गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज़ : कहानी उत्तर प्रदेश के सबसे शातिर टेरर मास्टरमाइंड की !

हल्के में न लें इन्हे!

गुड्डू मुस्लिम

केवल शत्रु वही खतरनाक नहीं जो घात करे या फिर किसी के अथॉरिटी को ललकारे। शत्रु वो अधिक खतरनाक है, जिसके ऊपर किसी का हाथ न हो, और जो बच निकलने में माहिर हो। अगर किसी को लग रहा है कि अब उत्तर प्रदेश में माफिया खत्म हो चुका है, तो ये अर्धसत्य है, क्योंकि गुड्डू मुस्लिम को कमतर आँकने की भूल नहीं कर सकते।

इस लेख में पढिये उस गुड्डू मुस्लिम के बारे में , जो कहाँ से आया, कहाँ से नाता रखता है, किसी को नहीं पता, परंतु जो भी इसके निशाने पर आया, उसका बचना लगभग असंभव है।

अतीक अहमद की मृत्यु में इनका हाथ?

जबसे उमेश पाल की हत्या हुई, और उसके बाद योगी सरकार ने अतीक अहमद के माफिया बिरादरी पर धावा बोला, तब से एक व्यक्ति का नाम ज़ोरों शोरों से गूँजता है, और वो है गुड्डू मुस्लिम। यह नाम सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में फिलहाल गुड्डू मुस्लिम टॉप मोस्ट बताया जा रहा है। होगा भी क्यों नहीं, इनका नाम मृत्यु से पूर्व अतीक और अशरफ की जुबान पे जो था।

परंतु गुड्डू मुस्लिम आखिर है कौन? ये कहने को अतीक अहमद का खास था, परंतु इनकी वास्तविक प्रतिबद्धता अपराध जगत के प्रति है, किसी एक गुट के प्रति नहीं। यूं समझ लीजिए कि ये यूपी माफिया का वो लौंडा है, जिसे जब जो जिम्मेदारी सौंपी जाए, वो उसे अपने स्टाइल में पूरा करके ही दम लेगा। न सवाल न तर्क, सीधा काम ऑन टारगेट, 100 प्रतिशत क्षमता के साथ। अगर गुड्डू मुस्लिम किसी कॉर्पोरेट ऑफिस का कार्यकर्ता होता है, तो उसके ऑल राउंडर क्षमताओं के लिए उसे कुछ ही सालों में फ्रेशर से यदि CEO नहीं, तो प्रमुख प्रबंधक अवश्य बनाया जाता।

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हर अपराधी का भरोसेमंद….

परंतु गुड्डू मुस्लिम इतना घातक कैसे बना? कहते हैं कि 15 साल पहले जब गुड्डू किसी मामले में जेल गया था तब अतीक अहमद ने ही उसकी जमानत करवाई थी। तब से वह अतीक अहमद के प्रमुख गुर्गों में से एक बन गया। गुड्डू को बम बनाने का एक्सपर्ट बताया जा रहा है। उमेश पाल पर हमले के दौरान बमबाजी की गई थी जो CCTV फुटेज में रिकॉर्ड भी हुई थी। इसके अलावा वह अतीक अहमद के लिए लखनऊ में टेंडर भी मैनेज करवाया करता था। गुड्डू के बारे में यहाँ तक कहा जा रहा है कि वह बाइक पर चलते हुए भी बम बाँध कर उसे टारगेट पर फेंक सकता है। इनके इसी भांति बम बनाने और उसे सटीकता से प्रक्षेपित करने के पीछे इसे “गुड्डू बमबाज़” भी कहा जाता है।

गुड्डू का उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार के उदयभान जैसे माफियाओं से अच्छा कनेक्शन बताया जा रहा है। यूं समझ लीजिए कि इनका एक पैर यूपी में, तो दूसरा बिहार में रहता है। ये तनिक चिंताजनक भी है, पर उसके बारे में बाद में।  कहते हैं कि एक समय गुड्डू मुस्लिम यूपी के सबसे कुख्यात गैंगस्टर्स में से एक, श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ भी गुड्डू मुस्लिम रह चुका है। तब वह श्रीप्रकाश शुक्ला का शागिर्द था। स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) द्वारा श्रीप्रकाश के इनकाउंटर के बाद गुड्डू ने अतीक अहमद का साथ पकड़ लिया। अतीक और उसका याराना लगभग 2 दशक पुराना बताया जा रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम राजू पाल की हत्या में भी शामिल रहा था। उसके खिलाफ CBCID ने चार्जशीट भी दाखिल की और वह बिहार में गिरफ्तार भी हुआ था। कुछ समय जेल में रहने के बाद गुड्डू की जमानत हो गई थी। तबसे वह खुद अपराध करने के बजाए शूटरों को निर्देश दिया करता था। एक लम्बे समय के बाद किसी अपराध में गुड्डू मुस्लिम की सीधी संलिप्तता सामने आई है। ये पुलिस के हाथों से ऐसे निकल जाता था, जैसे मुट्ठी से रेत। आज से पूर्व भी गुड्डू मुस्लिम कई बार यूपी से लेकर बिहार, यहाँ तक कि महाराष्ट्र पुलिस के हाथ आते आते रह गया था।

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“मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम”

अतीक अहमद और अशरफ ने जब यह चर्चा की, “मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम”, तो उसी समय उन्हे गोलियों से भून दिया गया। ऐसा क्यों हुआ? यदि गुड्डू मुस्लिम इनके प्रति निष्ठावान होता, तो शायद ये नौबत भी न आती। कुछ तो यह भी कह रहे हैं कि सारा प्रकरण गुड्डू मुस्लिम द्वारा किया कराया गया है।

परंतु गुड्डू मुस्लिम इस समय किधर हैं? कुछ कहते कि वो यूपी में है, कुछ महाराष्ट्र में, तो कुछ कहते कि वो बिहार में है। अब अगर बिहार में वे वास्तव में है, तो ये यूपी प्रशासन के लिए अधिक चिंताजनक है, क्योंकि एक : बिहार में अपराध प्रेमी तेजस्वी यादव और नाम के लिए नीतीश कुमार का प्रशासन है, और दूसरा, बिहार से नेपाल का बॉर्डर सटा हुआ है। ऐसे में गुड्डू अगर नेपाल पहुँच गए, तो भारत के लिए उन्हे पकड़ना नंगे पैर पहाड़ चढ़ने जितना कठिन होगा।

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