक बड़ी सभा की और लोगों के बीच भाषण दिया। इसके बाद नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने सरेंडर किया।

अमृतपाल के अनुसार, “जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वह गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। गिरफ्तारी से पहले उसने कहा, “यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वे सब सभी ने देखा है।”

उसने आगे कहा, “अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती, तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे। हम सहयोग करते। दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं। सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। एक महीने बाद फैसला किया, इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है।” हालांकि पंजाब पुलिस ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने Amritpal को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत Arrest किया है। पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वे फर्जी न्यूज ना फैलाएँ।

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कहाँ तक बचकर जाता?

वैसे बात तो खरी कही अमृत्पाल ने, लेकिन कथनी और करनी में अंतर होता है। अगर ये इतने ही कर्तव्यनिष्ठ थे, तो एक माह तक भेस बदल बदल क्यों भाग रहे थे? एक भगोड़े अपराधी की भाँति क्यों दिखा रहे थे कि वे केवल बातों के शेर हैं।

असल में अमृतपाल का कोई दीन ईमान नहीं है। पहले तो उसने पंजाब में अपने लिए सहानुभूति जुटानी चाही, परंतु जिस तरह वो भागा, उसने कई लोगों को सम्बल दिया कि वे भी इस भगोड़े के विरुद्ध आवाज उठा सकते हैं। केंद्र सरकार पहले ही उसके षड्यंत्रों को निष्फल करने में जुटी हुई थी, और आश्चर्यजनक रूप से ही सही, परंतु पंजाब प्रशासन ने भी इनका साथ दिया।

इसके अतिरिक्त अमृतपाल के आकाओं का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपद्रव उल्टे भारत के लिए वरदान सिद्ध हुआ। स्वयं भारतीय सिखों ने उसके विरुद्ध मोर्चा संभाल लिया। स्वयं SGPC को भी अंत में मुँह मोड़ना पड़ा, क्योंकि वे दूसरा भिंडीवाला, क्षमा करें, भिंडरावाले अफोर्ड नहीं कर सकते थे।

ऐसे में कब तक बचता भगोड़ा अमृतपाल?

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