अब IMF भी स्वीकारता : डिजिटल क्रांति में भारत का जवाब नहीं!

अच्छा है, बहुत अच्छा है!

IMF report: भारत की डिजिटल पेमेंट प्रणाली ने कैसे इस देश का कायाकल्प किया है, वह किसी से छुपा नहीं है। आजकल विदेश में UPI का डंका ज़ोरों से बजता है, और Visa और Mastercard जैसे एजेंसी चाहकर भी इसे पछाड़ नहीं पा रहे।

अब IMF report ने भी इस बात का लोहा माना है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत ने जिस प्रकार से डिजिटल संरचना में परिवर्तन किया है, वह अतुलनीय है, और इससे पार पाने में अन्य प्लेयर्स को काफी लंबा समय लगेगा।

2014 में सत्ता संभालते ही भाजपा ने वित्तीय व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन करने का निर्णय किया है। जिस देश में बैंक अकाउंट खोलने में लाले पड़ जाते थे, उस देश में बैंकिंग का डिजिटलीकरण करना पहाड़ चढ़ने से कम दुष्कर नहीं है।

परंतु मोदी सरकार ने इस ‘असंभव कार्य’ को भी संभव कर दिखाया, और कोविड की महामारी अप्रत्यक्ष रूप से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए वरदान सिद्ध हुई। आज IMF report द्वारा इस बात की पुष्टि होना ये भी सिद्ध करता है कि भारत को किसी भी मोर्चे पर अब हल्के में नहीं ले सकते।

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